खंडवा जिले में 24 गौशालाएं 3727 गोवश इन गौशाला में पल रहे हैं लेकिन सितंबर से अब तक नहीं मिला गायों की खुराक का पैसा सरकार हो अनुदान दे रही है प्रति गए उससे तीन गुना खर्चा हो रहा हर गाय पर गौशाला वालो को इधर उधर से मदद लेकर गौशालाए कर रहे हैं संचालित
खंडवा जिले में 9 महीने पहले अनुदान को दोगुना करने की घोषणा की गई थी, लेकिन अभी भी प्रति गोवंश केवल 20 रुपया ही मिल रहे हैं, जबकि खर्च प्रति गोवंश पर 65 रुपया से ऊपर आता है. खंडवा में 24 गौशालाएं हैं, जिनमें 3,727 गोवंश रह रहे हैं. सितंबर से अब तक गायों की खुराक का पैसा नहीं मिला है. सरकार का अनुदान पर्याप्त नहीं है, जिससे गौशालाओं को इधर-उधर से मदद लेकर संचालित करना पड़ रहा है.
श्री गणेश गोशाला के सचिव रामचंद्र मौर्य बताते हैं कि अनुदान की घोषणा पूरी नहीं हुई है और पैसा भी 2-3 महीने में आता है. वह अपनी गौशाला को दुकान या शासन के माध्यम से चला लेते हैं. लेकिन जो गौशाला सिर्फ शासन पर निर्भर है, उनकी हालत बेहद खराब है. इसलिए वे निवेदन करते हैं कि सरकार अपनी घोषणा को जल्द पूरा करे.
चारे की बढ़ गई दाम
मौजूदा समय में 11 रुपया किलो भूसा हो चुका है, लेकिन वह भी नहीं मिल रहा है. एक गाय पर 70 रुपए का खर्च आता है, लेकिन सरकार केवल 20 रुपए देती है. वह भी समय पर नहीं मिलते. शहर में स्थित गौशालाएं सामाजिक संस्थाओं की मदद से चल जाती हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों की गौशालाओं की हालत खराब हो चुकी है.
सरकार के वादे अधूरे
रामचंद्र मौर्य ने बताया कि उनके पास सवा 400 गायें हैं. उनका मासिक खर्चा 4 लाख है. 19 कर्मचारी काम कर रहे हैं. बिजली का खर्च है और गायों के इलाज के लिए भी पैसा लगता है. ठंड से बचाने और इम्युनिटी बढ़ाने के लिए दवाएं भी देनी पड़ती हैं, जिनका खर्च ज्यादा है. सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि गौ माता की बात करने वाली सरकार वादे पूरे नहीं कर रही है.
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