इंदौर
एमपी के पूर्व मंत्री और विधायक सज्जन वर्मा ने बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने आज 13 मई को धर्म रक्षा यात्रा के दौरान विजयवर्गीय को साधु के भेष में शैतान तक कह दिया। इसके लिए बंगाल के रेप केस का हवाला दिया।
इतना ही नहीं साफ कहा कि गुण-दोष के आधार पर ही बीजेपी वालों को कांग्रेस में एंट्री मिलेगी। सिंधिया समर्थकों को कभी नहीं आने देंगे, वे बिके हुए हैं।

कुछ दिनों पहले मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव ने कैलाश विजयवर्गीय को कांग्रेस में शामिल होने का न्योता दिया था। इस पर सज्जन वर्मा ने कहा राकेश सिंह यादव विजयवर्गीय को अपने घर ले जाएं।
शनिवार के दिन खजराना गणेश मंदिर से मप्र कांग्रेस मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ युवा इकाई की धर्म रक्षा यात्रा निकाली। यह यात्रा खजराना गणेश मंदिर से शुरू होकर पलासिया, गीताभवन, मधुमिलन, रीगल, राजबाड़ा, बड़ा गणपति, कालानी नगर से बिजासन माता मंदिर पहुंची। कार्यकर्ता हाथ में भगवा ध्वज लिए थे।
यात्रा में शामिल हुए पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने विजयवर्गीय को लेकर कहा एक व्यक्ति साधु का भेष धारण करता है। वह लड़कियों के पहनावे पर बड़े-बड़े भाषण देता है। कोर्ट के निर्देश आ रहे हैं। तमाम समाचार पत्र छाप रहे हैं। इसमें बताया जा रहा है कि पार्टी की एक महिला ने कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज कराया है।
उसका आरोप है कि कैलाश विजयवर्गीय और उनके साथियों ने उससे 39 बार रेप किया है। अब सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस केस को हाई कोर्ट में वापस लेकर समीक्षा के बाद महिला को न्याय दिया जाए।
सज्जन का कहना है कि बीजेपी धर्म का झूंठा ढोंग रचती है। क्योंकि इनकी कथनी और करनी में अंतर है। बीजेपी नेता छद्म रूप धारण करके अन्याय करते हैं। ये कहते हैं महिलाओं को सशक्त बनाएंगे लेकिन यही लोग अत्याचार करते हैं। इसे जनता समझ गई है। सज्जन ने दावा किया कि सिर्फ कांग्रेस ही धर्म की रक्षा कर सकती है और कमलनाथ ही राम राज ला सकते हैं।भगवा से भाजपा को ढहाने के प्रयास में जुटी कांग्रेस, हिंदुत्व के एजेंडे पर खेला नया दांव
कांग्रेस की यात्रा के क्या है मायने, भगवा रंग में क्यों रंगे कांग्रेसी
इंदौर में सियासी उठापटक के बीच राम, हनुमान, शिव, और बजरंग दल के बाद अब हिंदुत्व की नई रेस शुरू हुई। भाजपा के नक्श-ए-कदम पर कांग्रेस भी भगवा लेकर मैदान में कूद चुकी है। खजराना गणेश मंदिर से शुरू हुई कांग्रेस की धर्म रक्षा यात्रा में कांग्रेसी भगवामय नजर आए।
कांग्रेस की इस धर्म रक्षा यात्रा का मकसद हिंदूओं को जगाना और मठ-मंदिरों का संरक्षण करना है। लेकिन क्या वाकई सनातन धर्म असुरक्षित है? सवाल यह है कि क्या हिंदुत्व के एजेंडे पर कांग्रेस भी दांव आजमाना चाहती है। क्या 2023 के चुनाव में धर्म की एंट्री से जीत की गारंटी है?
भगवा से भाजपा को ढहाने का प्रयास, हिंदुत्व के एजेंडे पर कांग्रेस ने खेला नया दांव
मध्यप्रदेश चुनाव 2023 से पहले बीजेपी-कांग्रेस अपने आप को सनातनी साबित करने में जुटे हैं। बीते दिनों बजरंग दल बैन को लेकर भाजपा ने युद्ध घोष किया था। अब कांग्रेस धर्म रक्षा यात्रा निकाल रही है। लेकिन इस धर्म रक्षा यात्रा का असली मकसद क्या है? क्या मध्यप्रदेश में सनातन धर्म असुरक्षित है?
दीपक जोशी के आने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह
पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने दीपक जोशी को लेकर कहा कि “दीपक जोशी के आने से कांग्रेस का कार्यकर्ता उत्साहित हैं। क्योंकि दीपक जोशी ने कमलनाथ से स्पष्ट कहा “मैं किसी पद की लालसा में नहीं आया हूं। मुझे किसी विधानसभा से चुनाव नहीं लड़ना है। मैं किसी पुराने कांग्रेसी के हक को नहीं मारना चाहता। आप ठीक समझे तो बुधनी से लड़ा दें।”
कांग्रेस की यात्रा पलासिया, गीताभवन, मधुमिलन, रीगल, राजबाड़ा, बड़ा गणपति, कालानी नगर से बिजासन माता मंदिर पहुंची।पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने संकेत देते हुए कहा बीजेपी के कई विधायक कमलनाथ और कांग्रेस के संपर्क में हैं। क्योंकि वे अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। उनका दोहन और शोषण करके बीजेपी ने मक्खी की तरह निकालकर फेंका है। इसलिए बीजेपी की तरफ से मोह भंग है। कांग्रेस की तरफ रुख ज्यादा है। दीपक जोशी को हमने कांग्रेस में गुण-दोष के आधार पर शामिल किया है। साफ चरित्र वालों के लिए कांग्रेस में हमेशा दरवाजे खुले हैं।
क्या यात्रा से बढ़ेगा सियासी दल का जनाधार? खजराना गणेश मंदिर से बिजासन मंदिर तक जाएगी यात्रा

मध्यप्रदेश कांग्रेस मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ धर्म रक्षा के अभियान में किए जा रहे कामों में ये धर्म रक्षा यात्रा निकाली जा रही है। मप्र कांग्रेस मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ युवा इकाई के प्रदेश अध्यक्ष सुधीर भारती ने बताया कि हिंदू जागरण एवं मठ मंदिर संरक्षण का यह प्रदेश व्यापी अभियान है। मठ और मंदिर की स्वतंत्रता का हनन न हो। धार्मिक व्यवस्थाओं में राजनीति का हस्तक्षेप न हो। मठ मंदिर की भूमि नीलाम न हो। पुजारी का वंश परंपरा से नामांतरण हो। कलेक्टर व्यवस्थापक न हो। पुजारी को सामान्य कृषक के अधिकार मिले। कमलनाथ के इस संकल्प को पूरे मध्यप्रदेश में यात्रा के माध्यम से दोहराया जा रहा है।