इंदौर। मध्य प्रदेश चुनाव में नामांकन कार्य पूरा हो चुका है। अब चुनावी तल्खियाँ भी परवान चढ़ती दिख रही हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दुष्कर्म और मानहानि के गंभीर इल्जामों से जुड़े दो अलग-अलग लम्बित अदालती मुकदमों की जानकारी इंदौर-1 सीट से भरे नामांकन में जानबूझकर नहीं दी है। कांग्रेस ने यह भी कहा कि वह राज्य में 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में विजयवर्गीय की उम्मीदवारी को चुनौती देने के लिए शीर्ष न्यायालय तक कानूनी लड़ाई लड़ेगी। कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाकर जहां विजयवर्गीय को कानूनी लड़ाई में घसीटा है वहीं दुष्कर्म के मामले को जनता के बीच लाकर विजयवर्गीय के चरित्र पर भी सवालिया निशान लगा दिया है।
कांग्रेस के इस हमले से मध्य प्रदेश भाजपा की बेचैनी थोड़ी और बढ़ गई है। चुनावी सर्वेक्षणों में भाजपा पर कांग्रेस बढ़त लेती दिख रही है जिससे भाजपा पहले से ही संकट में है। मध्य प्रदेश चुनाव में भाजपा के लिए सबसे बड़ा संकट यह है कि इस चुनाव में उसके पास कोई घोषित चेहरा नहीं है। फिलहाल कांग्रेस के हमले का भाजपा ने प्र्तिवाद करते हुये कहा है कि ‘मुद्दाविहीन’ कांग्रेस को विधानसभा चुनावों में अपनी घोर पराजय का पूर्वाभास हो गया है, इसलिए वह भाजपा उम्मीदवारों पर घटिया आरोप लगाने पर उतर आई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता चरण सिंह सपरा ने इंदौर में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि छत्तीसगढ़ के पूर्व महाधिवक्ता कनक तिवारी ने दुर्ग की एक अदालत में 1999 में विजयवर्गीय के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था और भाजपा महासचिव के नाम जारी विभिन्न समन और वारंट की तामील नहीं होने पर अदालत ने उन्हें इस मामले में 2019 से फरार घोषित कर रखा है।
उन्होंने दावा किया कि विजयवर्गीय और दो अन्य लोगों के खिलाफ पश्चिम बंगाल के अलीपुर की एक अदालत में एक महिला द्वारा दुष्कर्म के आरोप में दायर मामला भी लम्बित है। सपरा ने आरोप लगाया कि विजयवर्गीय ने इंदौर-1 से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर दायर हलफनामे में दुर्ग और अलीपुर की अदालतों में लम्बित दोनों मामलों की जानकारी जानबूझकर छिपाई और इससे राजनीतिक नैतिकता को लेकर भाजपा के दावों की पोल खुल जाती है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया कि विजयवर्गीय द्वारा दोनों मुकदमों की जानकारी छिपाए जाने पर इंदौर-1 से कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला की आपत्ति को सत्तारूढ़ भाजपा के ‘दबाव’ के चलते जिला निर्वाचन कार्यालय ने खारिज कर दिया। सपरा ने कहा,कांग्रेस विजयवर्गीय की उम्मीदवारी के खिलाफ केंद्रीय निर्वाचन आयोग से लेकर उच्चतम न्यायालय तक कानूनी लड़ाई लड़ेगी। हम इस मामले को चुनावों में जनता की अदालत में भी ले जाएंगे।
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता गोविंद मालू ने कहा,‘कांग्रेस के पास विधानसभा चुनावों में कोई भी मुद्दा नहीं है। वह चुनावों में अपनी घोर पराजय का पूर्वाभास होते ही भाजपा उम्मीदवारों पर घटिया आरोप लगाने पर उतर आई है।’
विजयवर्गीय अपनी उम्मीदवारी के खिलाफ कांग्रेस के आरोपों पर पहले ही प्रतिक्रिया व्यक्त कर चुके हैं। उन्होंने मंगलवार को कहा था, कांग्रेस को साफ-सुथरी राजनीति करनी चाहिए और आमने-सामने की चुनावी लड़ाई करनी चाहिए। मुझ पर कई मुकदमे चल रहे हैं और इन मुकदमों की जानकारी सरकार से छिपाने वाली कोई बात ही नहीं है। विजयवर्गीय ने यह भी कहा था कि अगर (हलफनामा भरते वक्त) कोई मामला गलती से इधर-उधर हो भी गया है, तो हम यह गलती ठीक कर लेंगे।