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नगद भुगतान को लेकर मंडियों में फिर विवाद की स्थिति बनने लगी

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व्यापारियों ने 3:00 बजे बाद नगद भुगतान के नोटिस चिपकाए, भुगतान में हो रही है रात, किसानों के जान माल पर संकट*

 *इंदौर। कृषि उपज की नीलामी के बाद तत्काल भुगतान को लेकर मंडी समिति ने भले ही निर्देश दे दिया हो लेकिन व्यापारी अभी भी अपनी मनमानी से नहीं चूक रहे हैं। अब व्यापारियों ने अपने गोदाम पर नोटिस चिपका दिए हैं जिसमें  कहा गया है कि नगद भुगतान के लिए 3:00 बजे बाद आना होगा और साथ में 6-7 कागजों की भी मांग की गई है, जोकि मंडी अधिनियम में दिए गए आदेशों की अवमानना है।*

 संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक रामस्वरूप मंत्री और बबलू जाधव बताया कि किसानों के आंदोलन के बाद मध्य प्रदेश की अन्य मंडियों में हो रहे नगद भुगतान की तरह इंदौर मंडी में भी ₹200000 तक की कृषि उपज का नगद भुगतान किए जाने के आदेश दिए गए थे । उस वक्त तो व्यापारियों ने उस आदेश को मान लिया और छावनी मंडी में भुगतान भी होने लगा। लेकिन अब नगद भुगतान में टाला टोली करने के लिए व्यापारी नए रास्ते खोज रहे हैं। लक्ष्मी नगर अनाज मंडी में व्यापारियों ने अपने ऑफिस और गोदाम पर नोटिस लगा दिया है कि जिन किसानों को नगद भुगतान चाहिए वे 3:00 बजे बाद आए। व्यापारी के गोदाम के सामने किसानों की लंबी लाइनें लग रही है और 5:00 बजे शाम के बाद तक भुगतान हो रहा है ।

किसानों ने बताया कि व्यापारी 3:00 बजे बाद भुगतान  करते हैं जिसमें शाम हो जाती है । जिस कारण दूरदराज से किसानों को लूट का डर बना रहता है । 60-70 किलोमीटर से आने वाला किसान आखिर जोखिम लेकर कैसे सुरक्षित अपने घर पहुंचेगा ,यह भी एक सवाल उठने लगा है । जबकि अनाज सोयाबीन आदि की नीलामी और तुलाई का काम 11  बजे तक पूरा हो जाता है । उसके बावजूद व्यापारी टालने के लिए भुगतान शाम को करने की बात करता है जो कि किसानों के साथ सरासर अन्याय है ।

 श्री मंत्री और जाधव ने बताया कि प्रदेश की अन्य मंडियों में तत्काल भुगतान की व्यवस्था है  ताकी शाम तक किसान अपनी उपज का दाम देकर सुरक्षित अपने घर पहुंच जाए, लेकिन इंदौर मंडी के व्यापारी अपने मनमानी के लिए इस तरह का अवैधानिक नोटिस लगा रहे हैं । आपने मंडी समिति के सचिव और अन्य अधिकारियों को स्पष्ट कहा है कि पूर्व में वे समझौते के तहत माल तुलने के 1 घंटे के भीतर किसान को उसकी उपज का भुगतान करवाएं अन्यथा किसानों का रोष भड़केगा , जिसकी संपूर्ण जवाबदारी मंडी समिति की होगी। आपने यह भी मांग की है कि किसानों को भुगतान करते वक्त केवल आधार कार्ड भी लिया जाए अन्य कागजों की मांग ना की जाए पूरे प्रदेश में केवल आधार कार्ड पर ही भुगतान हो रहा है ।

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