डॉ. नेहा, नई दिल्ली
अक्षय कुमार के कोविड पॉजीटिव होने की खबर के बाद एक बार फिर से लोगों का ध्यान कोरोनावायरस की तरफ गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मई 2023 में वैश्विक स्वास्थ्य आपदा के तौर पर कोविड-19 के अंत की घोषणा कर दी थी। मगर वास्तविकता यह है कि अब भी कोविड -19 का संक्रमण दुनिया भर में मौजूद है।
अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ का डेशबोर्ड इसकी पुष्टि कर रहा है। यहां मौजूद आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में अब भी हर सप्ताह 1700 लोगों की मौत कोविड-19 से हो रही है। जिनमें 60 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति और स्वास्थ्य कर्मी सबसे ज्यादा रिस्क पर हैं।
इससे बचाव के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन हर 12 महीने के बाद दोबारा वैक्सीन की डोज लेने की सिफारिश कर रहा है।
सोशल मीडिया पर खबर वायरल हो रही है कि फिल्म स्टार अक्षय कुमार के कोविड -19 से संक्रमित होने के कारण अनंत अंबानी और राधिक मर्चेंट की शादी में शामिल नहीं हो पाएंगे। अक्षय कुमार पिछले कुछ दिनों से अपनी आगामी फिल्म सरफिरा के प्रमोशन में बिजी थे। जिसके बाद उन्होंने कोविड जैसे लक्षण अनुभव किए।
प्रमोशन क्रू के कुछ सदस्यों के कोविड-19 पॉजीटिव होने के बाद अक्षय कुमार ने अपना काेविड -19 टेस्ट करवाया। शुक्रवार सुबह आई इस रिपोर्ट में उन्हें पॉजीटिव पाया गया। जिसके चलते उन्होंने अपने आप को आइसोलेट कर लिया।
*बरसात के साथ बढ़ सकता है कोविड-19 का संक्रमण :*
विशेषज्ञ मानते हैं कि बरसात में बढ़ने वाले संक्रमणों में अब कोविड-19 का जोखिम भी शामिल हो गया है। कोविड-19 महामारी का भले ही अंत कह दिया गया हो, मगर यह संक्रमण अन्य संक्रमणों की तरह अब भी वातावरण में मौजूद है।
अक्षय कुमार भी उन्हीं संक्रमित लोगों में शामिल हैं, जो दुनिया भर में कोविड-19 के कारण स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े बताते हैं कि अब भी हर सप्ताह दुनिया भर में हजारों लोग कोविड-19 से संक्रमित हो रहे हैं।
*हर सप्ताह जा रही है 1700 लोगों की जान :*
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले एक महीने में ही दुनिया भर में 128,040 मामले दर्ज किए गए हैं। जबकि इसके चलते 1,849 लोगों की पिछले 28 दिनों में मौत हो गई। विश्व का कोई भी भूभाग कोविड-19 संक्रमण से अछूता नहीं है। सबसे ज्यादा मामले यूरोपियन देशों में दर्ज किए जा रहे हैं।
भारत में पिछले एक महीने में कोविड के 774 मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि ये इससे पहले के महीने में दर्ज किए गए मामलों की तुलना में कम हैं। मगर बरसात के मौसम, नमी और संक्रमणों की हाई ग्रोथ के कारण अगले 28 दिनों में ये मामले और भी बढ़ सकते हैं।
*वैक्सीन में लापरवाही बढ़ा सकती है खतरा :*
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार काेविड वैक्सीन की एक डोज के 12 महीने के बाद उन लोगों को दोबारा इसकी डोज लेनी चाहिए, जो इसके हाई रिस्क पर हैं। साथ ही इस बात पर चिंता जाहिर की गई है कि विभिन्न देशों में अब कोविड-19 से मुकाबले की रणनीति धीमी पड़ गई है। जबकि यह भी किसी अन्य संक्रमण की तरह ही खतरनाक है।
कोरोनावायरस की वैक्सीन उपलब्ध होते हुए भी सरकारों और लोगों में इसे लेने के प्रति उदासीनता दिखाई दे रही है।
कोविड-19 संक्रमण किसी को भी हो सकता है। इसके फैलने की संभावना उन लोगों को ज्यादा हेाती है, जिनकी इम्युनिटी कमजोर है और जो सबसे ज्यादा बीमार लोगों के संपर्क में आते हैं। इसलिए 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हर साल कोविड वैक्सीन लेने की सिफारिश की है। इसके बावजूद लोगों में वैक्सीन को लेकर संकोच भी हमेशा से रहा है।
*क्यों वैक्सीन लेने से परहेज कर रहे हैं लोग?*
एक राष्ट्रव्यापी मुहिम के तहत भारत में 16 जनवरी 2021 से 4 मार्च 2023 तक 2.2 बिलियन लोगों को कोविड वैक्सीन की दोनों खुराक और बूस्टर डोज दी गईं। इस अभियान की कामयाबी सुनिश्चित करने के लिए अधिकांश निजी और सरकारी संस्थानों में वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाना अनिवार्य कर दिया गया था। हालांकि यह आसान नहीं था। अलग-अलग क्षेत्रों से इस अभियान के विरोध के स्वर भी आते ही रहे।
कोविड वैक्सीन से हार्ट और ब्रेन पर दुर्लभ साइड इफेक्ट की खबरें आई हैं। यह भी कहा गया कि सेक्स क्षमता भी घटी है.
वैक्सीन को लेकर संकोच तब और बढ़ गया है जब कोविड वैक्सीन से हृदय स्वास्थ्य पर दुर्लभ किस्म के साइड इफेक्ट की खबरें सामने आईं। ब्रिटेन की एक कोर्ट में कोविशील्ड बनाने वाली कंपीन एस्ट्रेजेनेका पर यह आराेप लगा कि काेविड वैक्सीन लेने के बाद से हार्ट अटैक के मामलों में तेजी आ गई है।
लगभग ऐसे ही हालात भारत के थे और भारत में भी काेवीशील्ड के 175 करोड़ डोज लगाए गए थे ।
इस आरोप के जवाब में एस्ट्रेजेनेका कंपनी ने खुद माना कि इस वैक्सीन के बाद होने वाले दुर्लभ किस्म के साइड इफेक्ट्स में हार्ट डिजीज और ब्रेन हेमरेज हो सकते हैं।
इस खबर के बाद से लोगों में वैक्सीन को लेकर और भी असमंजस बढ़ गया। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि सभी लोगों को इन जोखिमों का सामना करना पड़े, यह जरूरी नहीं है।
इसके बावजूद विश्व स्वास्थ्य संगठन की हर साल वैक्सीन लेने की अपील पर प्रश्नचिन्ह जरूर लग जाता है।