अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

* स्मार्ट मीटर परियोजना कॉर्पोरेट मुनाफे और बिजली क्षेत्र के निजीकरण के विरोध में माकपा ने दिया धरना*

Share

धमतरी। प्री-पेड स्मार्ट मीटर परियोजना कॉर्पोरेट मुनाफे और बिजली क्षेत्र के निजीकरण के लिए लागू की जा रही है। इससे न केवल गरीबों के घर अंधेरे में डूबेंगे, बल्कि हजारों बिजली कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। इस जनविरोधी परियोजना का माकपा सड़कों पर उतरकर विरोध करेगी। यह कहना है माकपा के राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय पराते का।

माकपा के राज्यव्यापी आह्वान पर आज धमतरी में इस परियोजना के खिलाफ बड़ी संख्या में माकपा, सीटू और छत्तीसगढ़ किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने धरना दिया। धरना में बिजली विभाग में काम कर रहे ठेका मजदूरों ने भी हिस्सा लिया।

धरना को संबोधित करते हुए पराते ने आरोप लगाया कि अडानी और टाटा की कंपनियों द्वारा बनाए जा रहे स्मार्ट मीटर के लिए बाजार बनाने के लिए वर्तमान मीटरों को बदला जा रहा है, जिनका जीवनकाल केवल 5-6 साल ही है। इन प्री-पेड स्मार्ट मीटरों की कीमत इस समय 8000 रुपए है।छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार इन मीटरों को बदलने के लिए सरकारी खजाने से 5000 करोड़ रुपए स्वाहा कर रही है, लेकिन भविष्य में इसका बोझ उपभोक्ताओं पर लादा जाएगा। माकपा नेता ने आरोप लगाया कि बिजली क्षेत्र के निजीकरण की ओर यह कदम है और आने वाले दिनों में बिजली उत्पादन और वितरण का काम भी इन्हीं कॉर्पोरेट कंपनियों को सौंपा जाएगा, जिसके बाद ये कंपनियां बढ़े-चढ़े दरों पर बिजली बेचेगी और गरीब इसे खरीदने की स्थिति में नहीं होंगे।

धरना का नेतृत्व कर रहे समीर कुरैशी, मनीराम देवांगन, पुरुषोत्तम साहू, रेमन यादव आदि ने भी सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जहां भी स्मार्ट मीटर लगे हैं, आम जनता का अनुभव है कि उनकी जेबों में डकैती डाली जा रही है और इन मीटरों का बहिष्कार हो रहा है। बिजली विधेयक के इस प्रावधान का कि रात के लिए बिजली की दरें अधिक होंगी और क्रॉस सब्सिडी खत्म की जाएगी, का उन्होंने विरोध किया। 

ठेका बिजली कर्मचारियों के नेता दुर्गेश देवांगन ने कहा कि पूरी दुनिया में बिजली वितरण का काम सार्वजनिक क्षेत्र में है और यहां भाजपा सरकार इसका निजीकरण कर रही है। इससे छत्तीसगढ़ में ही हजारों स्थाई और ठेका कर्मचारियों को अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ेगा। बेरोजगारों को रोजगार देने का दावा करने वाली भाजपा सरकार का यही असली चेहरा है।

धरना में तुलसीराम निर्मलकर, दयाराम साहू, चंदन कोर्राम, हरीश परते, ललिता साहू, सरला शर्मा, अनुसूईया कंडरा, सागर राम निषाद, राम ईलाखत निषाद, जी आर बंजारे आदि प्रमुख रूप से शामिल थे। धरना के बाद मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा गया।

*समीर कुरैशी*

सचिव, माकपा, धमतरी

(मो) : 89669-21340

Add comment

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

चर्चित खबरें