डॉक्टर अखलाक अहमद उस्मानी
भारत समेत पूरी दुनिया जिस समय कोरोना के दुष्प्रभाव से जूझ रही थी, पाकिस्तान और चीन भारत पर साइबर हमलों को अंजाम दे रहे थे। कितनी विडम्बना की बात की है कि इस संकट के समय भी पाकिस्तान के हैकर भारत पर साइबर हमले कर रहे थे जिसमें चीन मदद कर रहा था। गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत पर 300 प्रतिशत साइबर हमले बढ़े हैं और इसकी संख्या बढ़कर साढ़े 11 लाख से अधिक हो चुकी है।
भारतीय कम्प्यूटर एनर्जी रिस्पॉन्स टीम यानी CERT In की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए सरकार ने बताया है कि भारत पर साइबर हमलों में तीन गुना बढ़ोतरी हुई है। साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि हमलों की वृद्धि को पिछले साल ऑनलाइन गतिविधि में वृद्धि से तुलना करके देखा जाए तो पिछली बार 3,94,499 हमलों के मुक़ाबले इस वर्ष 11,58,208 हमले रिपोर्ट किए गए। यह कारनामा हैकर्स ने लॉकडाउन के दौरान किए। हालांकि सरकार ने हैकर की पहचान के बारे में कुछ बताया नहीं लेकिन जानकार मानते हैं कि बढ़ते फ़िशिंग और मैलवेयर हमलों के लिए साइबर सुरक्षा जागरूकता की कमी भी ज़िम्मेदार है।भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने इस महीने एक साइबर सुरक्षा रिपोर्ट जारी की जिसमें कहा गया है कि भारत को कोरोनोवायरस लॉकडाउन के दौरान चीन और पाकिस्तान से साइबर हमले में एक नाटकीय वृद्धि हुई है।
एमईआईटीवाई रिपोर्ट ने सांसदों को आश्वासन दिया कि मंत्रालय ने “अतिरिक्त संसाधनों” को तैनात किया और सुरक्षा के बढ़ते खतरों से निपटने के लिए सुरक्षा ऑडिट पूरा किया, लेकिन साथ ही कहा कि भारत को उभरते खतरों को दूर करने के लिए अपने बजट को बढ़ाना चाहिए। विशेष रूप से, यह तर्क दिया गया कि भारत “नई साइबर सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए परियोजनाओं” के लिए अनुसंधान और विकास पर पर्याप्त खर्च नहीं कर रहा है।
आईटी मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में यह भी लिखा कि “साइबर हमलावरों के अधिक से अधिक परिष्कृत होने के साथ, यह आवश्यक है कि साइबरस्पेस समाधानों और उत्पादों को साइबरस्पेस में इस तरह के अप्रत्याशित खतरों का मुकाबला करने के लिए विकसित करने की आवश्यकता है।” रिपोर्ट के अनुसार, चीन और पाकिस्तान के हमलों के बढ़ते तीव्रगामी हमलों ने लॉकडाउन के दौरान घर से काम करने वाले भारतीय नागरिकों को लक्ष्य में लिया क्योंकि ऑनलाइन मॉड से काम करने के लिए भारतीय नागरिक कई तरह के सॉल्यूशन को ढूंढ रहे थे।
ब्लूमबर्ग न्यूज ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि चीन इस समय पाकिस्तान की तुलना में भारत की साइबर सुरक्षा पर कार्य कर रहा है, क्योंकि भारतीय अधिकारियों ने हालिया संदिग्ध साइबर घुसपैठ की एक श्रृंखला की पड़ताल की जिसमें जांच के बिन्दु थे कि क्या मुंबई में बिजली की कमी, बैंकों की धीमी साइबर गतिविधि या देश के प्रमुख नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में इस घुसपैठ की कोई भूमिका है?
अमेरिकी साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने चीन में स्थित “रेड इको” नामक समूह की भूमिका की जाँच की थी कि क्या अमेरिका में साइबर हमलों के लिए चीन जिम्मेदार है? भारतीय साइबर सुरक्षा को लेकर भारत के विशेषज्ञ भी चीन के इसी गुट पर शंका जताते हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि भारत के पावर ग्रिड और वित्तीय बुनियादी ढांचे को “बहुत ही असामान्य” और “संबंधित” के रूप में जानबूझकर लक्षित किया गया। घुसपैठ स्वाभाविक रूप से सतही थी। भारतीय साइबरसिटी के प्रमुख राजेश पंत ने breitbart.com से की गई एक बातचीत में इसकी तुलना टेलीफोन लाइन पर प्रैंक कॉल से की। उनका मानना है कि साइबर हमलावर शायद भारत को डराना चाहते थे क्योंकि यह चीन के साथ विवादित क्षेत्र पर बातचीत को या तो पसंद नहीं करते या फिर यह अपने हमलों को दिशा देने के लिए प्रायोगिक मार्ग पर हैं।
एक संदिग्ध पाकिस्तान समर्थित हैकर समूह” ट्रांसपेरेंट ट्राइब” साइबर हमले के अभियान के पीछे माना जाता है, जिसे ‘ऑपरेशन साइडकॉपी’ करार दिया गया है। अभियान फ़िशिंग ईमेल भेजकर और रिमोट एक्सेस मैलवेयर का उपयोग करके महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे और रणनीतिक डेटा को चुराने का एक समन्वित प्रयास करता है। इसकी मदद से हैकर लचर सिस्टम में अपने घुसपैठ करके महत्वपूर्ण जानकारियाँ चुरा सकता है।
न्यूज़ 18 के एक समाचार के मुताबिक सेक्राइट के साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं के हवाले से एक समाचार का प्रकाशन किया। जिसमें कहा गया कि क्विक हील की साइबर सुरक्षा समाधान शाखा ने माना है कि ऑपरेशन साइडकॉपी में इस्तेमाल किए गए सिग्नेचर टूल पाकिस्तान में स्थित हैकर समूह “ट्रांसपेरेंट ट्राइब” की भागीदारी को इंगित करते हैं। सिकराइयो का मानना है कि पाकिस्तान के इस मिशन को चीन समर्थन दे रहा है ताकि भारत से जुटाई गई महत्वपूर्ण जानकारियों का वह ख़ुफिया इस्तेमाल कर सके।
न्यूज़ 18 से बात करते हुए, क्विक हील सिक्योरिटी लैब्स के निदेशक, हिमांशु दुबे ने पुष्टि की कि ऑपरेशन साइडकॉपी वर्ष 2019 के बाद से लगातार साइबर हमले कर रहा है और उसके लक्ष्य में सिर्फ भारत है। चीन और पाकिस्तान की मिलीभगत से भारत को साइबर हमलों का बेशक सामना करना पड़ा रहा है लेकिन भारत अपनी तकनीकी क्षमता के आधार पर हर हमले का मुँहतोड़ जवाब दे रहा है।
डॉक्टर अखलाक अहमद उस्मानी
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार और हरदेव जोशी संचार यूनिवर्सिटी जयपुर में एडजेंट फैकल्टी हैं)