इंदौर
पंचकुइया स्थित श्री युगपुरुष धाम बौद्धिक विकास केंद्र (आश्रम) में 27 जून से 2 जुलाई के बीच 10 मौतें हुई थीं। आश्रम संचालकों ने पांच बच्चों का पीएम ही नहीं कराया, न उनकी मौत की प्रशासन को कोई सूचना दी। सीधे परिजन को मासूमों के शव सौंप दिए। दबाव बढ़ने पर संचालिका अनिता शर्मा ने 6 मौत कबूल की थी। इनमें भी एक बच्चे के शव का पोस्टमॉर्टम नहीं कराया।
यह खुलासा प्रशासनिक जांच कमेटी की रिपोर्ट में हुआ है। इसके बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने आश्रम ट्रस्ट अध्यक्ष जान्हवी ठाकुर, सचिव तुलसी शादीजा और संचालिका अनिता शर्मा को हटा दिया है। संचालकों पर एफआईआर के सवाल पर कलेक्टर ने कहा कि जांच स्टीम ने जो रिपोर्ट दी, उसके आधार पर कार्रवाई की है। केंद्रीय महिला एवं बाल आयोग या शासन से जो निर्देश मिलेंगे, उस पर आगे कार्रवाई करेंगे।
तबीयत बिगड़ने पर वहीं करते रहे इलाज, पांच बच्चों की मौत छुपाई, पीएम तक नहीं कराया, परिजन को सौंपे शव
बच्चों की मौत के बाद आश्रम का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। जल्द यहां बच्चे वापस शिफ्ट किए जा सकते हैं।
सबूत जुटाकर पूछा तो टूट गई संचालिका, कबूली 10 मौत जांच टीम ने 3 जुलाई 2024 को
सबसे पहले संचालिका अनिता शर्मा के बयान लिए। शर्मा ने सिर्फ 6 मौत का उल्लेख किया। अन्य सबूत जुटाए तो मौतों की संख्या गड़बड़ लगी। सारी जानकारी के साथ जब 11 जुलाई को स्टाफ के बयान लिए तो स्पष्ट हुआ कि कुल 10 बच्चों की मौत हुई है। इसके बाद फिर से संचालिका शर्मा से पूछा तो वह सच कबूल करने को विवश हो गई। 12 जुलाई को संस्था सचिव तुलसी शादीजा के बयान लिए गए। शादीजा आश्रम के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा ही नहीं रहा था।
١٠
5 बच्चों की मौत कार्डियो रेस्पीरेटरी फेलियर से
• पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट: 10 बच्चों में 5 का पीएम हुआ। उनमें मृत्यु का कारण कार्डियो रेस्पीरेटरी फेलियर सामने आया। टेस्ट में बच्चों के शव में विनियो कोलेराय बैक्टीरिया मिला। पानी के सैंपल : पानी में विनियो कोलेराय बैक्टीरिया मिला। •
• खाने के सैंपल : भोजन सामग्री के 22 सैंपल की जांच में 21 पास हो गए। सिर्फ मूंगदाल में उक्त बैक्टीरिया मिला। यह दाल सैंपल वाले दिन बनाई गई थी। पानी से संक्रमण संभव।
अन्य दस्तावेजों की जांच 2 जुलाई से पहले बीमार बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने का रिकॉर्ड, पंचकुड्या श्मशान के रजिस्टर, थाना मल्हारगंज के मर्ग के रिकॉर्ड आदि की जांच की गई। 29 जून 2024 को कृष्णा नामक बालक को एमवाय में भर्ती कराया गया था। 1 जुलाई को करण भर्ती हुआ। थाना मल्हारगंज में भी 5
से अधिक बच्चों के मर्ग दर्ज नहीं हुए। • वाट्सएप चैट व वीडियो: आश्रम के वाट्सएप ग्रुप व ग्रुप की चैट से मयंक, अनमोल, यूनुस के मृत होने की जानकारी मिली।
निष्कर्षः आश्रम प्रबंधन की लापरवाही से
गई बच्चों की जान, वहीं करते रहे इलाज आश्रम में बच्चों के बीमार होने का सिलसिला 27
जून के पहले ही शुरू हो गया था। प्रबंधन ने इसे सामान्य मानकर आश्रम में ही इलाज किया। लापरवाही से बच्चों की मौत होने लगी। 2-3 दिन में मौत का आंकड़ा 10 हो गया।
आश्रम द्वारा सही समय पर किसी भी शासकीय विभाग जैसे स्वास्थ्य विभाग, महिला व बाल विकास विभाग को जानकारी नहीं दी गई।
• 2 जुलाई को जब प्रशासन ने आश्रम में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया, उसके बाद ही बच्चों का ठीक से इलाज हो पाया।
आश्रम की लापरवाही ही बच्चों की मृत्यु का कारण बनी। समय रहते जानकारी उपलब्ध कराई जाती तो ज्यादातर बच्चों को बचाया जा सकता था।
युगपुरुष धाम में बच्चों की मौत •
जांच कमेटी ने मान्यता रद्द करने की अनुशंसा की थी
पीएमओ. महिला बाल विकास व बाल आयोग को भेजेंगे रिपोर्ट, वहां के दिशा-निर्देश पर होगी आगे की कार्रवाई
इंदौर
युगपुरुष धाम आश्रम मामले की विस्तृत जांच रिपोर्ट अब पीएमओ, केंद्रीय महिला बाल विकास विभाग, बाल अधिकार आयोग सहित अन्य अथॉरिटी को भेजी जाएगी। इसके बाद जो भी निर्देश होंगे, उस पर आगे कार्रवाई होगी।
कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर अपर कलेक्टर गौरव बैनल, संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास डॉ. संध्या व्यास, शिशु रोग विभाग की अधीक्षक डॉ. प्रीति मालपानी और डॉ. श्रीलेखा जोशी ने पूरे मामले की जांच की थी। इसके बाद ही डिटेल जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी। जांच कमेटी ने रिपोर्ट में दो सुझाव दिए, पहला यह कि आश्रम की मान्यता तत्काल प्रभाव से निरस्त की जाए या दूसरा यह कि संस्था के अध्यक्ष, सचिव, संचालिका को बदला जाए। कलेक्टर ने रिपोर्ट के आधार पर कहा कि मान्यता निरस्त करने से इतनी बड़ी संख्या में बच्चों के पालन का संकट हो जाएगा, इसलिए संस्था अध्यक्ष, सचिव और संचालिका को हटाया गया है। उधर, प्रशासन ने युग पुरुष धाम आश्रम का रिनोवेशन करवा दिया है। बच्चों को यहां जल्द ही दोबारा शिफ्ट किया जाएगा।
• आश्रम संचालिका अनिता शर्मा ने 3 जुलाई को बयान में 6 मौतें बताई थीं।
• जांच के दौरान समिति को आश्रम के वाट्सएप ग्रुप की कुछ चैट मिली, जिसमें कुछ महत्वपूर्ण वीडियो व बच्चों की मृत्यु के संबंध जानकारी थी। आश्रम की स्पेशल एजुकेटर
• शुभदा आस्कर ने बयान में 11 जुलाई को मौतों की संख्या 10 बताई।
आश्रम की स्पेशल एजुकेटर कुमुद भुलारी ने 11 जुलाई को मौतों की संख्या 7 बताई। आश्रम की स्पेशल एजुकेटर आशा प्रजापति ने बयान में
एडीएम के सामने भी झूठ बोलते रहे संचालिका और स्टाफ, किसी ने 1, किसी ने 10 मौतें बताई
कुल मौतों की संख्या 1 बताई। आश्रम की स्पेशल एजुकेटर भावना चौहान ने कुल मौतों
की संख्या 9 बताई। • आश्रम की पर्यवेक्षक अंकिता शुक्ला ने बयान में कुल मौतों की संख्या 10 बताई।
आश्रम की हाउस मदर ललिता नर्गेस ने कुल मौतों की संख्या 10 बताई।
• आश्रम की स्पेशल एजुकेटर जया बोरावले ने कुल मौतों की संख्या 7 बताई।
(अंततः संचालिका ने माना कि कुल 10 बच्चों की मौत हुई)
जांच कमेटी ने की यह अनुशंसाएं
• बच्चों की मौत का मुख्य कारण आश्रम प्रशासन की लापरवाही है। आश्रम प्रशासन में मुख्य रूप से संचालिका अनिता शर्मा तथा सचिव तुलसी शादीजा हैं। लापरवाही के कारण हुई मौतों के लिए आश्रम प्रशासन की जिम्मेदारी तय किए जाने की अनुशंसा की गई।
• आश्रम को मिलने वाले अनुदान, खर्च, ऑडिट रिपोर्ट के परीक्षण के लिए अलग से विषय विशेषज्ञों के दल द्वारा जांच की जाए।
• युगपुरुष धाम आश्रम के बच्चों को अन्य सामाजिक संस्थानों में भेजे जाने की कार्रवाई की जाए।
• अन्य सामाजिक संस्थानों जैसे वृद्धाश्रम, बाल आश्रम, अनाथ आश्रम में भी प्रत्येक व्यक्ति का अलग-अलग स्वास्थ्य रिकॉर्ड रखा जाए।
इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि कोई भी सामाजिक संस्था क्षमता से अधिक बच्चों को न रखे और संबंधित विभाग इसके लिए आवश्यक कार्रवाई करें।