अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

ऐयाश मुर्दो

Share

ऐयाश मुर्दो सा जीवन जीते हो
न हंसते हो न रोते हो।

मूक जीवन की सत्ता पर
गुंगे बन तुम
बहरों की तरह फिरते हो।

बेईमानी की परत पर
सदाचार की तावीज़ पहन कर
खुद को खुदा घोषित करते हो।

गणतंत्र की तिरछी राह पर
अपनी अधूरी मूर्त लेकर
जगह- जगह तुम फिसलते हो।

तट की खोज में
ज़माने की पगडंडी पर चल
भविष्य के भूत से डरते हो ।

ऐयाश मुर्दो सा जीवन जीते हो
न हंसते हो न रोते हो।

डॉ.राजीव डोगरा
(युवा कवि व लेखक)
पता-गांव जनयानकड़
पिन कोड -176038
कांगड़ा हिमाचल प्रदेश
9876777233
7009313259
rajivdogra1@gmail.com

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें