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भड़ास के संपादक के साथ दिल्ली पुलिस का अपराधियों जैसा व्यवहार

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भड़ास फॉर मीडिया के संपादक यशवंत सिंह को हाल ही में एक मनगढ़ंत एफआईआर में झूठा आरोप लगाया गया और 2 अक्टूबर की शाम 4 बजे उन्हें दिल्ली के भारत नगर पुलिस स्टेशन में पूछताछ के लिए बुलाया गया। जब यशवंत सिंह वहां पहुंचे तब एसीपी संजीव कुमार और इंस्पेक्टर सूरज पाल ने उनके साथ बदसलूकी की और जांच के नाम पर उनके आईफोन 11 को जब्त कर लिया। उन्होंने फोन जब्ती के दो पेपरों पर यशवंत से साइऩ भी कराया लेकिन यशवंत सिंह को कोई कागज या रसीद नहीं दिया गया। यशवंत सिंह का कहना है कि पूछताछ करने वाले अधिकारी इंस्पेक्टर सूरजपाल का रवैया काफी उग्र और मारपीट की धमकियों वाला था। 

बिना जांच पूरी किए किसी को अपराधी मानकर उसके साथ गलत तरीके से पेश आना बेहद शर्मनाक है। यशवंत सिंह को एफआईआर की कापी भी नहीं दी गई है। यशवंत सिंह को पुलिस द्वारा उनके मोबाइल फोन के साथ छेड़छाड़ करके फर्जी साक्ष्य गढ़े जाने की आशंका है। इस संबंध में उन्होंने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को एक चिट्ठी लिखी है और मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए समुचित निर्देश देने का अनुरोध किया है।

यशवंत सिंह के साथ पुलिस के दुर्व्यवहार को लेकर कई वरिष्ठ पत्रकारों ने अपनी प्रतिक्रियायें दी हैं और घटना की निंदा की है। भारतीय प्रेस पत्रकार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय जोशी ने यशवंत सिंह के साथ पुलिस के दुर्व्यवहार एवं उनका मोबाइल छीनने की घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है। जोशी ने इस घटना में दोषी समस्त पुलिस अधिकारियों को तत्काल सस्पेंड करने की मांग की है। उन्होंने देश के गृहमंत्री अमित शाह, दिल्ली के उपराज्यपाल एवं पुलिस आयुक्त को इस बाबत मेल एवं पत्र भेजकर कहा है की यशवंत सिंह देश के जाने माने प्रतिष्ठित वरिष्ठ पत्रकार है। दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर सूरजपाल द्वारा पूछताछ के नाम पर एसीपी संजीव कुमार की मौजूदगी में यशवंत सिंह के साथ दुर्व्यवहार किया जाना बेहद अफसोसजनक है।

भारतीय प्रेस परिषदकेपूर्व सदस्यअशोक कुमार नवरत्न ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर इंस्पेक्टर सूरजपाल के खिलाफ तत्काल कार्यवाही किए जाने की मांग की है।

वहीं आजाद अधिकार सेना बलिया के जिला उपाध्यक्ष सिंहासन चौहान ने भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है जिसमें उन्होंने कहा है कि पुलिस ने यशवंत सिंह को उनका अपराध बताए बिना उनके साथ अपराधियों जैसा सलूक किया है। उन्होंने इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्यवाही करने और यशवंत सिंह का मोबाइल फोन तुरत लौटाये जाने की मांग की है।

वरिष्ठ पत्रकार मदन मोहन सोनी ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।

यशवंत सिंह के बेटे आयुष सिंह ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) को इस संबंध में एक पत्र लिखा है और मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और मामले को व्यापक रूप से संबोधित करने के लिए उचित निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है।

यशवंत सिंह के साथ हुए इस दुर्व्यवहार की वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश ने तीव्र निंदा की थी और पुलिस आयुक्त की ओर से इस पर फ़ौरन कार्रवाई करने की मांग की थी। जिसके बाद आज 3 अक्टूबर को पत्रकार उर्मिलेश समेत कई वरिष्ठ पत्रकारों के घर पर दिल्ली पुलिस पहुंच गई और छापेमारी करके उन्हें डिटेन कर लिया।

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