एटक के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड अमरजीत कौर ने जारी एक बयान में कहा कि जो युवा सैन्य चुनाव परीक्षाओं में शामिल हुए थे और फिर रोजगार की तलाश में थे जब उन्हें अग्निपथ योजना के वास्तविक अर्थ व मनोरथ ज्ञात हुए तो पूरे देश में स्वत प्रदर्शन शुरू हो गए। सेना के अनेक सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी जो सैन्य प्रतिष्ठानों को अंदर से जानते हैं इस योजना से हैरान हैं उन्होंने चेतावनी दी है कि अग्निपथ योजना सैन्य प्रतिष्ठानों को कमजोर करेगी और दूसरी ओर बड़े पैमाने पर समाज को खतरे में डालेगी जब अग्निवीर 4 साल नौकरी करने के बाद सड़कों पर बेरोजगार और बिना पेंशन के घूम रहे होंगे।
पिछले 8 वर्षों में मोदी सरकार के नीतिगत फैसलों की श्रृंखला ने आम आदमी को बहुत परेशान किया है। पहले नोटबंदी फिर जीएसटी जिसमें कि 11 सौ बार संशोधन किए जा चुके हैं और उसके पश्चात बेरहम तालाबंदी जिसने करोड़ों मेहनत कश लोगों को भोजन के बिना और आश्रय के बिना व किसी आर्थिक सहायता के बिना छोड़ दिया था अभी इस बात को देश भूला नहीं है। 4 लेबर कोड 3 खेती-बाड़ी कानून सी ए ए और एन आर सी नई शिक्षा नीति राष्ट्रीय मुद्रीकरण आदि इन सब की श्रृंखला की सूची बहुत लंबी है। परिणामस्वरूप देश में अमीरों और गरीबों में फर्क बहुत ज्यादा होता जा रहा है और इस फर्क से और असहनशील महंगाई वह बेरोजगारी बढ़ रही है जिसके कारण कि देश में अराजकता जैसी स्थिति पैदा की है और बिना किसी सबूत के बुलडोजरों का प्रयोग करना राष्ट्र को एक अनिश्चित भविष्य की तरफ ले जाने वाले कदम है जिनके की भयंकर परिणाम निकलेंगे। यह सब भाजपा के राष्ट्रवादी होने के दावों को बार-बार झुठलाते हैं। देश की सेवा के लिए तत्पर युवकों की पेंशन खत्म करना एक अति घिनौनी बात है जो की सरहदों की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान देने के लिए तैयार हैं दूसरी तरफ सांसद अनेकों बार संसद के सदस्य होने के कारण मोटी पेंशन ले रहे हैं।
इन नीतियों को लागू करने का भाजपा का उद्देश्य साफ है कि 2024 में जोर जबरदस्ती या बदमाशी के साथ जैसे भी हो सके चुनावों को जीता जाए लेकिन लोग इस सब को अब देख रहे हैं और समझ रहे हैं।
एटक द्वारा भाजपा की केंद्रीय सरकार को अपील करते हैं कि देश के लोगों से और खिलवाड़ मत करें और इस राष्ट्रीय घातक अग्निपथ योजना को तुरंत वापस लें।