रीवा । प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के पदभार ग्रहण करने के बाद उनके रीवा में प्रथम आगमन को लेकर लोगों को काफी उम्मीदें रहीं लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था की कड़ाई के चलते सत्याग्रहियों को मुलाकात का समय देने की जगह मुख्यमंत्री की वापसी तक पुलिस हिरासत में रखा गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गांधी विचार मंच के संयोजक रामेश्वर गुप्ता को मनगवां थाना में रखा गया वहीं सामाजिक कार्यकर्ता कुमारी नेहा त्रिपाठी को गोविंदगढ़ थाने में निरुद्ध रखा गया। समता संपर्क अभियान के राष्ट्रीय संयोजक अजय खरे ने कहा है कि प्रशासन का काम है कि संबंधित लोगों को समय रहते न्याय दिलाए। श्री खरे ने कहा कि सत्याग्रहियों को मुख्यमंत्री से मुलाकात का मौका देने के बजाय उन्हें निरुद्ध रखा जाना नागरिक आजादी पर हमला है। श्री खरे ने बताया कि गांधी विचार मंच के नेता रामेश्वर गुप्ता मनगवां के 130 एकड़ रकबे वाले ऐतिहासिक मलकपुर तालाब को बचाने के लिए 1 जनवरी से आंदोलनरत हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय चाहा था। इसके लिए वह रीवा तक पैदल चलकर मुख्यमंत्री से मिलना चाहते थे लेकिन प्रशासन ने ऐसा नहीं होने दिया और उन्हें मनगवा थाने में बैठा लिया गया। इसी तरह नेहा त्रिपाठी अपने गृह ग्राम डीही से चलकर रीवा में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी व्यथा कथा सुनना चाहती थीं लेकिन उन्हें गोविंदगढ़ थाने में बैठाकर सूर्यास्त के बाद छोड़ा गया। नेहा त्रिपाठी का कहना है कि उनके परिवार के लोगों के साथ अत्याचार करने वालों के खिलाफ पुलिस कोई कार्यवाही नहीं करती बल्कि जब मुख्यमंत्री से शिकायत का मौका आया तो उन्हें मिलने नहीं दिया गया बल्कि फरियादी को ही हिरासत में ले लिया गया।
समता संपर्क अभियान के राष्ट्रीय संयोजक अजय खरे ने कहा कि प्रशासन को अपने स्तर पर समस्याओं का निराकरण करना चाहिए। मुख्यमंत्री से मिलने से रोकना सही नहीं है। श्री खरे ने कहा कि जिस तत्परता से फरियादियों को मुख्यमंत्री से मिलने से रोका गया यदि यही तत्परता समस्या के निराकरण के लिए दिखाई जाती तो मामला सुलझ जाता।