इंदौरअब आप ही बताइए जो भगवान और भक्तों के बीच दूरी पैदा करे, उसे क्या कहेंगे? यह हमारे हिसाब से भी पूरी तरह से रांग नंबर है।
प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा इन दिनों कथा के लिए उज्जैन में हैं। पंडित जी के कारण उज्जैन के समझदार प्रशासन ने 10 अप्रैल तक गर्भगृह में प्रवेश बंद कर दिया है। अब देशभर से महाकाल के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को बाबा से दूर कर दिया गया है। शायद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी यह नहीं सोचा होगा कि जिस महाकाल लोक को वे जनता को समर्पित करके जा रहे हैं, उससे ही जनता को दूर कर दिया जाएगा।
इस फैसले में जितनी गलती उज्जैन प्रशासन की है, उतनी ही गलती पंडित प्रदीप मिश्रा की भी है। लोगों से शिव का अनुष्ठान करवाने वाले उनकी पूजा के लिए प्रेरित करने वाले पंडितजी ने उज्जैन प्रशासन के इस फैसले का विरोध क्यों नहीं किया? क्या भक्तों को भगवान से दूर करने पर महाकाल प्रसन्न हो जाएंगे? अधिकांश लोग तो इसी लालच में पंडितजी की कथा में उज्जैन पहुंचे होंगे कि इसके साथ ही बाबा महाकाल के दर्शन भी हो जाएंगे।
पंडित प्रदीप मिश्रा जी! भीड़ जुटाने में आप माहिर हैं। आपके कुबरेश्वरधाम में भी अक्सर भगदड़ मचती है और जानें भी जाती हैं। अभी शिवरात्रि के दिन ही रूद्राक्ष लेने के लिए पहुंची भीड़ में भगदड़ मचने से कई मौतें हुईं। यहां एक बात का जिक्र करना उचित होगा कि रूद्राक्ष तो सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने भी बांटा था लेकिन उन्होंने भीड़ नहीं जुटाई। सबकुछ ऑनलाइन हुआ, लेकिन आपको तो भीड़ चाहिए। पंडितजी, भीड़ से आखिर किसका फायदा होता है, यह तो आप भी जानते हो। अगर आप नहीं जानना चाहते तो महाकाल को तो पता ही है। अपने श्रद्धालुओं और महाकाल भक्तों पर थोड़ा रहम कीजिए। भक्तों और भगवान के बीच दूरी नहीं बनने दीजिए।