-अली-बजरंगबली बयान पर मांगी माफी
-लखनऊ में मामला दर्ज करने दी तहरीर
–पर्ची लिख पोल खोलने वालों को पंडोखर सरकार दे चुके हैं चैलेंज
भोपाल,(ईएमएस)। इस दौर में जहां साधु-संत कहे जाने वाले लोग भी विवादों में घिरते दिख रहे हैं वहीं ये एक-दूसरे को भी निशाने पर लेकर खुद विवादों में बने रहने जैसा उपक्रम करते नजर आ रहे हैं। हद यह है कि इनमें से अनेक तो जेल में हैं, वहीं जिनका औरा है वो भी अपने वयानों के कारण विवादों में बने हुए हैं। विवादित बयान देकर माफी मांगने के लिए जाने जा रहे बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री को तो लेकर अब विवादित बागेश्वर का नाम देने में लग गए हैं।
यहां बतलाते चलें कि बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री का विवादित बयानों से पुराना नाता है। पहले बिगड़े बोल बोलना फिर विवाद खड़ा होता देख माफी मांग लेना अक्सर चर्चा में रहता है। ऐसे ही पिछले दिनों अली-बजरंगबली बयान पर धीरेंद्र शास्त्री ने माफी मांगी है। जबकि लखनऊ में इसके खिलाफ तहरीर देते हुए मामला दर्ज करने की मांग शिया चांद कमेटी ने की है।
यह पहला अवसर नहीं है जबकि बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने सार्वजनिक रुप से अपने बयान के लिए माफी मांगी हो, इससे पहले भी अनेक दफा वो ऐसा कर चुके हैं। इस बार उन्होंने अली-बजरंगबली वाले बयान पर न सिर्फ सफाई दी है बल्कि यह भी कहा कि वो सभी धर्मों व देवताओं का सम्मान करते हैं। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने अपने बयान का किस्सा सुनाते हुए कहा कि असल में मैंने जिन से ग्रस्त एक शख्स से पूछा कि उसका नाम क्या है, तब उसने उत्तर दिया अली। मैंने इस पर कहा, कि हमारे पास बजरंग बली हैं, वो आपके भी पिता हैं। इसके आगे धीरेंद्र शास्त्री कहते हैं कि मौला-अली अहिंसा और मुसलमानों के देवता हैं। मेरे दिल में भी उनके लिए सम्मान है। अगर किसी को मेरे शब्दों या बयानों से ठेस पहुंची हो तो मैं माफी मांगता हूं।
मुस्लिम कमेटी ने की मामला दर्ज करने की मांग
उनके इस बयान पर आपत्ति दर्ज कराते हुए लखनऊ में मामला दर्ज करने तक की बात हो चुकी है। पिछले शुक्रवार शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने बकायदा लखनऊ चौक कोतवाली में तहरीर दी और धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग कर डाली है। कोतवाली में दी गई तहरीर में नकवी ने कहा है कि धीरेंद्र शास्त्री ने शिया और सुन्नी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाया है।
प्रवचनों से ज्यादा बिगड़े बोलों की चर्चा
यहां बतलाते चलें कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भले ही इस समय मौला अली पर टिप्पणी करके विवादों में आ गए हैं, लेकिन यह पहली बार नहीं हुआ है इससे पहले भी उन्होंने अनेक दफा विवादित बयान देकर पहले विवाद को बढ़ाया और फिर मामला हाथ से जाता देख माफी भी मांगी है। उन्होंने किसी एक समुदाय पर विवादित बयान नहीं दिए हैं, बल्कि कई दफा अलग-अलग समुदाय व वर्गों के खिलाफ बिगड़े बोल के लिए माफी मांग चुके हैं। इसे देखकर कहा जाने लगा है कि धीरेंद्र शास्त्री अब अपने प्रवचनों से ज्यादा विवादित बयानों के कारण चर्चा में रहते हैं।
लखनऊ में दिया विवादित बयान
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित दीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हाल ही में लखनऊ में आयोजित एक कथा के दौरान मौला अली को लेकर कथित विवादित बयान देकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। उनके बयान पर देशभर के मुस्लिम समुदाय में नाराजगी देखी गई है, जिसके चलते अनेक मुस्लिम संगठनों ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की है। बिगड़ते हालात को देख पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने नाराज मुस्लिम समुदाय से माफी भी मांग ली है। इस मामले के बाद लोग बताने लगे हैं कि कब कब धीरेंद्र शास्त्री के बोल बिगड़े हैं और कब कब उन्होंने किनसे माफी मांगी है। ऐसे में यह भी बताया जा रहा है कि किस तरह से पंडोखर सरकार ने पर्ची लिखकर पोल खोलने वालों को चैलेंज किया और बिना नाम लिए धीरेंद्र शास्त्री की अच्छी खासी क्लास लगा दी थी।
साधु-संतों को लेकर बिगड़े बोल
बाबा बागेश्वर एक संत पर भड़के और यहां तक कह गए कि वो ऐसे संतों की भी पोल खोल कर रख देंगे। इससे आशय यह निकाला गया कि बागेश्वर बाबा संत और साधुओं को भी करप्ट मानते हैं और उनके पास इन सब के काले कारनामों की लिस्ट है। दरअसल धीरेंद्र शास्त्री ने संत और साधुओं को समझाइश देने की मुद्रा में कहना शुरु किया कि यदि आप में ज्ञान है तो उसे आप भलाई में लगाएं और दूसरों की बातों का खंडन करके खुद का मंडन न करें। वो आगे कहते हैं, कि यदि आप ऐसा करते हैं तो इससे बड़ा कोई धूर्त-कर्म नहीं है। आप ऐसा करके प्रसिद्धि पाना चाहते हैं, ऐसों को हम ज्ञानी तो बिल्कुल भी नहीं कहेंगे। उन्होंने फिर आगे कहा, हमें भी हनुमानजी ने सिद्धि दी है। हम चाहें तो किसी की भी पोल खोल कर सकते हैं। आप जैसे महात्मा भी नहीं बचेंगे। तब हम बता देंगे कि कितनी लुगाइयां रख रखी हैं, लेकिन, हम अपनी सिद्धि का कभी दुरुपयोग नहीं करते। इस बयान के बाद बाबा बागेश्वर विवादों में आ गए थे और अनेक संत-साधुओं ने उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए निशाने पर ले लिया था।
पंडोखर सरकार ने साधा निशाना
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पर्चे लिखकर भूत-भविष्य बताने का चमत्कार करने को लेकर पंडोखर सरकार ने बिना नाम लिए गंभीर सवाल उठाए हैं। पंडोखर सरकार ने अपने एक बयान में कहा कि पर्चा बनाने की भी एक ट्रिक होती है। नाम नही लूंगा मैं लेकिन समझदारों के लिए इशारा ही काफी है। ऐसे लोगों ने साधना नहीं की है, जप नहीं किया है, अनुष्ठान नहीं किया है, ये सभी लोग सिर्फ औरा बनाते हुए चमत्कार दिखा रहे हैं। पंडोखर सरकार ने निर्मल बाबा का उदाहरण देते हुए आागे कहा था कि निर्मल बाबा के कारण लोगों की आस्था टूटी थी। इससे पहले निर्मल बाबा चमत्कार दिखा रहे थे, कहां चले गए अब किसी को पता नहीं।
राजस्थान में भी आए विवादों में
विवादित बोलों के लिए जाने जा रहे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इससे पहले राजस्थान में भी अपने बयान से विवाद खड़ा कर चुके हैं। दरअसल उन्होंने कहा था कि भारत बाबर का नहीं रघुवर का देश है और धर्म विरोधियों की ठठरी भी बाधेंगे। हम किसी भी धर्म के विरोधी नहीं, लेकिन अपने धर्म के कट्टर हैं। कायदे में रहोगे तो फायदे में रहोगे। इस आशय के विवादित बयान धीरेंद्र शास्त्री जोधपुर में विश्व हिंदू परिषद द्वारा रावण का चबूतरा मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिए थे।