कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे गुलाम नबी आजाद पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा- 40 साल कांग्रेस में रहकर आपने कांग्रेस के साथ दगा कर दिया। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने अपने बयान में कहा था, मैं कांग्रेस को बेनकाब और पूरी तरह से ध्वस्त नहीं करना चाहता।
इसी के पलटवार में दिग्विजय सिंह ने कहा- गुलाम नबी भाईजान, आप कांग्रेस को क्या एक्सपोज और डिमोलिश करेंगे, पहले कश्मीर में अपनी पार्टी को तो बचा लीजिए। 40 साल कांग्रेस में रहकर आपने पार्टी के साथ दगा कर दिया। अब भाजपा व मोदी जी की बैसाखियों के सहारे क्या हासिल कर लेंगे।
उधर, दिल्ली में आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राहुल गांधी पर हमला बोला। सिंधिया ने कहा, राहुल गांधी ने अपनी व्यक्तिगत लड़ाई को लोकतंत्र की लड़ाई बनाना शुरू कर दिया है। राहुल कहते हैं कि मैं गांधी हूं और गांधी कभी माफी नहीं मांगते हैं। मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि सड़कें रोक देना, लोकतंत्र का अपमान करना, सड़कों पर हंगामा करना क्या गांधीवादी सिद्धांत है।
गुलाम नबी आजाद ने आत्मकथा ‘आजाद’ लिखी है। इस किताब में उन्होंने अपने 55 साल के राजनीतिक अनुभवों का जिक्र किया है।
गुलाम नबी की किस बात पर नाराज हुए दिग्विजय?
आजाद ने पिछले साल कांग्रेस से अलग होकर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी बनाई थी। उन्होंने आत्मकथा ‘आजाद’ लिखी है। इस किताब में उन्होंने अपने 55 साल के राजनीतिक अनुभवों का जिक्र किया है। किताब लॉन्च से एक दिन पहले यानी मंगलवार को गुलाम नबी ने कांग्रेस नेताओं पर तीखे बयान दिए।
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में उन्होंने कहा- बेशक मैंने अपनी किताब में नेहरू जी के समय में, इंदिरा जी के समय में, राजीव जी के समय में क्या गलत हुआ, इसका उल्लेख किया है, लेकिन मैंने यह भी कहा कि वे बड़े नेता थे। नेहरू जी, राजीव गांधी, इंदिरा गांधी इस आघात को सहन कर सकते थे, उनमें सहनशक्ति थी, उन्हें जनता का समर्थन और सम्मान था और समय के साथ अपने काम से वे पलट सकते थे। वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व का लोगों पर कोई प्रभाव नहीं है।
PM की तारीफ में कहा, मोदी ने बदले की भावना से काम नहीं किया
मैंने प्रधानमंत्री के साथ जो किया, और उन्होंने जो व्यवहार मेरे साथ किया, इसका मोदी को श्रेय देना चाहिए। वह बहुत उदार हैं। विपक्ष के नेता के तौर पर मैंने उन्हें किसी भी मुद्दे पर नहीं बख्शा, चाहे वह धारा 370 हो, CAA हो या फिर हिजाब का मुद्दा। इसके बावजूद मोदी ने कभी बदले की भावना से काम नहीं किया। वो हमेशा एक नर्म दिल वाले राजनेता की तरह पेश आए।
नरोत्तम ने कांग्रेस नेतृत्व को दी गुलाम नबी से समझने की सलाह
मप्र के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने गुलाम नबी आजाद के बयान पर कहा- कांग्रेस के लोगों को ये बात समझना चाहिए। जो राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे हों, कांग्रेस के सांसद और केंद्र में मंत्री रहे हों, उनकी मोदी जी के बारे में ये राय है। जो भी बौद्धिक सोच का स्तर ऊंचा रखता है, वो विषय की गहराई पर भी जाता है। आज पूरे देश की अवाम मानती है कि मोदी जी ने विश्व में भारत का नाम रोशन किया है। जितनी भी सर्वे एजेंसियां आ रहीं हैं, वे मानती हैं कि वैश्विक नेता मोदी हैं। विश्व गुरु बनने की ओर भारत के कदम बढ़ना शुरू हो गए हैं।
इधर, सिंधिया का राहुल गांधी पर हमला
कभी राहुल गांधी के करीबी रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया आज दिल्ली में राहुल गांधी पर हमलावर दिखे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा- पहली बार किसी सांसद की सदस्यता नहीं गई है। राहुल गांधी को एक विशेष सत्कार दिया जा रहा है। जो व्यक्ति जमानत के लिए जाता है, क्या वे नेताओं की पूरी फौज लेकर जाता है? देश में जो गतिविधियां राहुल गांधी की रही हैं, उस पर मैं कुछ तथ्य रखता हूं। पिछले कुछ दिनों में राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी दबाव और धमकी के लहजे में अपनी लड़ाई को लड़ रहे हैं।
2013 में जब राहुल ने अध्यादेश फाड़ दिया था, तब उन्हें विचार करना चाहिए था। राहुल गांधी कहते हैं कि मैं गांधी हूं और गांधी कभी माफी नहीं मागंता है। यह काफी आश्चर्यजनक था। कुछ लोग कहते हैं कि गांधी परिवार के लिए अलग से कानून होना चाहिए। राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने अपनी व्यक्तिगत लड़ाई को लोकतंत्र की लड़ाई बनाना शुरू कर दिया है। वे राजनीतिक रूप से प्रासंगिक बने रहने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसकी जितनी भी आलोचना की जाए कम होगी। कांग्रेस लोकतंत्र से खिलवाड़ कर रही है, हर बार कांग्रेस ने लोकतंत्र का अपमान किया है। कांग्रेस अब शून्य विचारधारा वाली पार्टी है।