पश्चिम बंगाल भाजपा में कलह का दौर जारी है। ऐसे में खबरें हैं कि बंगाल में पार्टी मतभेदों को दूर करने का जिम्मा खुद गृह मंत्री अमित शाह ने संभाला है। दरअसल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 4 मई को पश्चिम बंगाल के दौरे पर जा रहे हैं। उनके बंगाल दौरे में एक सप्ताह से भी कम समय है, इस बीच कोलकाता के निकटवर्ती उत्तर 24 परगना जिले में रविवार को बारासात संगठनात्मक समिति के 15 पदाधिकारियों ने एक बार में इस्तीफा दे दिया।
पार्टी नेताओं के बीच असंतोष ऐसे समय में सामने आया है जब भाजपा आलाकमान ने एक आदेश जारी कर राज्य इकाई को पार्टी के आंतरिक विवाद को खत्म करने और शाह की चार मई से शुरू होने वाली यात्रा से पहले एकजुट छवि बनाने का निर्देश दिया।
उपचुनावों में पराजय के बाद से भगवा खेमे को पार्टी के भीतर मतभेदों का सामना करना पड़ रहा है। उपचुनावों में पार्टी आसनसोल लोकसभा सीट को बरकरार रखने में विफल रही थी। राज्य सचिव सहित तीन विधायकों ने राज्य पदों से इस्तीफा दे दिया था। इसके अलावा नादिया में 14 जिला स्तर के पदाधिकारियों ने उपचुनाव के परिणामों के 48 घंटों के भीतर ही अपना इस्तीफा दे दिया था।
खबर है कि उत्तर 24 परगना जिले में सभी असंतुष्टों ने जिलाध्यक्ष पर पक्षपात का आरोप लगाया है। उन्होंने पार्टी के पुराने और वफादार कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करने और “अक्षम” चेहरों को ऊपर लाने का भी आरोप लगाया। सामूहिक इस्तीफे में, असंतुष्ट भाजपा कार्यकर्ताओं ने तापस मित्रा पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया।
इस्तीफा देने वाले एक पदाधिकारी श्यामल रॉय ने कहा, “उन्होंने न केवल अपने करीबी लोगों को प्राथमिकता दी। इसके अलावा, वह तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के साथ भी मिले हुए हैं और हमारे प्रतिद्वंद्वियों को निकाय चुनावों में चुनावी लाभ दिलाने में मदद करते हैं।”