मंदसौर। मध्य प्रदेश प्रगतिशील लेखक संघ की वार्षिक साधारण सभा जिला मुख्यालय के निकटवर्ती कस्बे पिपलिया मंडी के डाक बंगले में संपन्न हुई। आयोजन में संगठन की पत्रिका *वसुधा* पर विशेष रुप से चर्चा हुई। सदस्यों ने पत्रिका के आगामी अंकों में मंदसौर के लेखकों की रचनाओं तथा प्रलेस इकाईयों की गतिविधियों को स्थान देने का अनुरोध किया। वार्षिक निर्वाचन प्रक्रिया मे संगठन के पदाधिकारियों को चुना गया।
साधारण सभा को संबोधित करते हुए प्रगतिशील लेखक संघ प्रांतीय कार्यकारी दल के सदस्य हरनाम सिंह ने कहा कि देश में भय, निराशा और विध्वस्त का माहौल है। एक तरफ सच अकेला है उसके सामने झूठ की फौज खड़ी है। समाज के विवेकवान लोगों को समय के सच के साथ खड़ा रहना होगा। वर्तमान में असहमति शासकों के निशाने पर है। संगठित प्रतिरोध, सामाजिक भाईचारे से ही देशव्यापी काली ताकतों को बेनकाब किया जा सकेगा। वसुधा पत्रिका पर चर्चा करते हुए हरनाम सिंह ने कहा कि प्रतिष्ठित एवं बहुचर्चित इस पत्रिका में समसामयिक विषयों पर आलेख, कविताएं, कहानियां प्रकाशित हुई है। वर्तमान समय में जब पठनीयता संकट के दौर से गुजर रही है, समाज में पुस्तकों का महत्व कम कर दिया गया है, ऐसे में वसुधा जैसी पत्रिकाएं आशा और विश्वास का संचार करती है।
स्वप्निल ओझा ने वसुधा में शेखर मल्लिक की कहानी” यस सर नो सर यस सर ” की चर्चा करते हुए बहुराष्ट्रीय कंपनियों की शोषण व्यवस्था, बेरोजगारों के साथ हो रहे छल पर अपने विचार रखते हुए कहा की कहानी अपना प्रभाव छोड़ पाने में सफल रही है। वरिष्ठ सदस्य कैलाश जोशी ने कहा कि वसुधा 101 का पठन-पाठन नया अनुभव है। बदली हुई संपादकीय टीम की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के बारे में सईद नकवी के साक्षात्कार से विस्तृत जानकारी सामने आई है। कश्मीर के बारे में देश की प्रबुद्ध महिलाओं के जांच दल की रिपोर्ट “औरतों की आवाज” सुखदेव सिंह सिरसा का “पीरों का प्रेम झरोखा” तत्कालीन समाज की सच्चाईयों को उजागर करता है। ऐसा साहित्य हमें परिष्कृत होने का अवसर प्रदान करता है। श्री जोशी ने स्वरचित कविता ” एक दुस्वप्न का दौर ” का वाचन किया। कीर्ति नारायण कश्यप ने पुस्तक के अंत में महात्मा गांधी की लघुकथा का उल्लेख करते हुए हरिओम राजोरिया की कविता “लोकतंत्र” और “उनके राम” का वाचन किया। प्रदीप शर्मा ने आनंद पटवर्धन की फिल्मों के बारे में अहमद करीम के आलेख का उल्लेख करते हुए श्री पटवर्धन की जीवन यात्रा को याद किया। उन्होंने कहा कि पटवर्धन दूरदृष्टा थे । वर्तमान समय के बारे में उन्होंने अपनी फिल्मों के माध्यम से समाज को सचेत किया था। श्री शर्मा ने प्रलेस इकाई में श्री पटवर्धन की फिल्मों के नियमित प्रदर्शन की व्यवस्था का आग्रह किया। उन्होंने अफगानिस्तान के बारे में सईद नकवी की जानकारी को महत्वपूर्ण बताया बादलेयर की अनुवादित कविता” नशेड़ी बनों ” में शराब, कविता एवं सदाचार को नशे की संज्ञा देने को अद्भुत बताया। श्री शर्मा ने शुभा और हरिओम राजोरिया की कविताओं को अपने समय की हकीकत बताया। प्रलेस प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य असअद अंसारी ने हरिओम राजोरिया का परिचय देते हुए प्रलेस एवं इप्टा में उनके योगदान को याद किया।उन्होंने कहा कि वसुधा में विभिन्न भारतीय भाषाओं के लेखकों को स्थान मिलने से पत्रिका का राष्ट्रीय स्वरूप सामने आया है। संपादकीय संपूर्ण पत्रिका में प्रकाशित सामग्री के विचारों का सार है । असअद अंसारी ने कहा कि अक्सर मुझे रचनाओं में नुक्ते को लेकर शिकायत रहती है। लेकिन वसुधा में इस पर विशेष ध्यान दिया गया है। अफगानिस्तान के सियासी हालात, आनंद पटवर्धन की डॉक्यूमेंट्री बादलेयर की कविताओं का अनुवाद श्रेष्ठ है। प्रलेस इकाई सचिव दिनेश बसेर ने कश्मीर में महिलाओं की स्थिति पर आई रिपोर्ट को चिंताजनक बताया। हूर बानो सैफी ने अनुज लुगुन की कविता “अल्पसंख्यक” का वाचन किया। आयोजन में शमीम अंसारी, हेमलता गुप्ता, वंदना त्रिवेदी, प्रेमलता शर्मा, शोभा कश्यप, पूजा ओझा, आसिफ अंसारी, वैदिक ओझा, गौरांग ने भी रचना पाठ किया। गत वर्ष की गतिविधियों का प्रतिवेदन एवं आय व्यय की जानकारी देते हुए दिनेश बसेर ने गत वर्ष के पदाधिकारियों के योगदान को याद किया।
*जोशी अध्यक्ष बसेर बने सचिव*
प्रलेस मंदसौर इकाई के सांगठनिक चुनाव में वर्ष 22- 23 के लिए वरिष्ठ लेखक कैलाश जोशी अध्यक्ष एवं दिनेश बसेर सचिव चुने गए। इनके अलावा कीर्ति नारायण कश्यप, स्वप्निल ओझा उपाध्यक्ष । एम यू अंसारी कोषाध्यक्ष निर्वाचित घोषित किए गए। कार्यकारिणी में हूर बानो सैफी, प्रदीप शर्मा, पुष्कर गुर्जर, प्रेमलता शर्मा, प्रकाश गुप्ता, बृजेश आर्य को लिया गया ।
आयोजन में अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ के तत्कालीन अध्यक्ष अली जावेद, मंदसौर के कहानी लेखक आलोक पंजाबी, स्तंभ लेखक जयप्रकाश चोकसे के लेखन एवं सेवाओं को स्मरण करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई । कार्यक्रम में विगत दिनों प्रधानमंत्री के भोपाल आगमन पर प्रलेस कार्यकारिणी के सदस्य सचिन श्रीवास्तव की पुलिस हिरासत की घटना की कड़ी निंदा की गई।