राजबाड़ा और उसके आसपास के क्षेत्रों में ‘ठेकेदार प्रथा’ के तहत सड़क की जमीन को रोजाना 400 से 1000 रु. किराए पर देने के मामले में अब जिला प्रशासन अतिक्रमण करने वाले बड़े व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। इसके लिए नगर निगम गुरुवार से पूरे बाजारों की वीडियोग्राफी कर उसमें अतिक्रमण करने वाले व्यापारियों की दुकानों को चिन्हित करेगा। फिर उनसे खुद हटाने को कहेगा और अगर नहीं हटाए तो नगर निगम द्वारा उसे हटा दिया जाएगा। इसे लेकर बुधवार को हुई बैठक में निगम अधिकारियों ने व्यापारियों को सख्त रूप से चेतावनी दी।
‘दैनिक भास्कर’ द्वारा ‘ठेकेदारी प्रथा’ का मामला उठाने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया था। करीब एक हफ्ते से नगर निगम की गाड़ियां यहां लगातार पेट्रोलिंग कर रही है और सारे बाजारों से सड़कों पर व्यवसाय करने वालों, ठेले व फेरी वालों को हटा दिया गया है। अब बाजारों की तस्वीर बिल्कुल बदल गई है। राजबाड़ा से लेकर शीतलामाता, मल्हारगंज तक सड़कें खुली और खाली हैं। इससे लोगों को आवाजाही में काफी सुविधा हो गई है और वे आसानी से सभी बाजारों में जा रहे हैं। इधर, छोटे व्यवसायियों पर हुई कार्रवाई के बाद ठेला व पथ विक्रेता महासंघ ने सभी बाजारों में बड़े व्यापारियों द्वारा किए गए अतिक्रमण की वीडियो रिकॉर्डिंग नगर निगम को उपलब्ध कराई थी। इसमें बताया गया कि बड़े व्यापारियों ने किस तरह पाइपों के माध्यम से अपनी दुकानें 10 फीट तक आगे बढ़ा ली हैं जो नजर नहीं आती। इसके साथ ही दुकान के दो हिस्से बनाकर मूल दुकान (पिछला हिस्सा) किराए पर दिया है। इस पर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने तब व्यापारियों को चेतावनी दी थी और फिर बुधवार दोपहर सभी व्याापरिक एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई।
बैठक में अपर कमिश्नर देवेंद्रसिंह, डिप्टी कमिश्नर लता अग्रवाल, जोन अधिकारी अश्विन जनवदे, एएसपी राजेश व्यास, इंदौर रिटेल गारमेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अक्षय जैन, सचिव महेश गौर, उपाध्यक्ष राजेश जैन, पवन पंवार, अभिषेक जैन मनोहर माहेश्वरी, प्रमोद सोगानी, इंदौर सराफा-चांदी जवाहरात एसोसिएशेन के सचिव अविनाश शास्त्री , सुभाष चौक व्यापारी संघ के अध्यक्ष राजेश जैन आदि उपस्थित थे। अधिकारियों ने व्यापारिक एसोसिएशन के पदाधिकारियों से कहा कि राजबाड़ा व्यवसायिक क्षेत्र को आदर्श बनाना है, जिसे व्यापारियों, नगर निगम, पुलिस, प्रशासन व ट्रैफिक पुलिस की खास भूमिका है। ऐसे में व्यापारियों को चाहिए कि वे व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा में अपने दायरे से बाहर न आएं।
‘खुली दुकान, खुला व्यापार और खुला यातायात’ हमारा नारा
– कई दुकानों के काफी बाहर तक कब्जा कर कपड़े डिस्प्ले के लिए लगाए जाते हैं, अब ऐसा नहीं चलेगा।
– राजबाड़ा को आदर्श व्यवसायिक क्षेत्र बनाने में ‘खुली दुकान, खुला व्यापार और खुला यातायात’ यह हमारा नारा है, इस आधार पर ही हमें चलना होगा।
– सभी दुकानदारों को कहा गया है कि गुरुवार से वे खुद के व स्टाफ के वाहन पार्किंग स्थल पर रखें। दुकानों के सामने की जगह पर सिर्फ ग्राहकों के वाहन ही पार्क किए जाएंगे।
– क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था सीसीटीवी कैमरे आदि चाकचौबंद रखें।
– व्यापारी खुद अपने अतिक्रमण हटा लें अन्यथा नगर निगम सख्ती के साथ हटा देगी।
शटर सीमा के बाहर चाट-पकौडे़ भी नहीं बेचेंगे
बैठक में अपर कमिश्नर देवेंद्रसिंह ने व्यापारियों को कहा खासकर पिपली बाजार, सराफा, मावा बाजार आदि को लेकर कि कई दुकानदार दुकान की शटर सीमा से बाहर जाकर कब्जा करते हैं और चाट-पकौड़े, मावा आदि बेचते हैं। अब ऐसा नहीं चलेगा। वे अपनी दुकान सीमा में ही व्यवसाय करें अन्यथा कार्रवाई होगी। सड़कें सिर्फ पैदल चलने वालों के लिए है। इधर, एसोसिएशन ने प्रशासन को भरोसा दिलाया कि गाइड लाइन अगर कोई दुकानदार करेगा तो उसके लिए एसोसिएशन तरफदारी नहीं करेगा। इसके साथ ही राजबाड़ा क्षेत्र के सुलभ शौचालयों की स्थिति, ऑटो रिक्शा के खड़े होने वाले विवाद, व्यापारियों को स्थाई पार्किंग के लिए जगह देने और यातायात दबाव को कम करने के लिए पिपली बाजर से यशोदामाता मन्दिर की ओर आने वाला मार्ग टू वे की जाने की मांग की।सराफा चौराहा की चाट दुकानों से भीड़ नियंत्रण करने का बात भी रखी।
प्रदर्शन पर उतारू छोटे व्यापारियों को समझाइश के बाद हटाया
इधर, छोटे व्यवसायियों को हटाए जाने को लेकर उनमें काफी आक्रोश है, क्योंकि उन्हें वैकल्पिक रूप में हॉकर्स जोन उपलब्ध नहीं कराया है। दूसरा यह कि नगर निगम द्वारा बड़े व्यापारियों के खिलाफ अभी तक कार्रवाई नहीं की गई है। इसे लेकर दोपहर में ये लोग राजबाड़ा क्षेत्र में पहुंचे तो पुलिस ने समझाइश देकर रवाना किया। इसके बाद ये नगर निगम पहुंचे, जहां व्यापारियों की बैठक खत्म ही हुई थी। छोटे व्यवसायियों ने अधिकारियों से बड़े व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस पर उन्हें बताया गया कि गुरुवार से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
…इसलिए कसा गया बड़े व्यापारियों पर शिकंजा
दरअसल, नगर निगम ने इस बार छोटे व्यवसायियों को हटाकर बड़े व्यापारियों की राह भले ही आसान कर दी हो लेकिन अब इसमें कई ऐसे हैं जिनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक इसके पूर्व बड़े व्यापारियों ने अपनी समस्याएं हल नहीं होने पर टैक्स नहीं भरने की चेतावनी दी थी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री के एक नजदीकी को बाजार की ‘ठेकेदारी प्रथा’ की ऑडियो रिकॉर्डिंग भेजी थी। इसके बाद मुख्यमंत्री के संज्ञान में मामला आया और निर्देश मिलते ही इधर कार्रवाई शुरू हुई। चूंकि बड़े व्यापारियों में कुछ तो ऐसे हैं कि जिनकी बिल्डिंगें नियम विरुद्ध बनाई गई है तो कुछ हैरिटेज से घिरी हैं। इनकी फाइलें भी जल्द ही खुलने वाली है और बड़ी कार्रवाई के संकेत हैं।