विजय दलाल
: *सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईवीएम की वीवीपीएटी पर्ची की समानांतर गणना को लेकर चुनाव घोषणा के बाद और 13 मई जब तक लोकसभा के 4 चरण निपट जाने के बाद नोटिस के जवाब का क्या अर्थ निकाला जाएं?*
*क्या सुप्रीम कोर्ट ने जो अवसर चुनावी बांड के फैसले को 115 दिन तक सुरक्षित रख कर, संसद के आखिरी सत्र खत्म होने के बाद और ठीक चुनावों की घोषणा के ठीक पहले जैसे विपक्ष को इस चुनाव में इतने बड़े भ्रष्टाचार के मुद्दे को चुनाव में उपयोग करने का अवसर नहीं दिया उसी प्रकार से क्या चुनाव आयोग को इस चुनाव में बीजेपी के पक्ष में ईवीएम का दुरूपयोग करने देना चाहता है ?*
*चुनाव आयोग के पर्ची की समानांतर गणना और मिलान को लेकर झूठ और बहानेबाजी इस बात को स्वतः ही प्रमाणित करती है कि ईवीएम के द्वारा बड़े पैमाने पर हेराफेरी की जाती रही है।*
*2019 के लोकसभा चुनाव में पहले 4 चरणों के चुनाव में 371 सीटों पर आयोग द्वारा पूर्व घोषित वोटों की काउंटिंग की संख्या और घोषित परिणाम वोटों की संख्या में 200-400 का नहीं हजारों का कम और ज्यादा का अंतर था। जो चुनाव आयोग की वेबसाइट पर था लेकिन जैसे ही पत्रकार द्वारा आरटीआई द्वारा उस अंतर के बारे में पूछा गया, वैसे ही चुनाव आयोग ने उसे वेबसाइट से हटा दिया गया।*
*अगर वीवीपीएटी पर्ची की समानांतर गणना जिसको चाहता तो देश के करोड़ों लोगों को की*तरह की वीवीपीएटी मशीन के हटने के बाद वोट कई तरह से कभी खुद के लिए ट्रांसफर कभी जीतने वाली* *विपक्षी पार्टी के जीते उम्मीदवार के वोट को तीसरे या चौथे*उम्मीदवार को ट्रांसफर कर हराया जाता है।*
*और भी कई तरह से वोट ट्रांसफर करने की शंकाओं का समाधान केवल व केवल पर्ची की गणना और मिलान है।*
*जो चुनाव आयोग 1951-52 के चुनाव के बाद सबसे लंबे दौर यानी 46 दिन का चुनाव करने वाला चुनाव आयोग कहता है पर्ची की समानांतर गणना और मिलान में 4- 5 दिन लग जाएंगे।
पहले तो यह बहुत बड़ा झूठ है और यदि लगते भी हैं तो लग भी जाते हैं तो क्या फर्क पड़ जाएगा।
*क्यों नहीं अब तक नोटों की काउंटिंग मशीन की तरह वोट काउंटिंग मशीन डेवलप करवायीं ?*
*इतने लंबे समय मशीनें रखी* *जाती है तो यह आशंका भी प्रबल बन जाती है कि सौर्स कोड द्वारा रखी मशीनों की सारी काउंटिंग*की जानकारी ली जाती हो और उनमें वोट बढ़ाकर या घटाकर या ट्रांसफर कर बीजेपी जीत रही हो?*
*इन सारी शंकाओं का समाधान वीवीपीएटी पर्ची की 100% समानांतर गणना और मिलान है।*
*यक्ष प्रश्न यह है कि 13 मई तक चुनाव आयोग के उत्तर के बाद गणना में इतना कम समय बचेगा तो सुप्रीम कोर्ट इसे इस चुनाव में इसे लागू करवा पाएगा या नहीं?*
*ईवीएम में चुनाव में 2019 के चुनावों की तरह धांधली होने दें और फिर कोई न कोई तरकीब से गणना या मिलान करवा दें।*और बीजेपी से इस देश से हमेशा के लिए छुटकारा दिलवा दे और हेराफेरी करने और करवाने वालों को सत्ता की बजाय जेलों की हवा खिलवा दे ?*