
सनत जैन
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के अवैध प्रवासियों की तीन खेप को सेना के विमान में भारत भेज दिया है। 300 से अधिक भारतीय अवैध प्रवासी भारत वापस लौट चुके हैं। खास यह है कि इन सभी को हथकड़ियों और वेडि़यो में जकड़ कर भेजा गया है। सेना के लड़ाकू विमान जिसमें बैठने के लिए सीट नहीं होती हैं, खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं होती है। एक इमरजेंसी टॉयलेट भरा होता है। उसमें अमेरिका से अवैध प्रवासियों को भारत भेजा जा रहा है। अमेरिका में चीन और रूस के तीन लाख से अधिक अवैध प्रवासी रह रहे हैं। चीन और रूस के अवैध प्रवासियों को भेजने की कोई प्रक्रिया अमेरिका द्वारा शुरू नहीं की गई है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का इरादा पूरी तरह से अब जग जाहिर हो गया है। वह भारत और भारत के अवैध प्रवासियों के साथ अपनी खुन्नस निकाल रहे हैं। व्हाइट हाउस द्वारा अवैध प्रवासियों को जिस तरह से भारत भेजा गया, उसका वीडियो बनाया गया। वेडि़यो और हथकड़ियों में जकड़े महिला, पुरुषों और बच्चों को भेजने का यह वीडियो 5 करोड़ से ज्यादा लोग दुनिया में देख चुके हैं। डोनाल्ड ट्रंप उनके सलाहकार एलन मस्क वीडियो में अटहास करते हुए नजर आ रहे हैं। जो इस बात का प्रमाण है कि अमेरिका जानबूझकर भारत के अवैध प्रवासियों के साथ गुलाम और अपराधियों जैसा व्यवहार कर रहा है। भारत की जो विश्व गुरु वाली छवि सारी दुनिया के देशों में बनी हुई थी उस छवि को सुनयोजित रूप से नष्ट किया जा रहा है।
अमेरिक़ी गृह मंत्रालय के अनुसार चीन के 260000 रूस के 30000 से ज्यादा अवैध प्रवासी अमेरिका में रह रहे हैं। इसके अलावा अन्य देशों के भी लाखों अवैध प्रवासी अमेरिका में रह रहे हैं, लेकिन भारत के अवैध प्रवासियों को अमेरिका से जिस तरह से वापस भेजा जा रहा है उससे यह बात स्पष्ट हो गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के साथ दुश्मनी वाला व्यवहार कर रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के पहले चीन और अन्य देशों के ऊपर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी थी, लेकिन एक महीना होने को आ गया चीन और अन्य देशों के साथ उन्होंने जो धमकी दी गई थी उसके अनुसार कोई कार्रवाई नहीं की। सारी गाज भारत के ऊपर गिरती हुई दिख रही है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले दिनों तंज कसा है, भारत के पास खूब पैसा है। भारत अमेरिका से सबसे ज्यादा टैरिफ वसूल करने वाला देश है। यह कहते हुए उन्होंने जो भारत को सहायता दी जा रही है उसे भी बंद करने का आदेश दिया है।
अमेरिका की धमकी के आगे भारत ने बहुत सारी चीजों में आयात शुल्क घटा दिया है। अमेरिका के दौर में जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गए थे, उस समय अमेरिका के हितों को ध्यान में रखते हुए बहुत से ऐसे समझौते किए हैं जो भारत के लिए नुकसानदेह हैं। यह माना जा रहा था कि अवैध प्रवासियों को लेकर वह सकारात्मक रुख अपनाएंगे। भारतीय कारोबारी गौतम अडानी को लेकर अमेरिका का सकारात्मक रुख होगा, लेकिन 18 फरवरी को अमेरिका न्याय विभाग ने जो पत्र भारत सरकार को भेजा है उसके बाद यह आशा भी खत्म हो गई। इससे ऐसा लगता है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके सलाहकार एलन मस्क जानबूझकर भारत सरकार को ब्लैकमेल कर रहे हैं।
वह अपनी व्यक्तिगत खुन्नस निकाल रहे हैं। भारत सरकार अमेरिका से इतना क्यों डर रही है, इसको लेकर अब दुनियाभर में चर्चा होने लगी है। छोटे से छोटे देशों ने अमेरिका के ऊपर जवाबी हमले किए, उसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मौन साधना पड़ा। भारत सरकार की चुप्पी सभी को आश्चर्य चकित कर रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में साक्षी न्यूज को जो इंटरव्यू दिया है उसमें उन्होंने यह बताया है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब उनसे मिले थे तब उन्होंने प्रतिस्पर्धी टैरिफ लगाने की बात उन्हें बता दी थी।
अवैध प्रवासी भारतीयों को लेकर भी उनसे चर्चा हो चुकी है। इससे यह स्पष्ट है, भारत सरकार कुछ ना कुछ तो छुपा रही है। बहरहाल दुनिया के देशों में भारत की जो छवि बनी हुई थी वह बड़ी तेजी के साथ खत्म हो रही है। अब तो लोग यह भी कहने लगे हैं अमेरिका की सरकार भारत के साथ गुलामो सरीका व्यवहार कर रही है। पिछले 1 महीने में अमेरिका की सरकार ने भारत के साथ जिस तरह का व्यवहार किया है वह किसी को रास नहीं आ रहा है। लोग अब 1971 के युद्ध से तुलना करने लगे हैं। उस समय भारत आर्थिक रूप से स्मृद्ध नहीं था। उस समय भी अमेरिका अपनी दादागिरी भारत के साथ नहीं कर पाया था। 2025 में जब हम आर्थिक एवं सामरिक रूप से हजारों गुना ज्यादा सर्मृद्ध हैं, तब भारत के साथ अमेरिका इस तरह की दादागिरी कर रहा है। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान भारत के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निजी रूप से होता हुआ दिख रहा है।