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डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ ऐलान:दुनिया की प्रतिक्रिया

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 अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल 2025 को ‘लिबरेशन डे’ पर वैश्विक आयातों पर ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ की घोषणा की. इसके तहत चीन पर 34%, यूरोपीय संघ पर 20%, दक्षिण कोरिया पर 25%, भारत पर 26%, जापान पर 24%, और ताइवान पर 32% टैरिफ लगाया गया। उन्होंने कहा कि अन्य देश अमेरिका से अधिक शुल्क लेते हैं, जिससे अमेरिकी इंडस्ट्री को नुकसान हुआ है। इसके अलावा, सभी विदेशी निर्मित ऑटोमोबाइल्स पर 25% टैरिफ आधी रात से लागू किया गया। वहीं ट्रंप के नए टैरिफ की घोषणा के बाद विभिन्न देशों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आईं हैं-

नॉर्वे- नॉर्वे के व्यापार और उद्योग मंत्री सेसिली मायरसेथ ने कहा है, “हम गणना कर रहे हैं और देख रहे हैं कि क्या हुआ है. लेकिन यह स्पष्ट है कि यह वर्ल्ड इकनॉमी के लिए गंभीर है, और यह नॉर्वे के लिए महत्वपूर्ण है.. पहली नजर में हम (यूरोपीय संघ) के खिलाफ 20% टैरिफ और नॉर्वे के खिलाफ कम से कम 10-15% देख रहे हैं। यह बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि हम यूरोपीय संघ को बहुत सारे निर्यात भी भेजते हैं। इसलिए, यह हम पर भी असर डालेगा। यह एक गंभीर दिन है।”

स्विट्जरलैंड- स्विस फेडरेशन के अध्यक्ष कैरिन केलर-सटर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “फेडरल काउंसिल ने टैरिफ पर अमेरिकी फैसलों पर ध्यान दिया है. यह जल्द ही अगले कदम तय करेगा.. अंतरराष्ट्रीय कानून और मुक्त व्यापार का सम्मान मौलिक है।”

ऑस्ट्रेलिया- ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री एंथनी अल्बानीज ने कहा, “यह किसी दोस्त का काम नहीं है. हालांकि, उन्होंने बदले में टैरिफ लगाने का वादा करने में संकोच किया. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया “नीचे की ओर दौड़ में शामिल नहीं होगा जो महंगाई और धीमी वृद्धि की ओर ले जाता है।.”

स्वीडन- स्वीडिश प्रधान मंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “स्वीडन मुक्त व्यापार और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए खड़ा रहेगा।.”

अमेरिका ने भारत को दिया बड़ा झटका, डोनाल्‍ड ट्रंप ने लगाया 26 प्रतिशत टैरिफ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और अन्य देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जिसके तहत भारत पर 26% शुल्क लागू किया जाएगा। यह ऐलान व्हाइट हाउस में एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान किया गया, जिसमें ट्रंप ने इस संबंध में एक एक्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किए। ट्रंप के मुताबिक, यह कदम अमेरिका की अर्थव्यवस्था को “फिर से मजबूत” करने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि अमेरिकी व्यापारियों और श्रमिकों को फायदा हो सके।

रेसिप्रोकल टैरिफ और न्यूनतम बेसलाइन टैरिफ का ऐलान:
इसके अलावा, ट्रंप ने 10% न्यूनतम बेसलाइन टैरिफ की भी घोषणा की है, जो उन देशों पर लागू होगा जो अमेरिकी उत्पादों पर भारी शुल्क लगाते हैं। ट्रंप का कहना है कि यह नीति उन देशों पर दबाव बनाने के लिए है, जो अमेरिकी निर्यात के खिलाफ ऊंचे शुल्क लगाते हैं। उनका आरोप है कि अमेरिका के व्यापारिक साझेदार अपनी नीतियों से अमेरिका को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा रहे हैं, और इसे रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।

ऑटोमोबाइल्स पर भारी टैरिफ:
ट्रंप ने एक और महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें उन्होंने विदेशी निर्मित ऑटोमोबाइल्स पर 25% टैरिफ लगाने का निर्णय लिया। यह शुल्क आधी रात से प्रभावी होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम अमेरिकी ऑटोमोबाइल उद्योग को बढ़ावा देने और अमेरिकी कार निर्माताओं को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए उठाया जा रहा है। ट्रंप का कहना है कि अमेरिका में बेची जाने वाली अधिकांश विदेशी कारों पर भारी शुल्क लगाया जाएगा, जिससे घरेलू उद्योग को प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा।

यूरोपीय संघ और एशियाई देशों पर आरोप:
ट्रंप ने इस अवसर पर यूरोपीय संघ (EU) और एशियाई देशों पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि ये देश अमेरिकी कारों पर भारी शुल्क लगाते हैं, जबकि अमेरिका केवल 2.4% टैरिफ लागू करता है। ट्रंप ने उदाहरण देते हुए कहा कि थाईलैंड 60%, भारत 70% और वियतनाम 75% तक शुल्क वसूलता है। ट्रंप ने कहा कि यह असमान व्यापार नीति अमेरिका के लिए न केवल अनुचित है, बल्कि यह अमेरिकी उत्पादों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक बड़ा अवरोध है।

इसके अलावा, ट्रंप ने जापान और दक्षिण कोरिया पर भी हमला बोला, यह कहते हुए कि इन देशों में बेची जाने वाली अधिकांश कारें स्थानीय रूप से निर्मित होती हैं, जबकि अमेरिकी कारों की बिक्री इन देशों में बहुत कम है। 

ट्रंप का विदेशी नेताओं को संदेश
ट्रंप ने अपने बयान में दुनियाभर के देशों को संदेश दिया कि यदि वे चाहते हैं कि अमेरिका अपने टैरिफ को कम करे, तो उन्हें पहले अपने खुद के टैरिफ घटाने चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर आप चाहते हैं कि हमारे टैरिफ कम हों, तो पहले अपने टैरिफ कम करें। अगर किसी देश को लगता है कि उनका टैरिफ शून्य होना चाहिए, तो उन्हें अपने उत्पाद अमेरिका में ही बनाना चाहिए।” ट्रंप का कहना था कि जब कंपनियां अमेरिका में उत्पादन करने के लिए आएंगी, तो उन्हें कोई टैरिफ नहीं लगेगा। उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिकी धरती पर पहले कभी न देखी गई संख्या में कंपनियां अपना उत्पादन स्थापित कर रही हैं। 

टैरिफ के जरिए अमेरिका को सुरक्षा प्रदान करना
राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी कहा कि ये टैरिफ अमेरिका को उन देशों से सुरक्षा प्रदान करते हैं, जो जानबूझकर अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रहे थे। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि इन देशों ने शायद सीधे तौर पर नहीं, लेकिन गंभीर आर्थिक नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। उन्होंने यह भी कहा कि इन टैरिफ के परिणामस्वरूप अमेरिका को अभूतपूर्व विकास मिलेगा, जो पहले कभी नहीं देखा गया। ट्रंप ने इस मौके पर विश्वास जताया कि यह कदम अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा और भविष्य में विकास की एक नई दिशा देगा। 

किस देश पर क्या टैरिफ लागू होगा?
ट्रंप ने यह भी ऐलान किया कि किस देश से कितना टैरिफ वसूला जाएगा। यह कदम उनके द्वारा दिए गए भाषण के साथ तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है। नीचे सूचीबद्ध देशों पर लागू होने वाले टैरिफ दरें हैं: 

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