सुनीलसिंह बघेल
कहीं आप भी तो इस भ्रम में नहीं कि यूक्रेन मे फंसे भारतीयों को सरकार, मुफ्त हवाई टिकट अपनी जेब से दे रही है.?? यदि हां तो आप गलत है.!! टिकट मुफ्त नहीं, बल्कि विदेश आने-जाने वाले भारतीयों से वसूल गए फंड ,यानी जनता की जेब के पैसे का है।
जी हां तत्कालीन यूपीए सरकार ने 2009 में आपात स्थिति में विदेशों में फंसे भारतीयों को निकालने ,उनकी मदद करने के लिए “इंडियन कम्युनिटी वेलफेयर फंड” #ICWF बनाया था। इस फंड को बनाने का उद्देश्य आपात स्थिति में विदेश में फंसे भारतीयों की मदद करना था।
मुफ्त लाने का एहसान जताने वाली सरकार यह नहीं बताएगी कि, जब भी आप वीजा आदि बनवाते हैं, तब इस इंडियन कम्युनिटी वेलफेयर फंड के नाम पर भी मामूली शुल्क वसूलती है।
पिछले 12 सालों में इस ICWF फंड में लगभग 500 करोड़ इकट्ठा हो चुके हैं। इसमें से सरकार कोरोना काल, और दूसरे एअरलिफ्ट को मिलाकर, अभी तक 50 करोड़ भी खर्च नहीं कर पाई है।
अब यह यह नाकामी की पराकाष्ठा ही कही जाएगी की अपनी जेब का पैसा लगाकर विमानों का इंतजाम करना तो दूर, विदेशों आने-जाने वाले भारतीयों द्वारा दिए गए पैसे का उपयोग भी सरकार समय पर नहीं कर पाई।
पहले मंत्रियों-अधिकारियों की मेहरबानी से निजी एयरलाइन ने जमकर मुनाफा काटा.. और जब पानी सर से गुजर गया तब सरकार और उनके झांझ-मंजीरा छाप चैनल.. आईटी सेल.. अंधभक्त.. सब बड़ी बेशर्मी से, छात्रों को मुफ्त एयर टिकट देकर लाने का एहसान जता रहे हैं..
तो हे.. #लीलावतीकलावतीसरकार.. बेशक पहली खेप में आए ढाई सौ छात्रों के प्लेन में घुसकर अपना #फोटोजीवी धर्म खूब निभाईए.. डंका बजाइए.. कोई समस्या नहीं…
लेकिन हम से ही वसूल कर.. हमारी ही बेहतरी के लिए बनाए गए (करीब 500 करोड़ ) फंड का उपयोग कर.. हमें मुसीबत से निकालकर अपना #राजधर्म भी तो निभाईए…
..और हां यह भी कि हे, लीलाधर… हे,डंकापति.. अब यह कभी मत कहना कि, हम यूक्रेन से छात्रों को मुफ्त हवाई टिकट दे कर ला रहे..
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