भोपाल. गैस कांड के मामले में भोपाल जिला अदालत में प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) विधान महेश्वरी की कोर्ट में शनिवार को डाउ केमिकल कंपनी की पेशी हुई। कंपनी की तरफ से सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता रविंद्र श्रीवास्तव उपस्थित हुए, उनके साथ एक दर्जन से ज्यादा वकील भी कोर्ट में आए। उन्हाेंने कोर्ट के समक्ष कहा कि डाउ केमिकल अमरीकी कंपनी है, भोपाल कोर्ट को इस सुनवाई का अधिकार नहीं है। कंपनी के कर्ताधर्ता अमरीका में हैं, उनसे जानकारी लेने में समय लगता है। इस दलील के बाद सुनवाई कर रहे जज विधान महेश्वरी ने अगली तारीख 6 जनवरी दी है। इस दिन क्षेत्राधिकार के संबंध में तर्क किए जाएंगे। वहीं सुनवाई के दौरान बाहर खड़े गैस पीडि़त संगठनों ने इस आपत्ति पर नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि आज कल पल भर में सूचना का आदान प्रदान होता है, ऐसे में अमरीका स्थित कंपनी से जानकारी करने में समय लगता है, ये बात गले नहीं उतरती।
भोपाल ग्रुप फॉर इनफाॅर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने बताया कि यूनियन कार्बाइड यूएस को द डाउ केमिकल कंपनी ने खरीद लिया है। अब उसका नाम द डाउ केमिकल हो गया है। केस में उसे आरोपी बनाया जाए।
18 साल में सात सम्मन भेजे गए तब पेश हुए डाउ के प्रतिनिधिगैस कांड के आरोपियों को भोपाल कोर्ट तक बुलाने के लिए 18 साल और सात सम्मन लगे। अब उसी कंपनी के वकील गले न उतरने वाले तर्क रखकर अपनी आंशिक उपस्थिति का उपयोग करके भारतीय अधिकार क्षेत्र को नकारने की कोशिश कर रही है। जज विधान माहेश्वरी ने आपदा की चालीसवीं वर्षगांठ वर्ष में 6 जनवरी 2024 को क्षेत्राधिकार के मुद्दे पर अंतिम सुनवाई तय की है। भोपाल ग्रुप फॉर इनफाॅर्मेशन एंड एक्शन ग्रुप के अधिवक्ता अवि सिंह दिल्ली से ऑनलाइन पेश हुए थे।
26 फरवरी 2004 की याचिका का जवाब देना है
इस याचिका में कहा गया है कि डाउ केमिकल ने जानबूझकर एक ऐसी कम्पनी का अधिग्रहण किया जो भारत सरकार एवं भारत की अदालतों द्वारा एक घोषित भगोड़ी अपराधी कम्पनी है। इसलिए आपराधिक मुकदमा का सामना करने के लिए कार्बाइड को भोपाल जिला अदालत में पेश करना डाउ का कानूनी दायित्व है। ये याचिका भोपाल ग्रुप फॉर इनफाॅर्मेशन एंड एक्शन की तरफ से लगाई गई है।
कम पड़ जाएंगी सीरीजयूनियन कार्बाइड आपदा के बाद बचे लोगों के साथ काम करने वाले संगठनों के प्रतिनिधियों ने आशा व्यक्त की है कि भोपाल की बढ़ी हुई प्रोफ़ाइल कार्यवाही पर आवश्यक ध्यान केंद्रित करेगी। नई नेटफ्लिक्स सीरीज़ द रेलवे मेन भोपाल की भावना का सम्मान करती है, लेकिन पूरी कहानी बताने के लिए चालीस सीरीज़ की आवश्यकता होगी।