*किसान-मजदूर विरोधी बजट के खिलाफ 16 फरवरी को मजदूरों की आम हड़ताल तथा ग्रामीण बंद किया जाएगा।*
किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व विधायक डॉ सुनीलम एवं किसान संघर्ष समिति मालवा निमाड़ संयोजक रामस्वरूप मंत्री ने केंद्र सरकार के अंतरिम बजट को किसानों के अस्तित्व को नकारने वाला, किसानों के साथ ठगी और धोखा करने वाला बजट बतलाते हुए कहा कि बजट में किसानों के साथ किए गए पुराने वादों को भी पूरा करने का कोई प्रबंध नहीं किया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने 380 दिन आंदोलन चलाकर तथा 732 किसानों की शहादत देकर संपूर्ण कर्जा मुक्ति तथा एमएसपी पर कृषि उत्पादों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग केंद्र सरकार से की थी जिसे अनसुना कर दिया है तथा 9 दिसंबर 2021 के लिखित आश्वासनों को भी नकार दिया है। एक तरफ कॉर्पोरेट का टैक्स 30% से घटाकर 22% कर दिया गया है, वहीं दूसरी तरफ किसानी से जुड़े उपकरणों, खाद, कीटनाशक, डीजल, बिजली के दामों में कोई कटौती नहीं की गई है। बजट भाषण में केवल 11.8 करोड़ किसानों को वित्तीय मदद का उल्लेख किया गया है। बजट में सरकार ने यह स्वीकार कर लिया है कि वह 15 करोड़ किसान परिवारों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की एक भी किस्त उपलब्ध कराने में असमर्थ रही है।
डॉ सुनीलम ने प्रधानमंत्री को चुनौती देते हुए कहा है कि वे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि को लेकर श्वेत पत्र जारी करें, जिससे यह पता चल सके कि 15 करोड़ किसान परिवारों को गत पांच वर्षों में हर किसान परिवार का 30 हजार रुपया उनके बैंक खाते में आया है कि नहीं।
डॉ सुनीलम ने कहा कि सरकार ने चंद कार्पोरेटों का 15 लाख करोड़ रुपया माफ किया लेकिन 15 करोड़ किसान परिवारों का एक रूपए का कर्ज भी माफ करने को तैयार नहीं है।
डॉ सुनीलम ने मनरेगा के बजट को कम किए जाने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि लंबे समय से मनरेगा मजदूरों के द्वारा हर वर्ष 200 दिन की मजदूरी 600 रूपये प्रतिदिन की दर से उपलब्ध कराने की मांग की जा रही थी लेकिन सरकार ने समाज के अंतिम पायदान के व्यक्ति को भी बजट में कोई तवज्जो नहीं दी है।
किसान संघर्ष समिति ने कहा है कि केंद्र सरकार की किसानों के प्रति उदासीनता इस बात से प्रकट होती है कि पिछले वर्ष कृषि और ग्रामीण क्षेत्र को दिए गए बजट में से एक लाख छह हजार करोड़ रुपए खर्च नहीं किया जा सका है। इससे साफ है कि कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के लिए जो बजट मिला है उसे भी खर्च करने का इरादा सरकार नहीं करती।
डॉ सुनीलम ने कहा कि सरकार ने फसल बीमा की बकाया राशि देने, प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे किसानों को राजस्व मुआवजा देने तथा बाजार में कृषि उत्पादों का संतुलन बनाए रखने के लिए कोई राशि उपलब्ध नहीं कराई जबकि कॉरपोरेट को एक लाख करोड़ रुपए का बजट उपलब्ध कराया गया है।
डॉ सुनीलम ने कहा कि वित्तीय घाटे के चलते महंगाई बढ़ना तय है। उन्होंने कहा कि बजट में युवाओं के सबसे बड़े सवाल बेरोजगारी को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है। सरकार न्यूनतम यह घोषणा कर सकती थी कि वह एक करोड़ शासकीय खाली पदों को भरेगी। लेकिन बजट में रोजगार सृजन को प्राथमिकता नहीं दी गई है।
किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने कहा कि किसान विरोधी बजट एवं केंद्र सरकार की किसान मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा, श्रमिक संगठनों के साथ मिलकर 16 फरवरी को देश में आम हड़ताल तथा ग्रामीण बंद करेगा।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर 16 फरवरी की तैयारी लगातार चल रही है। केंद्रीय श्रमिक संगठनों के अलावा देश में अनौपचारिक क्षेत्र में कार्य करने वाले श्रमिक संगठनों, युवा संगठनों और महिला संगठनों के साथ बैठकें की जा चुकी है। आज देश के प्रमुख बुद्धिजीवियों के साथ बैठक की जाने वाली है तथा कल मध्य प्रदेश के युवा संगठनों, महिला संगठनों, श्रमिक संगठनों एवं बुद्धिजीवियों के साथ मध्य प्रदेश में 16 फरवरी के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बैठक की जाएगी।