अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

 शर्मसार हुआ मध्‍यप्रदेश….नरोत्तम मिश्रा की निरंकुशता से प्रदेश में बढ़ रहे बेहताशा अपराध

Share

बाल अपराध, दलित उत्पीड़न, महिला उत्पीड़न और आदिवासी उत्पीड़न में अव्‍वल हुआ प्रदेश*

*पूर्व सीएम कमलनाथ ने गृहमंत्री नरोत्‍तम मिश्रा की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल*

*विजया पाठक,

अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार कई अभियान चला रही है। इसके बाद भी प्रदेश में अपराधों की संख्या बढ़ती जा रही है। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की वर्ष 2021 की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में कुल चार लाख 75 हजार 918 प्रकरण दर्ज हुए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 42 हजार अधिक हैं। नाबालिग से दुष्कर्म और अनुसूचित जनजाति वर्ग पर सर्वाधिक अत्याचार के मामले मध्य प्रदेश में सामने आए हैं।

पिछले दिनों जारी हुई नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट ने एक बार फिर मध्यप्रदेश को शर्मसार कर दिया है। इस रिपोर्ट में स्पष्ट तौर से कहा गया है कि मध्यप्रदेश में आज भी महिलाओं के साथ छेड़छाड़, बालात्कार, मर्डर, घरेलू हिंसा, जैसी वारदातें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। वहीं, एनसीआरबी की रिपोर्ट को पढ़ने और देखने के बाद देश के गृहमंत्री अमित शाह ने भी मध्यप्रदेश की इस स्थिति पर खासी नाराजगी व्यक्त की है। सवाल यह है कि पिछले कई सालों से एनसीआरबी की रिपोर्ट पर नजर डाले तो एक भी बार ऐसा कहीं प्रतीत होता नहीं दिख रहा है जब यह कहा जाये कि प्रदेश में आपराधिक मामले नियंत्रण में है।

*एक स्थान फिसल छठवें स्थान पर पहुंचा*

रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं के साथ घटित अपराध के मामले में मध्य प्रदेश इस वर्ष 30 हजार 673 प्रकरणों के साथ छठवें स्थान पर है। जबकि, वर्ष 2020 में यह पांचवें स्थान पर था। दहेज प्रताड़ना के मामले सात हजार 929 सामने आए हैं। देश में नाबालिग से दुष्कर्म के प्रकरण मध्य प्रदेश में सर्वाधिक तीन हजार 515 हैं। दहेज के लिए हत्या के प्रकरण के मामलों में मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है। वर्ष 2021 में 522 मामले दर्ज हुए हैं। महिलाओं पर हमले के मामले पांच हजार 760 सामने आए हैं। जबकि, महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में विवेचना करके न्यायालय में प्रस्तुत करने की दर 84 प्रतिशत रही है, जो देश में दूसारे स्थान पर है। अनसुचित जाति वर्ग के व्यक्तियों से संबंधित अपराधों के मामले में मध्यप्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है। यहां वर्ष 2021 में सात हजार 214 अपराध रजिस्टर्ड हुए।

*नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म के मामले में नम्बर एक पर है मध्यप्रदेश*

प्रदेश में औसतन लगभग हर तीन घंटे में एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म होता है। यह चिंताजनक नहीं बल्कि भयावह स्थिति हैं। साल 2019, 2020 और 2021 से सतत मध्यप्रदेश नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म के मामलें में देश में नम्बर एक पर आ रहा हैं फिर भी प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा इस ओर अपना ध्यान देना छोड़ बचकानी टिप्पणियों में व्यस्त हैं। नरोत्तम मिश्रा ऐसे निरंकुश गृहमंत्री हैं जिनसे प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था और बाल अपराधों पर अंकुश नहीं लगा पा रहे हैं। पूरे समय विपक्षी दलों के नेताओं पर टीका-टिप्पणी करना, मीडिया में बने रहने के लिए उलूल-जुलूल बयानबाजी करना ही इनकी प्राथमिकता है। फिर चाहे वो महिला कलाकार द्वारा कही गयी कोई बात हो या किशोर बाल गृह, सम्प्रेषण गृह में बच्चों को अंडा-चिकन देने की बात हो। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब विभागीय मंत्री ही विभाग की मिट्टी पलीत करने में जुटे हुए हैं तो अपराध भला कैसे नियंत्रित होंगे?

*आदिवासियों पर अत्याचार में आगे*

एक तरफ प्रदेश सरकार जनजातीयों के संरक्षण की बात कर रही है वहीं, दूसरी तरफ जनजातियों के साथ हुए अत्याचार के मामले में मध्य प्रदेश नंबर वन है। रिपोर्ट के अनुसार यहां दो हजार 627 प्रकरण दर्ज हुए हैं। अनसुचित जाति वर्ग से जुड़े मामलों में सजा दिलाने की दर 34.3 प्रतिशत रही है, जो राष्ट्रीय औसत 28.1 प्रतिशत से अधिक और राज्यों में दूसरे स्थान पर है।

*गृहमंत्री अमित शाह की नाराजगी और नरोत्‍तम मिश्रा की निरंकुशता*

पिछले दिनों भोपाल पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी स्पष्ट कहां था कि प्रदेश में कानून व्यवस्था को और दुरस्त करने की आवश्यकता है। यहां आपराधिक मामले निरंतर बढ़ रहे हैं, इन पर अंकुश लगाया जाना चाहिए। लेकिन एनसीआरबी की रिपोर्ट आने के बाद शाह ने मध्यप्रदेश सरकार के गृह विभाग पर बुरी तरह से नाराजगी व्यक्त की। सूत्रों के अनुसार शाह ने यह तक भी कह दिया है कि अगर नरोत्तम मिश्रा अपराध पर नियंत्रण लगाने में असफल हो रहे हैं तो इनका कोई विकल्प ढूंढना शुरू कर देना चाहिए सरकार को।

*बेफिजूल की सफाई देने में आगे नरोत्‍तम*

एनसीआरबी की रिपोर्ट आने के बाद जब विपक्ष ने शिवराज सरकार को घेरना शुरू किया तो सफाई देने सबसे पहले नरोत्तम मिश्रा आये और उनका बयान सुनने के बाद ऐसा लगा जैसे मानों ये प्रदेश में हो रहे आपराधिक घटनाओं से पूरी तरह से अंजान है। इन्हें इस बात का तनिक भी आभास नहीं है कि प्रदेश में रोजाना आपराधिक घटनाएं हो रही है। हाल ही में महिला बाल विकास विभाग द्वारा किशोर न्याय में रहने वाले बच्चों के पोषण आहार में अंडा शामिल किये जाने को लेकर मिश्रा अचानक बोल पड़े। एनसीआरबी की रिपोर्ट पर मीडिया ने सवाल किये तो टाल दिये, लेकिन अंडा खिलाने की बात पर गृहमंत्री जी एकदम मुखर हो गये। जबकि नरोत्तम मिश्रा का इस पूरे मसले से कहीं से कहीं तक कोई लेना देना नहीं है। लेकिन फिर भी मीडिया में बने रहने के लिए फिजूल बयानबाजी करना अब इनकी आदत सी बन गई है।

*पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने की गृहमंत्री के कार्यों की निंदा*

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एनसीआरबी रिपोर्ट को लेकर प्रदेश सरकार और निरंकुश गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को प्रदेश में बढ़ती आपराधिक घटनाओं का जिम्मेदार बताया। सोशल मीडिया में पोस्ट करते हुए कमलनाथ ने लिखा है कि एनसीआरबी की रिपोर्ट ने एक बार फिर शिवराज सरकार के तमाम दावों व सुशासन की पोल खोल कर रख दी है। मध्यप्रदेश जो मासूम बच्चियों से दुष्कर्म में वर्षों से देश में अव्वल है , उस पर लगा यह दाग अभी भी बरकरार है।

*मुख्यमंत्री का चुप्पी साधना समझ के परे*

प्रदेश की खस्ताहाल होती कानून व्यवस्था पर अब भी प्रदेश के मुखिया की चुप्पी समझ के परे है। प्रदेश के गृहमंत्री से भी अब तक उन्होंने कोई सवाल-जबाव नहीं किये और न ही उन्हें इस संबंध में कोई नोटिस जारी करवाया। जबकि मुख्यमंत्री को स्पष्ट निर्देश देते हुए नरोत्तम मिश्रा से तुरंत गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी वापस लेते हुए कुछ समय के लिए वनवास में भेज देना चाहिए।

*व्यर्थ की टीका-टिप्पणी में अव्वल नरोत्तम मिश्रा*

*रनवीर और आलिया के महाकाल दर्शन मामले में प्रदेश में धार्मिक जहर बोया*

प्रदेश में आपराधिक मामलों को नियंत्रण में नियंत्रण करने की जिम्मेदारी प्रदेश की शिवराज सरकार ने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को दी है। लेकिन नरोत्तम मिश्रा ऐसे निरंकुश गृहमंत्री हैं, जिनसे प्रदेश की कानून व्यवस्था संभाले नहीं संभल रही। पूरे समय विपक्षी दलों के नेताओं पर टीका-टिप्पणी करना, मीडिया में बने रहने के लिए उलूल-जुलूल विषयों पर बयानबाजी करना ही इनकी प्राथमिकता है। अभी कल का ही मामला है जब बॉलीवुड सितारे रनवीर कपूर और आलिया भट्ट को हिंदू संघठनो ने पूर्व में रनवीर कपूर को महाकाल के दर्शन नहीं करने दिए। पहली बार किसी हिंदू को हिंदू मंदिर में दर्शन करने से रोका गया। इसके बाद नरोत्तम मिश्रा ने अपने वक्तव्य में ही झूठ बोल दिया कि प्रशासन ने इन बॉलीवुड सितारों के दर्शन का प्रबंध कराया जबकि उज्जैन के कलेक्टर ने ऐसी कोई व्यवस्था से साफ इंकार कर दिया है। नरोत्तम मिश्रा ने धार्मिक विद्वेष से पिछले दो सालों से प्रदेश में जहरीला वातावरण बना दिया है। असल में उनकी यह विचारधारा भी नकली है। अपने आप को हिंदू पंडित साबित करने के लिए वो आमिर खान से लेकर धर्म विशेष पर अनर्गल टिप्पणी करते र्है। उनकी विचारधारा भी उनकी तरह नकली है। एक तरफ वो लोगों का विरोध करते हैं पर दूसरी तरफ उनकी पार्टी के मंत्री स्मृति ईरानी, किरण रिजिजू का विरोध नहीं करते जबकि किरण रिजिजू ने वक्तव्य दिया था कि वो बीफ खाते हैं और स्मृति ईरानी के बेटी के रेस्टोरेंट में भी यह सब परोसा जाता है। इसके उलट नरोत्तम स्मृति ईरानी के मध्यप्रदेश में पीतांबरा माई के दर्शन करवाने की व्यवस्था भी करवाते हैं। शायद उनको उनके मित्र अक्षय कुमार की फिल्म ओह माई गॉड देखनी चाहिए ताकि वो उनका और उनकी पार्टी के सांसद परेश का विरोध कर सके। वैसे किसी का खान-पान या कलाकार की अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होती है पर अपनी ओछी राजनीति चमकाने के लिए नरोत्तम मिश्रा ने प्रदेश में जहर घोल दिया है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब विभागीय मंत्री ही विभाग की मिट्टी पलीत करने में जुटे हुए हैं तो अपराध भला कैसे नियंत्रित होंगे।

सूत्रों के अनुसार नरोत्तम मिश्रा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से भी सीधे मुंह बात करना पसंद नहीं करते। उन्होंने सारी पावर अपने हाथ में ले रखी है और पुलिस के आला अधिकारी महज केवल एक कठपुतली की तरह काम करने को मजबूर हैं। आये दिन महिलाओं और बच्चियों के साथ हो रही घटनाओं को रोकने की जिम्मेदारी आखिर किसकी है। जब प्रदेश का पुलिस प्रशासन ही पूरी तरह से निरंकुश हो जायेगा तो गुंडे, बदमाशों के हौंसले तो बुलंद होना लाजमी है।

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें