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नोटा की धमक के चलते भाजपाइयों को लगवाना पड़ीं कतारें

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इंदौर। यह पहला चुनाव है, जिसमें इस कदर सन्नाटा पसरा रहा। दूसरी तरफ नोटा को लेकर भी धमक अच्छी-खासी है। यही कारण है कि भाजपाइयों को दिल्ली दरबार से मिले कड़े निर्देशों के चलते मैदान पकडऩा पड़ा और नतीजे में सुबह कई केन्द्रों पर लम्बी-लम्बी कतारें भी नजर आईं। हालांकि शुरुआती 2 घंटे में 10 फीसदी से भी कम मतदान के आंकड़े सामने आए हैं। दूसरी तरफ कांग्रेसियों ने अधिक से अधिक नोटा पर वोटडलवाने का अभियान चला रखा है और निर्दलीय प्रत्याशी के चुनावी एजेंट बनकर टेबलें लगाकर बैठना भी पड़ा।

यह लगातार 10वां ऐसा लोकसभा चुनाव है, जिसमें कांग्रेस की तुलना में भाजपा का पलड़ा कई गुना अधिक भारी है। 9 चुनावों में लगातार भाजपा के ही उम्मीदवार जीतते रहे, जिसमें 8 बार लगातार सुमित्रा महाजन ताई चुनाव जीतीं और उसके बाद पिछला लोकसभा चुनाव शंकर लालवानी ने भी साढ़े 5 लाख मतों से जीता। इस चुनाव में भी उनकी स्थिति मजबूत ही रही। हालांकि बावजूद इसके कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय बम का नामांकन भाजपा ने वापस करवा दिया, जिसको लेकर देशभर में आलोचना भी हुई और भाजपा के दिल्ली दरबार ने भी चिंता जाहिर की, क्योंकि मतदान का प्रतिशत घटने का अंदेशा हो गया। इंदौर का पूरा चुनाव सन्नाटे में ही बीते, क्योंकि मैदान में कांग्रेस थी ही नहीं और भाजपा अकेले ही चुनाव प्रचार करती रही। भाजपा के उम्मीदवार शंकर लालवानी के लिए भी यह असहज स्थिति हो गई, क्योंकि वे भले ही रिकॉर्ड मतों से चुनाव जीतें, बावजूद इसके उनकी जीत दागदार ही कहलाएगी। यही कारण है कि भाजपाई खेमे में खलबली मची और फिर अंतिम दिनों में भाजपाइयों को एकजुट किया गया, वहीं संघ भी कुछ मैदान में उतरा और नतीजे में आज सुबह कई केन्द्रों पर लम्बी कतारें देखी गईं। नोटी का धमक का असर यह हुआ कि भाजपा अपने उम्मीदवार का प्रचार-प्रसार करने की बजाय नोटा की आलोचना में जुट गई। अब देखना यह है कि कितने इंदौरी नोटा को वोट देते हैं।

भाजपाइयों के साथ संघ भी हुआ सक्रिय

भाजपा कार्यकर्ता समय पर मतदान केन्द्र पर पहुंच जाए और मतदान केंद्रों के बाहर लगी भाजपा की टेबलों पर मोर्चा संभाल लें, इसके लिए भाजपा के प्रदेश कार्यालय से उन्हें सुबह 5 बजे ही फोन घनाघना दिए गए। पार्टी के बूथ अध्यक्षों और मतदान केंद्र पर ड्यूटी देने वाले कार्यकर्ताओं के पास भोपाल से आए फोन कॉल्स में जल्दी तैयार होकर मतदान केंद्र पर पहुंचने और पार्टी द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारी संभालने के लिए कहा गया। सुबह 6 बजे फिर सुबह साढ़े 6 बजे रिमाइंडर आ गया कि आप मतदान केंद्र पर पहुंचे या नहीं, पोलिंग एजेंट आए या नहीं, पार्टी की टेबल लगी या नही, मॉक पोल के दौरान कौन मौजूद था। हर आधा घंटे में इस तरह के कॉल बूथ अध्यक्षों तक पहुंचाते रहे और उनसे मतदान की स्थिति की जानकारी भी ली जाती रही। यह भी पूछा गया कि अब तक पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता ने आपसे संपर्क किया या नहीं।

टेबल पर कम बूथ पर ज्यादा भीड़
शहर के ज्यादातर मतदान केंद्रों पर भाजपा की टेबलों पर तो कम भीड़ दिखाई दी, लेकिन सुबह से ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें देखने को मिलीं। पार्टी कार्यकर्ताओं को भी कोशिश थी कि सुबह 11 बजे तक ज्यादा से ज्यादा लोग मतदान के लिए पहुंच जाएं। सुबह मतदान के लिए जो लोग जल्दी पहुंचे, उनमें महिलाओं की संख्या ज्यादा थी।

संघ के कार्यकर्ता ने किया राष्ट्रहित में मतदान का आग्रह
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने सुबह से ही मतदान केंद्रों पर मोर्चा संभाल लिया था। वे मतदान केंद्र के बाहर खड़े होकर मतदान के लिए पहुंचने वाले हर मतदाता से उम्मीदवार का नाम लिए बिना राष्ट्रहित में मतदान का आग्रह कर रहे थे।

हर बूथ पर कांग्रेसी जुटे… भोजन पैकेट भिजवाए

इंदौर में कांग्रेस का उम्मीदवार नहीं होने के बावजूद हर बूथ पर कांग्रेस का पोलिंग एजेंट बैठाने की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की रणनीति सफल रही। निर्दलीय प्रत्याशियों के पोलिंग एजेंट के रूप में कांग्रेस कार्यकर्ता हर बूथ पर बैठे। पार्टी के वरिष्ठ नेता भी मतदान केंद्रों पर पहुंचे और वहां मौजूद कार्यकर्ता से मतदान के प्रतिशत तथा अन्य व्यवस्थाओं के बारे में चर्चा की। हालांकि कांग्रेस की टेबल शहर में आज किसी भी पोलिंग बूथ पर नजर नहीं आई, लेकिन पार्टी के विधानसभा क्षेत्र प्रभारी अपने प्रभार के क्षेत्र में घूमकर मतदान केंद्रों के बाहर मतदाताओं से नोटा में वोट डालने का अनुरोध करते रहे। कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं के लिए हर बूथ पर भोजन पैकेट भी भिजवाए।

14 उम्मीदवारों के साथ नोटा भी डटा

25 लाख 26 हजार मतदाता इंदौर लोकसभा के लिए आज अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। हालांकि यह तो देर रात तक ही पता चलेगा कि इनमें से कितने प्रतिशत लोगों ने वोट दिए। सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हुआ, जो 6 बजे तक जारी रहेगा। 2677 मतदान केन्द्रों पर वोटिंग चल रही है। भाजपा उम्मीदवार सहित 14 मैदान में हैं, तो उसके साथ इस बार नोटा भी दमदारी के साथ डटा है। सुबह मतदान शुरू करने से पहले सभी केन्द्रों पर मॉकपोल भी करवाया गया। इंदौर की आठ विधानसभा के मतदाता लोकसभा के लिए मत दे रहे हैं, तो महू के मतदाता धार संसदीय सीट के लिए मतदान करेंगे।

महू में 2 लाख 83 हजार 571 मतदाता हैं, उनके सहित सभी 9 विधानसभा सीटों पर कुल मतदाताओं की संख्या 28 लाख 10 हजार 374 है, लेकिन इंदौर संसदीय सीट के लिए कुल 25 लाख 26 हजार 803 मतदाता हैं, जिनमें 97 थर्ड जेंडर भी शामिल हैं। पुरुष मतदाताओं की संख्या 12 लाख 75 हजार 93, तो महिला मतदाताओं की संख्या 12 लाख 51 हजार 613 है। अब इनमें से कुल कितने मतदाता वोट डालने शाम 6 बजे तक निकलते हैं इसका आंकड़ा देर रात और अंतिम आंकड़ा संभवत: कल सुबह तक हासिल होगा, क्योंकि चुनाव आयोग ने तो 2 चरणों में 10 दिन बाद मतदान का अंतिम प्रतिशत बताया था। इंदौर में इस बार नोटा भी 14 उम्मीदवारों के साथ में मैदान में डटा है। संभव है कि इंदौर नोटा के मामले में भी नया रिकॉर्ड बनाए, जो कि पूरी तरह संभव नजर आ रहा है। वहीं भाजपा उम्मीदवार भी सर्वाधिक मतों से चुनाव जीतने का रिकॉर्ड अपने नाम कर सकते हैं।

लोकसभा चुनाव में इस बार इंदौर का नजारा कुछ अलग ही नजर आ रहा था। सुबह-सुबह कुछ मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें (long queues) नजर आईं तो कुछ मतदान केंद्र सूने पड़े थे। गर्मी के चलते सुबह सात बजे से ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं का आना शुरू हो गया। बुजुर्गों और पहली बार मतदान कर रहे मतदाताओं में वोटिंग को लेकर अच्छा खासा उत्साह देखने को मिला।

सुबह सात बजे से शुरू हुई मतदान की प्रक्रिया में जूनी इंदौर क्षेत्र के मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की कम भीड़ देखने को मिली। अधिकारी बीएलओ के माध्यम से घर-घर जाकर मतदाताओं को मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए जहां प्रोत्साहित करते नजर आए, वहीं इंदौर पांच व सांवेर विधानसभा में लंबी-लंबी लाइनें देखी गईं। सुबह पांच बजे मॉकपोल किए जाने की प्रक्रिया के बाद एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी अपने-अपने क्षेत्र में चुनाव संपन्न कराने के लिए भिड़े नजर आए। सबसे अधिक 14 मतदान केंद्रों वाले सरकारी हिन्दी मीडियम स्कूल में सभी बूथों पर लंबी लाइनें देखी गईं। सांवेर के अधिकारियों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में मताधिकार के उपयोग को लेकर ग्रामीणजन काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं। सबसे ज्यादा खेती-किसानी करने वाले मतदाता कतार में दिख रहे हैं।

बीएलओ पहुंचे दरवाजा खटखटाने
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और क्षेत्र में लगाए गए कर्मचारियों ने सुबह नौ बजे के बाद मतदान प्रक्रिया में कमी को देखते हुए मतदाताओं को जागरूक करने की शुरुआत की। क्षेत्र के गली-मोहल्लों में पहुंचकर दरवाजे खटखटाए गए। मतदाताओं को जागरूक किया गया कि जल्द से जल्द मतदान करें। हालांकि जहां प्रशासन गर्मी के चलते मतदाताओं के केंद्र पर पहुंचने को लेकर आशंकित नजर आ रहा था, वहीं आज मौसम ने करवट ली और प्रशासन के फेवर में बादलों के छाए रहने के कारण ठंडक बनी हुई है। ऐसे मौसम में अब प्रशासन मतदाताओं के घर से निकलने को लेकर आशान्वित नजर आ रहा है।

पूर्वी क्षेत्र के मतदान केंद्रों पर सुबह से जुटी भीड़, पीडब्ल्यूडी, रवींद्र नगर और तिलक नगर में लगी कतारें

लोकसभा चुनाव के तहत सोमवार को हुए मतदान को लेकर शहर के पूर्वी क्षेत्र में भी सुबह से माहौल बना रहा। तकरीबन हर केंद्र पर छोटी-बड़ी कतारें देखी गईं। पीडब्ल्यूडी मुख्यालय, रवींद्र नगर और तिलक नगर जैसे क्षेत्रों में सुबह 6.30 बजे से लोग जुटना शुरू हो चुके थे।

इनमें बड़ी संख्या में पुरुष, महिलाएं और युवा शामिल रहे। तिलक नगर स्कूल स्थित मतदान केंद्र के बाहर बड़ी संख्या में वाहन खड़े हुए थे। मॉर्निंग वॉक करने आए कई लोग समूहों में वोटिंग करने आए। तिलक नगर मेन रोड पर सुबह से काफी हलचल थी। इससे ज्यादा भीड़ पीडब्ल्यूडी के रवींद्र नगर स्थित आफिस पर दिखी। वहां भी सुबह आठ बजे मतदान के लिए लोग उमड़े थे। पास ही स्थित पीडब्ल्यूडी मुख्यालय को आदर्श मतदान केंद्र बनाया गया था। वहां की व्यवस्थाओं को लोगों ने सराहा। बीमा नगर स्थित कम्युनिटी हॉल केंद्र पर सुबह से मतदान करने वालों की कतारें देखी गईं। सुबह से शहर के आसमान पर छाई बदली के कारण हवा में गर्मी नहीं थी और हवा में ठंडक का अहसास हो रहा था। दोपहर की तेज धूप से बचने के लिए ज्यादातर लोगों की कोशिश जल्द मतदान करने की थी।

इस बार मोबाइल पर सख्ती
मतदान केंद्रों में इस बार मोबाइल पर सख्ती बरती जा रही है। हालांकि पहले भी मोबाइल मतदान केंद्रों में ले जाने पर प्रतिबंध था, लेकिन उसे बंद करा दिया जाता था। इस बार मोबाइल अंदर ही नहीं ले जाने दिया जा रहा है। वहीं कई मतदाताओं ने कहा कि उनका परिचय पत्र मोबाइल के अंदर डिजी लॉकर में है तो उन्हें मूल कॉपी लाने को कहा गया। इस पर कई मतदान केंद्रों पर बहस होती रही, लेकिन पुलिस की सख्ती के आगे मतदाताओं की नहीं चली। विदित है कि पिछले दिनों अपने नाबालिग बेटे से वोट डलवाने का एक व्यक्ति ने मोबाइल पर फोटो खींचकर उसे वायरल कर दिया था। उसके बाद चौथे चरण में प्रदेश में सबसे ज्यादा सख्ती बरती जा रही है। वहीं मंत्री कमल पटेल भी अंदर बूथ तक अपने पोते को ले गए थे और फोटो वायरल हो गया था, जिस पर एफआईआर दर्ज की गई है।

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