ईगल सीड्स एंड बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड भारतीय किसानों को 1982 से उनकी आवश्यकता के अनुसार
सोयाबीन बीज उपलब्ध करवा रही है। इसी कारण से, कंपनी पिछले 42 वर्षों से किसानों के बीच सबसे
प्रमुख सोयाबीन बीज प्रदाता कंपनी के रूप में स्थापित है। अब यही सफलता कंपनी ने गेहूं के बीजों में
भी प्राप्त की है।
पिछले 5-6 वर्षों में कंपनी के अनुसंधान विभाग ने किसानों की आवश्यकताओं के अनुरूप उन्नत और
क्षेत्रीय जरूरतों के मुताबिक बीजों पर गहन शोध किया। इसके परिणामस्वरूप आज कंपनी के पास भारत
के सभी गेहूं उत्पादक क्षेत्रों के किसानों के लिए विभिन्न प्रकार की संशोधित गेहूं की किस्में उपलब्ध हैं।
पिछले वर्ष कंपनी ने ईगल 1201 और ईगल 1204 किस्में लॉन्च की थीं, जो उत्तर और मध्य भारत के
किसानों के बीच बहुत लोकप्रिय हो गईं हैं।

ईगल 1201 अक्टूबर से जनवरी तक बुवाई के लिए उपयुक्त है। इसके दाने मोटे और चमकीले होते हैं,
जिससे बनी चपाती स्वादिष्ट होती है। यह किस्म प्रमुख रोगों और गिरने के प्रति सहनशील है। वहीं,
ईगल 1204 किस्म समय पर बुवाई के लिए उपयुक्त है, जिसे किसान उच्च पैदावार और बेहतरीन स्वाद
की चपातियों के लिए पसंद करते हैं। यह किस्म लंबी बालियों और आकर्षक चमकीले दानों के साथ
अधिक बाजार मूल्य दिलाती है।
कंपनी ने अपनी बीज श्रृंखला में दो नई संशोधित किस्में – ईगल-1213 और ईगल-1214 इसी वर्ष पेश की
हैं। ईगल-1213 महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात और उत्तर भारत के अन्य राज्यों के लिए उपयुक्त
है, जो कम समय में पकने के साथ-साथ अधिक उत्पादन देती है। इसमें उच्च प्रोटीन की मात्रा होती है,
जिससे चपातियाँ अधिक स्वादिष्ट और मुलायम बनती हैं। यह किस्म प्रतिकूल मौसम में भी बेहतर
उत्पादन देने की क्षमता रखती है। वहीं, ईगल-1214 समय पर बुवाई पर शानदार उत्पादन देती है, इसमें
अधिक फुटान होती है और यह गिरने के प्रति सहनशील है। मध्य भारत, खासकर मध्यप्रदेश, राजस्थान
और गुजरात में इस किस्म की भारी मांग है।
आज, ईगल सीड्स एंड बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड की सात संशोधित गेहूं किस्में देशभर के किसानों की
आवश्यकताओं को पूरा कर रही हैं। इनमें सुशिका (ईगल-135) और हर्षिका (ईगल-145) जैसी किस्में वर्षों से
किसानों के बीच लोकप्रिय रही हैं। सुशिका विशेष रूप से मध्यप्रदेश और गुजरात के किसानों को हर वर्ष
संतोषजनक उत्पादन देती है, और इसकी मांग निरंतर बढ़ रही है। वहीं हर्षिका किस्म ड्यूरम (काठिया) गेहूं की श्रेणी में आती है, जो गिरने के प्रति सहनशीलता और उच्च उपज क्षमता के कारण पिछले दस
वर्षों से किसानों की पसंदीदा बनी हुई है।
ईगल सीड्स निरंतर अनुसंधान और नवाचार के माध्यम से किसानों के लिए नई और उन्नत किस्में
लेकर आती है। आने वाले समय में कंपनी मूंग की नई किस्म संशोधित ईगल-3001 को भी लॉन्च करने
जा रही है, जो बड़े दाने के साथ-साथ विषाणु रोगों के प्रति उच्च सहनशीलता प्रदान करेगी।
कंपनी के प्रबंध निदेशक श्री वैभव जैन, एक युवा उद्यमी होने के साथ-साथ किसानों को बेहतर किस्म
उपलब्ध कराने की सोच रखते हैं और भविष्य में भी उन्नत किस्में उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
हमेशा अपनी सोच अपने पिता श्री स्वर्गीय राजेन्द्र कुमार जैन, जिन्होंने इस कंपनी की स्थापना की, की
तरह लेकर चलते हैं और हमेशा किसानों के हित में नए-नए क्रांतिकारी उत्पाद तैयार करने के लिए
अनुसंधान टीम को भी प्रेरित करते हैं। सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (सेल्स एंड मार्केटिंग) श्री अनिल कोल्ते का
मानना है कि भारतीय किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा मिले। ऐसे उत्पादों के विकास के लिए
कंपनी निरंतर प्रयासरत है। और भविष्य में तुअर, मक्का, बाजरा इत्यादि में भी एक से बढ़कर एक उत्पाद
देखने को मिलेंगे। कंपनी हमेशा किसानों को नई किस्मों से अवगत कराती रहती है। जनरल मैनेजर
(मार्केटिंग और प्रोडक्ट डेवलपमेंट) डॉ. अशोक गुप्ता और उनकी टीम भी हमेशा प्रचार-प्रसार के माध्यम
से किसान भाइयों को नए बीज की जानकारी उपलब्ध करने में प्रयासरत रहते हैं सोशल मीडिया
प्लेटफार्मों जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम और लिंक्डइन के माध्यम से किसानों को नई किस्मों और उनके लाभों
की जानकारी प्रदान करती है।
ईगल सीड्स एंड बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड के अनुसंधान और विकास की दिशा में निरंतर प्रयास जारी हैं,
ताकि भारतीय किसानों के लिए उन्नत बीज और उच्च पैदावार सुनिश्चित की जा सके।
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