प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेताओं से जुड़ी संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ईडी ने शनिवार को बताया कि ”उसने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी से संबंधित कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 700 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को अपने कब्जे में लेने की कार्रवाई शुरू कर दी है। यह मामला AJL के अधिग्रहण से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं और धन के दुरुपयोग के आरोपों से संबंधित है, जो कभी नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करता था।
नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर शिकंजा कसते हुए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपपत्र दायर किया है। जांच एजेंसी की ओर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया गया है। ईडी ने दोनों नेताओं को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी बनाया है। आरोपपत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा, सुमन दुबे समेत कई नेताओं के नाम भी शामिल हैं।
इस मामले में विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने कहा, ‘अभियोजन पक्ष की वर्तमान शिकायत पर संज्ञान के पहलू पर अगली बार 25 अप्रैल, 2025 को इस अदालत के समक्ष विचार किया जाएगा, जब ईडी और आईओ के विशेष वकील अदालत के अवलोकन के लिए केस डायरी का पेशी भी सुनिश्चित करेंगे।’
ईडी के आरोपपत्र पर 25 अप्रैल को होगी सुनवाई
ईडी की ओर से दाखिल किए गए आरोपपत्र पर राउज एवेन्यू कोर्ट में 25 अप्रैल को सुनवाई होगी। ईडी की ओर से धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 की धारा 44 और 45 के तहत धन शोधन के अपराध के लिए अभियोजन शिकायत दर्ज की गई है। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी से जुड़ी संपत्तियों पर कब्जा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
AJL और YIL पर ईडी की कार्रवाई
यह पहली बार है जब कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ किसी मामले में चार्जशीट दाखिल की गई है। बता दें कि, ईडी ने साल 2014 में दिल्ली के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश पर एजेएल और यंग इंडिया के खिलाफ पीएमएलए के तहत जांच शुरू की थी। ईडी ने एजेएल यानी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड और यंग इंडिया की अभी तक करीब 751.9 करोड़ रुपये कीमत की प्रॉपर्टी जब्त की है।
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?
नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र की स्थापना 1938 में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने की थी। यह स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक था, इसे एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड यानी एजेएल की तरफ से प्रकाशित किया जाता था। साल 2008 में वित्तीय संकट के बाद समाचार पत्र बंद हो गया और यहीं से इस विवाद की शुरुआत हुई। इसके बाद 2010 में यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएल) नाम की कंपनी बनीं, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 38-38% हिस्सेदारी है। इस मामले में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में आरोप लगाया कि वाईआईएल ने एजेएल की 2000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को मात्र 50 लाख रुपये में हासिल कर लिया और यह धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है।
ईडी के आरोपपत्र पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया
वहीं ईडी की कार्रवाई पर कांग्रेस पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में लिखा- नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को जब्त करना कानून के शासन का मुखौटा ओढ़कर एक राज्य प्रायोजित अपराध है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करना, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की तरफ से की गई बदले की राजनीति और डराने-धमकाने की कोशिश के अलावा कुछ नहीं है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और उसका नेतृत्व चुप नहीं बैठेगा। सत्यमेव जयते!
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