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*रेत की कालाबाजारी रोकने   और बेरोजगार निर्माण मजदूरों  का रोजगार बचाने हेतु अनुमति  प्रदान करें चुनाव आयोग* *- डॉ सुनीलम*

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किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने मध्यप्रदेश में रेत बिक्री पर चुनाव आयोग द्वारा रोक लगाए जाने के कारण मध्य प्रदेश शासन को हो रही राजस्व  हानि एवं रेत की कालाबाजारी के चलते उपभोक्ताओं के संकट, निर्माण मजदूरों की बेरोजगारी का संज्ञान लेने हेतु मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन को ईमेल से पत्र भेजा है। 

   मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भेजे गए पत्र में कहा गया कि मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों की तरह बैतूल जिले में भी अब तक रेत खदानों की नीलामी, टेंडर प्रक्रिया पूरी न हो पाने के कारण रेत बिक्री बंद है। बैतूल जिले को रेत  खनन से औसतन 27 करोड़ रुपए सालाना राजस्व प्राप्त होता है। लेकिन 1 अक्टूबर से बैतूल जिले में रेत बिक्री बंद हो जाने के कारण न केवल अब तक बैतूल जिले को ढाई करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है बल्कि पूरे जिले के निर्माण कार्य ठप्प पड़ गए हैं। रेत  खनन बंद होने से न केवल रेत खनन के काम में लगे मजदूर बेरोजगार हुए हैं बल्कि पूरे जिले में निर्माण मजदूरों का रोजगार भी संकट में पड़ गया है। मुलताई में तो रेत 4 गुना दाम पर बेची जा रही है।

   डॉ सुनीलम ने कहा कि मैंनें जब बाजार में पता किया तब मुझे मालूम पड़ा कि मुलताई में एक डंपर का रेट 55,000 रुपए और एक ट्राली रेट 8,000 में बेची जा रही है, जो औसतन रेत के भाव से कई गुना अधिक है। यह रोक के कारण हो रहा है।

 उन्होंने मांग की है कि चुनाव आयोग रेत की बिक्री के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर अनुमति मध्य प्रदेश शासन को प्रदान  करे ताकि बैतूल जिला एवं अन्य जिले रेत के संकट से उबर सकें।

   भागवत परिहार

   कार्यालय सचिव, किसंस मुलतापी

   9752922320

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