पन्ना। देश-दुनिया में मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व को बाघों की बढ़ती हुई संख्या के लिए जाना जाता है. जहां लगातार बाघों की संख्या बढ़ती जा रही है. यही कारण है कि देश के कोने-कोने से पर्यटक वहां बाघों का दीदार करने के लिए आते हैं. हालांकि, बाघों के साथ-साथ हांथियों के लिए भी जाना जाता है. जहां सबसे बुजुर्ग हथिनी वत्सला आज भी टाइगर रिजर्व की शान बढ़ा रही है.
वह हाथियों के बच्चों के लिए एक दादी की भूमिका निभा रही है. आज पन्ना टाइगर रिजर्व में हाथियों की पार्टी हुई. हाथियों ने बढ़िया-बढ़िया फलों का आनंद लिया. दरअसल, टाइगर रिजर्व के हिनौता हाथी कैंप में हांथियों के लिए रेजुवेनेशन कैंप का समापन हुआ. यह कार्यक्रम 17 सितंबर से शुरू हुआ था. जिसका आज 21 सितंबर को क्षेत्र संचालक ने समापन किया.
रेजुवेनेशन कैंप के दौरान हाथियों, महावतों और चारकटरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. हाथियों को उनके पसंद का भोजन दिया किया गया. साथ ही महावतों और चारकटरों की टीम बनाकर कबड्डी, खो-खो, 400 मीटर दौड़, वॉलीबॉल, रस्सी खींच आदि खेल आयोजित किए गए.
बसंत, कल्याणी और शावनी का हुआ नामकरण
बता दें कि कार्यक्रम के समापन में टाइगर रिजर्व में जन्मे नन्हे हाथियों का नामकरण भी पार्क प्रबंधन ने किया. जिसमें हथिनी मोहनकाली के नर बच्चे का नाम बसंत, हथिनी कृष्णाकली के मादा बच्चे का नाम कल्याणी और हथिनी केन काली के मादा बच्चे का नाम शावनी रखा गया. कार्यक्रम के समापन पर समस्त आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेता कर्मचारियों को पुरस्कार वितरण किया गया.