गुजरात में विधानसभा चुनाव लड़ी आम आदमी पार्टी ) एग्जिट पोल में संतोषजनक प्रदर्शन करती हुई दिख रही है। तमाम न्यूज चैनल के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी की एंट्री की संभावना व्यक्त कर रहे है। टीवी9 गुजराती ने अपने एग्जिट पोल में आप को 3-5 सीटें दी है, तो एक और गुजराती चैनल वीटीवी ने अपने एग्जिट पोल में आप को 9 से 21 सीटें देने की संभावना व्यक्त की है। न्यूज एक्स के एग्जिट पोल में आप को 6 से 13 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया है। रिपब्लिक टीवी-पी मार्क क्यू के एग्जिट पोल में 2 से 10 सीटें दी गई हैं। इंडिया टुडे और एक्सिस माय इंडिया का एग्ज़िट पोल के अनुमान में आप को 9 से 21 सीटें दी गई हैं। तो वहीं न्यूज 24 टुडे चाणक्या के एग्जिट पोल में 3 से 11 सीटें दी गई हैं। टाइम्स नाउ-ईटीजी के आंकलन में भी आप को 11 सीटें दी गई है। इंडिया टीवी ने 4 से 7 सीटें दी हैं। एबीपी न्यूज-सी वोटर के सर्वे में 3 से 11 सीटें दी गई हैं। इंडिया न्यूज-जन की बात में सीटों संख्या 6 से 13 सीटों की है। जी न्यूज के सर्वे में हालांकि 1 से 5 सीट की संभावना लगाई गई है। ऐसे में हर एक एक्जिट पोल में आप की एंट्री की बात कही गई है। Poll of Exit Polls में करीब 8 सीटें आप के जीतने की संभावना बन रही है।
कांग्रेस को करारी चोट
गुजरात में आम आदमी पार्टी के प्रवेश से कांग्रेस को करारी चोट का अनुमान एग्जिट पोल में सामने आया है। कांग्रेस ने इन चुनावों के 125 सीटों का लक्ष्य रखा था, लेकिन पार्टी को सीटें घटने का अनुमान सभी एग्जिट पोल में व्यक्त किया गया है। बीजेपी विरोधी मतों में बंटवारा दिख रहा है और इसका सीधा लाभ बीजेपी को हुआ है। तो वहीं आम आदमी पार्टी को 20 से 25 फीसदी वोट मिलने का भी अनुमान है। अगर एग्जिट पोल के आंकड़े सही साबित होते हैं तो आम आदमी पार्टी अपने मिशन गुजरात को और तेज कर सकती है।
हैसियत का था चुनाव
गुजरात विधानसभा चुनावोंमें बीजेपी विरोधी वोटों के बंटवारे की संभावना पहले दिन से जताई जा रही थी, इसलिए यह चुनाव आप के लिए हैसियत बनाने, कांग्रेस के लिए हैसियत बचाने और बीजेपी के हैसियत बढ़ाने का चुनाव था। कांग्रेस की स्थिति कमजोर होने पर आप और मजबूत हो सकती है। एग्जिट पोल के नतीजे अगर सच होते हैं तो आप की आवाज विधानसभा में गूंजेगी तो कांग्रेस की स्थिति कमजोर होगी। इसका लाभ बीजेपी और आप दोनों उठाएंगे। ऐसे में कांग्रेस नेतृत्व के लिए और मुश्किल खड़ी होगी, गुजरात में इस प्रदर्शन के साथ आम आदमी पार्टी की हैसियत राष्ट्रीय पार्टी की हो जाएगी।
एमसीडी चुनावों ने फंसाया
दिल्ली एमसीडी चुनावों का असर आम आदमी पार्टी (Aam aadmi Party) के मिशन गुजरात पर साफ दिखाई पड़ा, महीने भर पहले गुजरात चुनावों को लेकर बेहद आक्रामक नजर आ रही पार्टी की ताकत दो हिस्सों में बंट गई। यह वजह है कि पार्टी का एमसीडी चुनाव (MCD Election) के ऐलान के थोड़ा धीमा हो गया। इसके अलावा पार्टी तमाम मुद्दों अपना स्टैंड साफ नहीं कर पाई। चाहे बिलकिस बानो पर चुप्पी और आदिवासी बेल्ट में प्रचार के कमी और बीटीपी से गठबंधन टूटने से पार्टी को नुकसान हुआ। इसके चलते मुस्लिम और आदिवासी कांग्रेस के साथ चले गए। इन समुदायों पर फोकस करने की बजाय पार्टी ने लक्ष्मी गणेश का मुद्दा उठाया, यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड पर हो हल्ला किया। इससे पार्टी को लाभ नहीं हुआ।
2017 तक थीं सिर्फ दो पार्टियां
गुजरात में विधानसभा कुल सीटों की संख्या 182 है। इसमें 40 सीटें आरक्षित हैं। 27 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए और 13 सीटें अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हैं। विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 92 सीटों का है। 2017 के चुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी मुश्किल से सरकार बचा पाने में सफल रही थी। दो दशक में पहली बार पार्टी की सीटों की संख्या दो अंकों में सिमट गई थी और बीजेपी सिर्फ 99 सीटें जीत सकती थी। कांग्रेस को 2017 के चुनाव 77 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस से गठबंधन करके लड़ी भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) को 2 सीटें मिली और 1 सीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) विजयी हुई थी। तीन सीटों पर निर्दलीय जीते थे। इनमें वडगाम से दलित नेता जिग्नेश मेवाणी की कांग्रेस के समर्थन से जीत हुई थी। लंबे समय से गुजरात की राजनीति सिर्फ दो दलों के बीच है। अगर आप की एंट्री होती है तो विधानसभा में भी त्रिकोण बनेगा। बीजेपी और कांग्रेस जो आप को इग्नोर कर रहे थे, उन्हें फिर सीरियसली लेना पड़ेगा।