अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

40 दिन बाद भी हुकमचंद मिल के एक भी मजदूर के खाते में पैसा नहीं पहुंचा, तीन श्रमिकों की मौत

Share

हाईकोर्ट के आदेश के बाद हाऊसिंग बोर्ड ने 457 करोड़ रुपये हुकमचंद मिल के परिसमापक के खाते में जमा करा दिए। 40 दिन पहले 25 दिसंबर को इंदौर में हुए आयोजन में एक क्लिक से राशि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जमा कराई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रमिकों से वर्चुअली बात की, लेकिन एक भी मजदूर के खाते में पैसा नहीं पहुंचा।

40 दिन से श्रमिक अपने हक के पैसे का इंतजार कर चुके है। शपथ पत्र और अन्य दस्तावेज भी जमा कराने वाले श्रमिकों में से तीन श्रमिकों की 40 दिन की अवधि मेें मौत हो गई। उनके परिजन को कहना है कि उनकी आंखों के सामने पैसा आ जाता तो मौत आने से पहले खुशी होती।

सुभाष नगर में रहने वाले जगदीश सिंह जादौन मिल परिसर में रविवार को होने वाली साप्ताहिक मीटिंग में जाते थे। उन्होंने फार्म भी भर दिया था, लेकिन राशि अाती, उससे पहले ही उनकी मौत हो गई। नेहरू नगर में रहने वाले लादू सिंह भाटी भी हुकमचंद मिल के श्रमिक थे।

24 जनवरी को उनकी भी मौत हो गई। उनके खाते में भी पैसा नहीं आया। श्रमिक चंद्रकांत गिरी मिल बंद होने के बाद अपने परिवार के साथ औरंगाबाद में रहने लगे थे। 9 जनवरी को फार्म भरने इंदौर आए थे। समिति के पदाधिकारियों से मिले।पुराने दिन याद किए। 1 फरवरी को चंद्रकांत के परिजनों का फोन पदाधिकारियों के पास आया चंद्रकांत के निधन की जानकारी दी।

हुकमचंद मिल समिति के अध्यक्ष नरेंद्र श्रीवंश ने कहा कि तीन हजार से ज्यादा श्रमिकों के फार्म जमा हो चुके है। कोर्ट ने समिति भी बना दी है,लेकिन 40 दिन बीतने के बावजूद एक भी श्रमिक को भुगतान नहीं हुुआ है। इस दौरान तीन श्रमिकों की मौत हो चुकी है। कमेटी को सत्यापन का काम जल्दी करना चाहिए।

Recent posts

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें