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भले ही बारिश आए या तूफान, सडक़ों, पुल -पुलियों के निर्माण का काम जारी रहेगा

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भोपाल। प्राय: बारिश आते ही प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में सडक़ों के अलावा पुल -पुलियों के निर्माण का काम पूरी तरह से बंद कर दिया जाता है। इसकी वजह है इस मौसम में होने वाले यह निर्माण मजबूती के मानकों पर खरा नहीं उतर पाते हैं।
चुनावी साल होने की वजह से प्रदेश में इस परंपरा व नियम का पालन नहीं करना तय कर लिया गया है। इसकी वजह है इस साल बारिश समाप्त होते ही प्रदेश में होने वाले विधानसभा के आम चुनाव। इन चुनावों की वजह से सरकार ने तय कर लिया है कि भले ही बारिश आए या फिर तूफान, सडक़ों के अलावा पुल -पुलियों के निर्माण का काम निर्वाध रुप से जारी रहेगा, जिससे की आमजन की खराब सडक़ों को लेकर नाराजगी को दूर किया जा सके। यही वजह है कि सरकार की मंशा को देखते हुए वित्त विभाग ने बारिश के इस मौसम वाले तीन माह यानि जुलाई से सितंबर तक हर माह के लिए 900-900 करोड़ रुपए खर्च करने की सीमा तय कर दी है। इससे यह साफ हो गया है कि यानी बारिश के इस बार के तीन माह में भी सडक़ों से लेकर अन्य निर्माण कार्य जारी रहेंगे। यह बात अलग है कि पूर्व में वित्त विभाग द्वारा आर्थिक मैनेजमेंट के तहत पहले ही 41 विभागों की 130 से अधिक योजनाओं और कार्यक्रमों के लिए राशि खर्च करने के लिए  विभागों के लिए अनुमति लेना अनिवार्य किया जा चुका है। इसके अलावा अब वित्त विभाग ने 7 विभागों के लिए नए सिरे से खर्च की सीमा तय कर दी है। इस सीमा को तय करते समय सातों विभागों में हर माह खर्च के लिए पर्याप्त राशि का इंतजाम किया गया है। इसकी वजह है सरकार चाहती है कि हर हाल में इन विभागों से संबधित वे काम चुनाव से पहले पूरे हो जाएं, जिससे जनता सरकार के कामकाज का आंकलन करती है। इसकी वजह है इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव। माना जा रहा है कि प्रदेश में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अक्टूबर माह में चुनावी आचार संहिता लागू हो सकती है। ऐसे में प्रदेश सरकार चाहती है कि उसके प्राथमिकता वाले सभी काम इसके पहले ही पूरे हो जाएं। यही वजह है कि प्रदेश में इन दिनों जारी बारिश के बीच भी सडक़ों के निर्माण का काम पूरी गति से चल रहा है। दरअसल सरकार जानती है कि चुनाव के पहले यदि खराब सडक़ें नहीं सुधरीं तो मतदाताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। सरकार इस तरह का कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती है। इसकी वजह से ही निर्माण कामों को तेजी से कराने के निर्देश लगतार दिए जा रहे हैं। यही वजह है कि लोक निर्माण विभाग के लिए ही जुलाई से सितंबर तक की तीन माह की अवधि के लिए 2700 करोड़ रुपए खर्च करने की सीमा तय की गई है।
जारी है बांधों की मरम्मत का काम
बारिश में नए बांधों के निर्माण और पुराने बांधों की मरम्मत का काम भी बंद रहता है, लेकिन इस बार यह काम भी जारी है। फिर जल संसाधन हो या फिर नर्मदा घाटी विकास विभाग इन विभागों के लिए भी इन तीन माह के लिए नए सिरे से खर्च की सीमा तय कर दी गई है। नई खर्च सीमा के अनुसार जल संसाधन विभाग को हर माह 550 करोड़ रुपए और नर्मदा घाटी विकास विभाग को हर माह 800 रुपए खर्च करने की सीमा तय कर दी गई है।

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