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आधार कार्ड की डिजाइन का शादी कार्ड …. देखकर हर कोई खा जाता है धोखा…

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मध्यप्रदेश में इन दिनों एक शादी का कार्ड सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वायरल हो रहे शादी के कार्ड को देखकर पहली नजर हर कोई धोखा खा जाता है लेकिन जब गौर से पढ़ता है तो उसे मालूम पड़ता है कि ये शादी का कार्ड है। इतना ही नहीं पहली नजर में शादी का ये कार्ड उस जरूरी दस्तावेज की तरह दिख रहा है जो कि आजकल हर शख्स के लिए जरूरी और अनिवार्य है।

खूब वायरल हो रहा शादी का ये कार्ड…

सोशल मीडिया पर वायरल होने वाला शादी का ये कार्ड दरअसल बिलकुल आधार कार्ड की डिजाइन का है। पहली नजर में देखने पर कोई भी इसे देखकर धोखा खा सकता है कि ये किसी का आधार कार्ड है। इस कार्ड पर दूल्हे का नाम प्रहलाद पटेल निवासी बौर गांव, पिपरिया लिखा हुआ है। शादी की तारीख 22 जून 2017 लिखी हुई है। ठीक आधार कार्ड नंबर की ही तरह शादी की तारीख भी कार्ड पर लिखी है और क्यूआर कोड स्कैनर लगा हुआ है। दुल्हा-दुल्हन की फोटो भी है और डिजाइन पूरी तरह से आधार कार्ड के जैसा है।

ये कार्ड भी हुआ था वायरल

बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब किसी शादी का कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है ऐसा अक्सर होता रहता है और बीते दिनों दिसंबर महीने की शुरूआत में ही मध्यप्रदेश के भिंड जिले में हुई एक शादी का कार्ड भी जमकर वायरल हुआ था।

 चंबल अंचल की एक शादी का कार्ड सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। दरअसल चंबल में शादियों में बंदूक और हर्ष फायरिंग आम बात है और इसके कारण कई बार बड़ी घटनाएं भी हो चुकी हैं और इसी के कारण एक परिवार ने शादी का निमंत्रण देने के लिए छपवाए हुए कार्ड पर ही करबद्ध निवेदन करते हुए एक अनोखी शर्त लिखी है, परिवार का कहना है कि ऐसा उन्होंने लोगों को जागरूक करने के लिए किया है।

शादी का जो कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है वो भिंड के गोहद के खनेता धाम मंदिर के महंत राम भूषण दास के भतीजे गणेश की शादी का है। गणेश की शादी 6 दिसंबर को है। शादी के कार्ड पर दूल्हा दुल्हन के नाम और शादी की तारीख के साथ ही कवर पेज पर ही एक कॉलम में अनोखी शर्त लिखी गई है। इसमें लिखा है…”करबद्ध निवेदन है- हमारे यहां दो परिवारों के बीच प्रेम के संबंध होने जा रहे हैं, लड़ाई झगड़ा नहीं. कृपया शादी समारोह में हथियार लेकर ना आएं”।

शादी के कार्ड पर शादी में बंदूक लेकर न आने का करबद्ध निवेदन करने के पीछे परिवार की सोच समाज को जागरूक करने की है। परिवार के सदस्य सत्यदीप शर्मा ने बताया कि ग्वालियर-चंबल में बंदूक को शान माना जाता है। शादियों में हर्ष फायरिंग की जाती है लेकिन कभी कभी यही हर्ष फायर शादी की खुशियों पर ग्रहण लगा देती है। अक्सर ऐसी घटनाएं सामने आती रहती है। इसलिए यह विचार किया कि भले ही लोग ग्वालियर चंबल अंचल में बंदूक को शान मानते हैं, लेकिन इस कुरीति को लेकर बदलाव की जरूरत है और परिवार ने कार्ड पर निमंत्रण के साथ करबद्ध निवेदन करते हुए बंदूक न लाने की बात भी लिखवाई है।

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