देश के निर्यात में लगातार तीसरे महीने गिरावट आई और यह जनवरी महीने में 2.38 प्रतिशत घटकर 36.43 अरब डॉलर रहा। मुख्य रूप से पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में उतार-चढ़ाव और वैश्विक अनिश्चितताओं की वजह से निर्यात घटा है।ॉ वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, सालाना आधार पर आयात 10.28 प्रतिशत बढ़कर 59.42 अरब डॉलर रहा। इससे व्यापार घाटा बढ़कर 22.99 अरब डॉलर हो गया। दिसंबर में व्यापार घाटा 21.94 अरब डॉलर तथा पिछले साल जनवरी में 16.55 अरब डॉलर था।भारतीय रुपया सोमवार को 16 पैसे टूटकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.87 (अस्थायी) पर बंद हुआ।
संचयी रूप से चालू वित्त वर्ष के पहले 10 माह (अप्रैल-जनवरी) के दौरान निर्यात 1.39 प्रतिशत बढ़कर 358.91 अरब डॉलर और आयात 7.43 प्रतिशत बढ़कर 601.9 अरब डॉलर रहा।आयात और निर्यात के बीच अंतर को बताने वाला व्यापार घाटा चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीने में 242.99 अरब डॉलर रहा। जनवरी में देश का सोने का आयात 1.9 अरब डॉलर से बढ़कर 2.68 अरब डॉलर हो गया। दिसंबर, 2024 में यह 4.7 अरब अमेरिकी डॉलर था। कच्चे तेल का आयात जनवरी, 2024 में घटकर 13.43 अरब डॉलर रहा, जो एक साल पहले इसी महीने में 16.56 अरब डॉलर था। दिसंबर, 2024 में यह 15.27 अरब डॉलर था।
शेयर बाजार में आठ दिन से जारी गिरावट पर विराम, सेंसेक्स 58 अंक चढ़ा
शेयर बाजार में पिछले आठ कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट पर सोमवार को विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स में 58 अंक की तेजी आई। एचडीएफसी बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे शेयरों में तेजी से बाजार बढ़त में रहा। कारोबार के अंतिम घंटे में लिवाली से तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 57.65 अंक यानी 0.08 प्रतिशत की बढ़त के साथ 75,996.86 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स एक समय 644.45 अंक तक लुढ़क गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 30.25 अंक यानी 0.13 प्रतिशत की बढ़त के साथ 22,959.50 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के तीस शेयरों में से बजाज फिनसर्व, पावरग्रिड, इंडसइंड बैंक, अदाणी पोर्ट्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, एचडीएफसी बैंक, जोमैटो और टाटा मोटर्स प्रमुख रूप से लाभ में रहे। नुकसान में रहने वाले शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारती एयरटेल, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस, आईसीआईसीआई बैंक और आईटीसी शामिल हैं। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 4,294.69 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की कुल पूंजी निकासी इस साल अबतक 99,299 करोड़ रुपये पहुंच गयी है। एफपीआई ने इस माह के पहले दो सप्ताह में 21,272 करोड़ रुपये निकाले हैं। अमेरिका के आयात पर शुल्क लगाने के बाद वैश्विक स्तर पर तनाव के बीच यह पूंजी निकासी की गयी है। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और चीन का शंघाई कम्पोजिट बढ़त में, जबकि हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहा। यूरोप के प्रमुख बाजारों में तेजी का रुख रहा। अमेरिकी बाजार शुक्रवार को नुकसान में रहे थे।
रुपया 16 पैसे गिरा, डॉलर के मुकाबले 86.87 पर बंद हुआ
भारतीय रुपया सोमवार को 16 पैसे टूटकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.87 (अस्थायी) पर बंद हुआ। विदेशी पूंजी की भारी निकासी और अमेरिकी डॉलर सूचकांक में सुधार से रुपये में यह गिरावट आई। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि रुपया नकारात्मक रुख के साथ कारोबार कर रहा है। इसकी प्रमुख वजह है कि विदेशी बैंक डॉलर की खरीद पर उतारू हैं और आयातक डॉलर को सुरक्षित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं क्योंकि उन्हें वैश्विक अनिश्चितता के बीच भविष्य में मूल्यह्रास की आशंका है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 86.70 प्रति डॉलर पर खुला। दिन के कारोबार के दौरान इसने डॉलर के मुकाबले 86.68 के उच्च स्तर और 86.88 के निचले स्तर को छुआ। अंत में डॉलर के मुकाबले 86.87 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो अपने पिछले बंद भाव से 16 पैसे की गिरावट दर्शाता है। रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.71 पर बंद हुआ था।
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने संयंत्रों/इकाइयों में विभिन्न स्थायी समितियों की सिफारिशों पर गौर करने के बाद 11 अधिकारियों को सेवानिवृत्त करने का निर्णय लिया है। कंपनी के बयान के अनुसार, सेल की 50 वर्ष से अधिक आयु के अधिकारियों की सत्यनिष्ठा और प्रभावोत्पादकता का आकलन करने की नीति है। इस संबंध में कंपनी के निदेशक मंडल ने अनुमोदित विस्तृत दिशानिर्देशों में सेवा रिकॉर्ड के आधार पर अधिकारियों की प्रभावशीलता, दक्षता, आचरण और सत्यनिष्ठा की समीक्षा के लिए मानदंड निर्धारित किए हैं।
इसमें कहा गया, समीक्षा के बाद सेल संयंत्रों/इकाइयों में विभिन्न स्थायी समितियों की सिफारिशों पर संबंधित सक्षम प्राधिकारियों द्वारा विचार किया गया। इसके बाद सेल के आचरण अनुशासन व अपील नियमों में नियम 56 (जे) के समान प्रावधानों के तहत, संगठन में दक्षता, सत्यनिष्ठा और जवाबदेही बनाए रखने के हित में 11 अधिकारियों को सेवानिवृत्त करने का निर्णय लिया। इस्पात मंत्रालय के तहत सेल एक महारत्न कंपनी है।
जनवरी में भारत ने खूब बेचे स्मार्टफोन, 140 प्रतिशत बढ़ा निर्यात
जनवरी में भारत का स्मार्टफोन निर्यात पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 140 प्रतिशत बढ़ा है। इंडस्ट्री एस्टिमेट के मुताबिक निर्यात से 25,000 करोड़ रुपये (3 बिलियन डॉलर) की रिकॉर्ड कमाई हुई है और इसकी एक अहम वजह एप्पल और सैमसंग जैसी टॉप टेक्नोलॉजी कंपनियों का अपनी सप्लाई चेन से विदेशों में शिपमेंट बढ़ाना रहा। इससे चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जनवरी की 10 महीने की अवधि के लिए स्मार्टफोन का कुल निर्यात 1.55 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के 99,120 करोड़ रुपये के आंकड़े से 56 प्रतिशत अधिक है।
तमिलनाडु स्थित फॉक्सकॉन के एप्पल आईफोन सप्लाई चेन ने निर्यात में करीब 70 प्रतिशत का योगदान दिया, जिससे 50 फीसदी तक के विदेशी शिपमेंट में इजाफा हुआ। फॉक्सकॉन फैक्ट्री से निर्यात में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 43 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। लगभग 22 प्रतिशत निर्यात आईफोन विक्रेता टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स से आया, जिसने कर्नाटक में विस्ट्रॉन स्मार्टफोन निर्माण फैक्ट्री का अधिग्रहण किया है। निर्यात की गई खेपों का एक और 12 प्रतिशत तमिलनाडु में पेगाट्रॉन फैसिलिटी से आया, जिसमें टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने जनवरी के अंत में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की। दो ताइवानी कंपनियों के अधिग्रहण के साथ, टाटा समूह देश में आईफोन का एक प्रमुख उत्पादक बनकर उभरा है।
दक्षिण कोरियाई टेक दिग्गज सैमसंग ने भारत से कुल स्मार्टफोन निर्यात में लगभग 20 प्रतिशत का योगदान दिया। स्मार्टफोन के नेतृत्व में भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स सामान निर्यात में हाल के वर्षों में सरकार की उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की बदौलत तेजी आई है, जिसने कम्युनिस्ट देश के अमेरिकी प्रतिबंधों के तहत आने के बाद चीन के बाहर वैकल्पिक सप्लाई चेन स्थापित करने की चाह रखने वाले विदेशी टेक दिग्गजों को आकर्षित करने में सफलता प्राप्त की है।