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आईपीएल सट्टे के लिए खरीदे थे 12-12 हजार में फर्जी बैंक खाते

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इन्दौर। भावना हत्याकांड के आरोपियों ने रिमांड पर हुई पूछताछ में बताया कि उन्होंने आईपीएल सट्टे के लिए बंगले में सेटअप तैयार किया था। इसके लिए सोशल मीडिया पर 12-12 हजार में फर्जी बैंक खातों की 50 से अधिक किट खरीदी थी। अब पुलिस इन खातों की जांच कर रही है। महालक्ष्मी नगर के बंगले में कुछ दिन पहले गोली लगने से एक युवती भावना सिंह की मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने आशु यादव, उसके भाई मुकुल और युवती स्वास्तिका को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने इनके बंगल से 50 से अधिक एटीएम कार्ड और 30 से अधिक बैंक की पासबुक जब्त की थीं। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में गैम्बलिंग एक्ट के तहत भी केस दर्ज किया था।

अब इस केस में पुलिस की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। डीसीपी अभिनव विश्वकर्मा ने बताया कि आरोपियों ने बताया कि वे किराए का बंगला, गाड़ी के साथ इंदौर में आईपीएल सट्टे के लिए सेटअप बना रहे थे, लेकिन इसी बीच हत्या हो गई। उन्होंने बताया कि सट्टे के पैसे के लिए उन्होंने इंस्टाग्राम पर 12-12 हजार में 50 से अधिक फर्जी बैंक खातों की किट खरीदी थी। इसमें एटीएम कार्ड, पासबुक और चेकबुक होती थीं। इन खातों के लिए उन्होंने मोबाइल खुद खरीदे थे। वहीं उन्होंने बताया कि हत्या में प्रयुक्त पिस्टल उन्होंने अपने एक दोस्त से दो साल पहले ली थी, जब वह उनके साथ रहता था। अब पुलिस जहां बैंक खातों की जानकारी निकाल रही है, वहीं पुलिस का कहना है कि कुछ खातों की जानकारी मिली है, जिनमें लाखों के ट्रांजेक्शन हैं, लेकिन अभी इन खातों का उपयोग ज्यादा नहीं हुआ था, क्योंकि वे आईपीएल के लिए खरीदे गए थे। खातों के बारे में डीसीपी ने बताया कि खाते कई स्टेट के हैं। इंदौर और आसपास के जिलों के भी कई खाते मिले हैं।

भोपाल में 45 हजार में बेच रहे थे फर्जी बैंक खाते

 मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है, जिसमें अवैध तरीके से बैंक खाते खोलकर उन्हें बेचने का गोरखधंधा किया जा रहा था. इस मामले में पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है।

घटना का खुलासा 19 दिसंबर को हुआ जब बैंक ऑफ महाराष्ट्र की कोलार रोड शाखा ने पुलिस को सूचना दी कि एक खाता धारक राहुल श्रीवास्तव के खातों में पिछले 2-3 महीनों में तीन करोड़ रुपये के लेन-देन हुए हैं। जांच के दौरान पाया गया कि खातों में सितंबर 2024 से दिसंबर 2024 के बीच करीब 1.82 करोड़ रुपये की डेबिट और क्रेडिट ट्रांजेक्शन हुई थी. इसके अलावा, दूसरे खाते में भी करीब 95 लाख रुपये का लेन-देन हुआ था।

पुलिस की पूछताछ में राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि रायसेन जिले के रहने वाले घनश्याम सिंगरोले के कहने पर उसने अपने दो बैंक खातों का एक्सेस दिया था. इसके बदले उसे 45,000 रुपये मिले थे. बाद में उसे पता चला कि उसकी पत्नी के नाम से भी फर्जी बैंक खाते खोले गए हैं, जिनकी अनुमति उसने नहीं दी थी।

राहुल ने खुलासा किया कि घनश्याम ने उसे लालच दिया था कि यदि वह करंट अकाउंट खोलकर देगा तो उसे कमीशन मिलेगा. इसके बाद घनश्याम ने राहुल की मुलाकात निकिता प्रजापति और नीतीश शुक्ला से कराई. यह गिरोह अवैध तरीके से फर्जी दस्तावेज बनाकर बैंक खाते खोलता और उन्हें दूसरों को बेचकर फायदा कमाता था।

पुलिस ने कैश और 34 क्रेडिट/डेबिट कार्ड किए बरामद
पुलिस ने भोपाल के बागसेवनिया इलाके में छापा मारकर निकिता और नीतीश को गिरफ्तार किया. उनके घर से 8 लाख रुपये नकद, 3 कार्ड स्वैपिंग मशीन, 6 मोबाइल फोन, 34 क्रेडिट/डेबिट कार्ड, 77 सिम कार्ड, 20 चेक, 12 एटीएम पिन रैपर, 1 लैपटॉप और अन्य सामान बरामद हुआ।

इस मामले में पुलिस ने राहुल श्रीवास्तव को भी गिरफ्तार किया, क्योंकि उसने जानबूझकर अपना खाता बेचा था. गिरोह के अन्य सदस्य घनश्याम और उसके साथियों के खिलाफ धारा 318(4), 49, 336(3) और 61(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस का कहना है कि इस गिरोह ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खातों का गलत इस्तेमाल कर लाखों रुपये का अवैध लाभ अर्जित किया है।

ramswaroop mantri

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