खैरुद्दीनपुर, पवई, आज़मगढ़। खैरुद्दीनपुर, आज़मगढ़ में एनएच चौड़ीकरण के नाम पर ज़मीन छीनने के खिलाफ आज 9 सितंबर को आयोजित किसान पंचायत में देशभर के किसान नेता पहुंचे। किसान नेताओं ने ऐलान किया कि किसानों की सहमति के बगैर ज़मीन छीनने की कोशिश हुई तो सड़कों पर उतरकर आंदोलन होगा। किसान पंचायत में फूलपुर एसडीएम शामिल हुए। फूलपुर एसडीएम ने किसान और किसान नेताओं की बातें सुनी और पंचायत में पेश किए गए प्रस्ताव पर अश्वासन दिया।
सोशलिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव और मैग्सेसे पुरस्कार सम्मानित संदीप पांडे ने कहा कि ज़मीन हमारी मां है और हम मां का सौदा नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार देश के प्रधानमंत्री चीन को भारत की ज़मीन किसी कीमत पर नहीं देंगे, उसी प्रकार किसान भी अपनी ज़मीन नहीं देगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि फोरलेन के नाम पर मकान नहीं तोड़े जाएंगे, भले नक्शा बदलना पड़े। ऐसे में हमारी मांग है कि इस अधिग्रहण की कार्रवाई में कई मकान प्रभावित हो रहे हैं इसलिए मुख्यमंत्री के आदेश अनुसार इस कार्रवाई को रद्द किया जाए।
जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय की राष्ट्रीय संयोजक अरुंधती धुरू ने कहा कि किसानों को एकजुट होकर अपनी ज़मीन को बचाना होगा। यदि आखिर में किसान अपनी ज़मीन देने का फैसला करता है तो मुआवजा दर प्रस्तावित बाज़ार दर के अनुसार निर्धारित हो।
संगतिन किसान मज़दूर संगठन सीतापुर और एनएपीएम से ऋचा सिंह ने यह कहा कि किसानों की बहुमूल्य ज़मीने बड़े उद्योगपति के लिए ही ली जा रही हैं और जिस प्रकार किसान आंदोलन में किसानों ने लड़कर अपनी खेती बचाई थी, उसी प्रकार आज़मगढ़ के किसानों को भी अपनी ज़मीन और खेती को बचाना होगा।
बहुजन चिंतक डॉ आरपी गौतम ने कहा कि पूर्वांचल में हो रही इस किसान पंचायत ने किसानों की आवाज़ को एक बार फिर से बुलंद किया है। खिरियाबाग से लेकर अंडिका बाग तक सरकार को पीछे हटना पड़ा और ज़मीन बचाने का यह आंदोलन फिर से जीत दर्ज करेगा। पूर्वांचल किसान यूनियन के अध्यक्ष योगीराज पटेल ने कहा कि पूर्वांचल किसान यूनियन के नेतृत्व में चलाए जा रहे आंदोलन ने साबित कर दिया कि पूर्वांचल का किसान ज़मीर और ज़मीन से कोई समझौता नहीं करेगा।
युवा पत्रकार बृजेंद्र यादव ने मीडिया रिपोर्टिंग के दौरान आए किसानों के दर्द को पंचायत के समक्ष रखा। किसान नेता राजीव यादव ने एनएच चौड़ीकरण और बाईपास के नाम पर सरकार द्वारा किए जा रहे भूमि अधिग्रहण में पीड़ित किसानों की मांगों को पंचायत के समक्ष रखा। पंचायत का संचालन किसान नेता वीरेंद्र यादव ने किया और प्रस्ताव राज शेखर ने पेश किया। पंचायत की अध्यक्षता आद्या प्रसाद सिंह ने किया।
किसान पंचायत को एनएपीएम के महेंद्र राठौड़, सुरेश राठौड़, अभिषेक पटेल, मनोज कृष्ण यादव, सुरेंद्र यादव, किसान एकता समिति के महेंद्र यादव, विद्यार्थी चेतना परिषद के महेंद्र यादव, गीता वनवासी, जय प्रकाश, विवेक यादव, सुनील पंडित, रेखा और सोनी ने संबोधित किया। किसान पंचायत में श्याम सुंदर मौर्या, विनोद यादव, अवधेश यादव, रामानंद भारती, विजय यादव, दिनेश मास्टर, नंद लाल यादव समेत दर्जनों लोग उपस्थित रहे।