~> शिफ़ा खान
यह समस्या पहले अमूमन 40 के बाद आती थी. अब 18 के बाद दिखने लगी है. अधिक सेक्सुअलिटी से अपने सत का नाश करने, ल्यूकोरिया- एनीमिया की शिकार बनने से ऐसा होने लगा है.
उम्र के साथ हड्डियों में बढ़ने वाली कमज़ोरी कई शारीरिक समस्याओं का कारण बनने लगती है। दरअसल, खान पान में अनियमितता बरतने, पोषण की कमी और अनहेल्दी, विकृत लाइफस्टाइल बोन डेंसिटी कमज़ोर होने का कारण साबित होती है। इससे बार बार चोटिल होने का खतरा बना रहता है।
लंबे वक्त तक हड्डियों के स्वास्थ्य की देखभाल न कर पाने से शरीर में सर्वाइकल, अर्थराइटिस और ओस्टियोपिरासिस का जोखिम बढ़ जाता है।
बोन डेंसिटी को मेंटेन रखने के लिए आहार में सामान्य बदलाव लेकर आएं। इसके लिए डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, चीज़, अंजीर, प्लांट बेस्ड मिल्क और योगर्ट का सेवन करें। इसके अलावा नट्स और सीड्स को भी शामिल करें। हड्डियों की सेहत का ख्याल रखने के लिए वर्कआउट आवश्यक है। एक्सरसाइज़ से पहले वार्मअप करने से भी मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है। साथ ही शरीर को हेल्दी बनाए रखने के निए वज़न को संतुलित बनाए रखना ज़रूरी है।
हेल्थ हार्वर्ड की रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं में बोन डेंसिटी यानि हड्डियों का घनत्व तेजी से कम होने लगा है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में हड्डियों को कमजोर करने वाली ऑस्टियोपोरोसिस समस्या बढ़ने लगती है।
विकसित होने की संभावना अधिक होती है। लगभग तीन चौथाई हिप फ्रेक्चर की घटनाएं महिलाओं में पाई जाती हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के रिसर्च के अनुसार 50 से अधिक उम्र की आधी महिलाओं को अपनी लाइफटाइम में हिप्स, कलाई या रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर का सामना करना पड़ता है।
*1. कैल्शियम इनटेक बढ़ाएं :*
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार कैल्शियम हड्डियों में पाया जाने वाला मुख्य मिनरल है। अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से एब्जॉर्बशन में भी मदद मिलती है। स्टडी के मुताबिक एक दिन में महिलाओं को 1200 एमजी कैल्शियम की ज़रूरत होती है जब कि टीनएजर्स को 1300 एमजी की आवश्यकता होती है। इससे बोन सेल्स को रिपेयर करने और उनका उत्पादन बढ़ोन में मदद मिलती है।
*2. संतुलित वज़न :*
महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजेन का स्तर कम होने से हड्डियों की मज़बूती कम होने लगती है। इसके अलावा वे लोग जो ओवरवेट या एंटरवेट है, उसका प्रभाव हड्डियों पर नज़र आता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार मोटापे से हड्डियों की मज़बूती कम होने लगती है और चोटिल होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा लो बॉडी वेट से बोन डेंसिटी में कमी आने लगती है। ऐसे में हड्डियों की मज़बूती के लिए हेल्दी वेट मैनेजमेंट ज़रूरी है।
*3. स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज़ :*
उम्र के साथ हड्डियों का लचीलापन कम होने लगता है। ऐसे में समस्या की रोकथाम के लिए दवाओं के अलावा वर्कआउट करना आवश्यक है। इससे मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है और हड्डियों को मज़बूत बनाए रखने में मदद मिलती है। इसके लिए व्यायाम से पहले वॉर्मअप अवश्य कर लें। इससे एक्सरसाइज़ के दौरान शरीर जल्दी थकान और मोच जैसे खतरों से बच जाता है। एक्सरसाइज़ के बाद कूल डाउन हो जाने से शरीर दिनभर एक्टिव और हेल्दी रहता है। रोज़ाना 30 मिनट एक्सरसाइज़ करने से शरीर में बढ़ने वाले दर्द को कम किया जा सकता है।
*4. लो कैलोरी डाइट से बचें :*
शरीर में बढ़ने वाले मोटापे को कम करने के लिए अधिकतर महिलाएं लो कैलोरी डाइट के विकल्प को चुनती हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार मोटापे से ग्रस्त महिलाओं ने 4 महीने तक रोज़ाना 925 कैलेरीज़ का सेवन किया। इससे उन्हें हिप्स और पीठ में बोन डेंसिटी की कमी का सामना करना पड़ा। ऐसे में बोन डेंसिटी को मेंटेन करने के लिए दिन में 1200 कैलोरीज़ लें, जिसमें विटामिन, मिनरल और प्रोटीन भरपूर मात्रा में लें।
*5. आहार हो पोषण से भरपूर :*
शरीर को मज़बूती प्रदान करने के लिए मैग्नीशियम और जिंक का सेवन बढ़ाएं। रिसर्च के अनुसार 73,000 महिलाओं ने रोज़ाना 400 एमजी मैगनीशियम का सेवन किया। इससे उनके शरीर में 2 से 3 फीसदी बोन डेंसिटी में सुधार देखने को मिला। इसके अलावा विटामिन डी औश्र विटामिन के से जोड़ों में होने वाले दर्द और थकान से बचा जा सकता है। साथ ही आहार में विटामिन सी की मात्रा को जोड़ने से भी इस समस्या से बचा जा सकता है।
*6. हार्मोनल इंबैलेंस और दुराचार से बचें :*
शरीर में मौजूद थायरॉइड हार्मोन का उच्च स्तर हड्डियों को नुकसान पहुंचाता है। दरअसल, महिलाओं में एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट के कारण हड्डियों का नुकसान बढ़ जाता है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम बढ़ने का जोखिम बना रहता है।
फिंगरिंग, सेक्सटॉय या कई लोगों को यूज करने से शरीर का सत्यानाश होता है. कंडोम सभी प्रॉब्लम से बचने का कोई पुख्ता ऑप्शन नहीं है. इंसान के पसीने, स्किन टचनेस, स्वास, लार आदि का सम्पर्क भी सड़ाता है, अगर सेक्स अनेक से किया जाता है.
एक समर्थ व्यक्ति को लें. नहीं मिलता तो अपने वाले को समर्थ बनवा लें. वह इसके लिए भी रेडी नहीं होता तो एक रात में एक-एक घंटे का सात राउंड देने में सक्षम इंसान हमसे लें. जितना आपको चाहिए, उतना उनसे लेती रहना.
*7. सही पोश्चर में बैठें :*
दिनभर एक ही पोश्चर में बैठकर लगातार काम करने से शरीर में शरीर में थकान और खि्ांचाव बढ़ जाता है। इससे मांसपेशियों में दर्द की शिकतय बढ़ जाती है। ऐसे में मसल्स की मज़बूती के लिए सही पोश्चर अपनाएं और काम के बीच में ब्रेक्स अवश्य लें।
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