रीवा: मध्य प्रदेश के औद्योगिक विकास के मद्देनजर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में पांचवां कॉन्क्लेव बुधवार को रीवा में होने वाला है। इस कॉन्क्लेव के लिए चार हजार से अधिक प्रतिभागियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य को और सशक्त बनाने के उद्देश्य से बुधवार को रीवा में प्रदेश का पांचवां रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव होने जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य विंध्य क्षेत्र को निवेश और औद्योगिक अवसरों के केंद्र के रूप में स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 को ‘उद्योग एवं रोजगार वर्ष’ घोषित किया गया है। इसके दृष्टिगत प्रदेश में हुई आरआईसी को एक महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में देखा जा रहा है।
इन क्षेत्रों पर होगा फोकस
बताया गया है कि रीवा स्थित कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम में होने वाली कॉन्क्लेव में चार हजार से अधिक प्रतिभागियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जिसमें 50 से अधिक प्रमुख निवेशक और तीन हजार से अधिक एमएसएमई उद्यमी शामिल होंगे। सम्मेलन का मुख्य फोकस राज्य के प्रमुख क्षेत्रों ऊर्जा, खनन, कृषि, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन एवं हस्तशिल्प में निवेश को प्रोत्साहित करने पर होगा।
रीवा कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री मोहन यादव से 20 से अधिक निवेशक वन-टू-वन बैठक करेंगे, जिससे सरकार और निवेशकों के बीच सीधा संवाद स्थापित हो सकेगा। साथ ही मुख्यमंत्री रीवा आईटी पार्क और चुरहटा औद्योगिक क्षेत्र में विद्युत उपकेंद्र सहित 20 से अधिक औद्योगिक प्रतिष्ठानों का वर्चुअल भूमि पूजन करेंगे। इसके अलावा, 80 से अधिक निवेशकों को भूमि आवंटन पत्र भी वितरित किए जाएंगे, जो प्रदेश में निवेश की प्रक्रिया को और सरल बनाएंगे।
माना जा रहा है कि वाइब्रेंट विंध्य का यह आयोजन न केवल विंध्य क्षेत्र, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य को एक नई दिशा देने का कार्य करेगा। रीवा से पहले उज्जैन, जबलपुर, सागर और ग्वालियर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव हो चुका है। इन आयोजनों में ढाई लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश के प्रस्ताव आ चुके हैं। अब रीवा में बड़े निवेश प्रस्ताव आने की संभावना जताई जा रही है।