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डेढ़ साल में छह अस्पतालों में आगजनी से 23 लोगों की मौत… अस्पतालों के लिए फायर एनओसी जरूरी नहीं

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इंदौर

पिछले डेढ़ साल में प्रदेश के छह अस्पतालों में आगजनी से 23 लोगों की मौत हुई है, उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने कोई सबक नहीं लिया। हद यह है कि नया अस्पताल खोलने या पुराने के नवीनीकरण के लिए 12 दस्तावेज मांगे जाते हैं, इनमें से 11 प्रस्तुत करना अनिवार्य है, लेकिन फायर एनओसी कतई जरूरी नहीं है। उसके लिए आवेदन किया हो तो भी बहुत है और न किया हो तो भी लाइसेंस में कोई रुकावट नहीं आती।

हास्यास्पद ही है कि पंजीयन के लिए ऑनलाइन आवेदन में स्वास्थ्य विभाग अस्पताल में आने वाले डॉक्टर्स की सूची, उपकरण के नाम, भवन का नक्शा, निगम की मंजूरी से लेकर मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट के इंतजाम की जानकारी अनिवार्य रूप से मांगता है, लेकिन फायर एनओसी को उतना गंभीर नहीं मानता। यही वजह है कि प्रदेश के तमाम अस्पतालों में फायर सेफ्टी नियमों की जमकर अनदेखी की जा रही है।

हालांकि इंदौर सहित कुछ दूसरे जिलों में नगरीय निकायों ने जरूर सीएमएचओ को पत्र लिखकर बिना फायर एनओसी वाले अस्पतालों का नवीनीकरण नहीं करने को कहा है, जिसे अब तक गिने-चुने मामलों में ही लागू किया गया है।

विशेषज्ञों का कहना है कि नए अस्पतालों के पंजीयन के मामले में तो प्रबंधन कह सकता है कि अभी आवेदन किया है, लेकिन 10-10 साल से चल रहे अस्पतालों में भी सिर्फ आवेदन की रसीद मांगना गलत है। इस पर स्वास्थ्य आयुक्त पी सुदामा खाड़े का कहना है कि हम इसमें सुधार के लिए निर्देश जारी कर रहे हैं।

डेढ़ साल में प्रदेश के छह बड़े अस्पतालों में लग चुकी है आग

  • अगस्त 2022 जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भीषण आग से 10 लोगों की मौत हो गई।
  • जनवरी 2022 इंदौर के मेदांता अस्पताल में आईसीयू में आग लगी, कोई जनहानि नहीं।
  • मई 2021 को अशोकनगर जिला अस्पताल मे भीषण आग, जनहानि नहीं।
  • जून 2021 खरगोन जिला अस्पताल आईसीयू में में आग, सभी मरीज बचाए गए।
  • नवंबर 2021 भोपाल के कमला नेहरू चिल्ड्रन हॉस्पिटल में 12 जलकर खाक।
  • दिसंबर 2020 शिवपुरी जिला अस्पताल में आग से एक मरीज की मौत की मौत हो गई।

सिर्फ पावती के आधार पर 200 से ज्यादा लाइसेंस जारी कर दिए

फायर एनओसी के लिए आवेदन की पावती के आधार पर ही 2 साल में प्रदेश भर में 200 से ज्यादा नए अस्पतालों को मंजूरी दी गई। लाइसेंस का नवीनीकरण किया। 2 सालों में इंदौर में निजी अस्पताल, नर्सिंग होम 200 से बढ़कर 320 हो गए हैं।

सीधी बात- जल्द बदलेंगे अनुमति देने के नियम, प्रक्रिया में सुधार करेंगे

जबलपुर की घटना के बाद अस्पतालों में फायर सेफ्टी के बारे में हाल ही में मुख्यमंत्री ने एक समन्वय समिति बनाई है, जो मौजूदा नियम कानूनों की समीक्षा करेगी। अस्पतालों को जरूरी अग्नि सुरक्षा इंतजामों के बाद ही लाइसेंस जारी किए जाएंगे। इससे जुड़ी प्रक्रिया में भी जल्द ही जरूरी सुधार करेंगे।
-प्रभु राम चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री, मप्र

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