~ अदिति शर्मा
पटाखा= पटा+खा. पटाखा आप द्वारा पटा कर खाने वाली चीज नहीं है. यह आपको पटा कर खाता है, जलाकर भी, प्रदूषण फैलाकर भी.
दिवाली में पटाखों से या खाना बनाने में नए होने के कारण या गैस वाला काम करते समय कुछ और सोच रहें है या कर रहें है तो आप जल सकते है। कई बार छोटे बच्चे भी किसी गर्म चीज को पकड़ लेते है जिसके कारण वे भी जल जाते है। कभी आप अपने हेयर स्ट्रेटनर से भी जल जाती है। कई बारे वेक्सींग ज्यादा गर्म होने के कारण आपको जला सकता है।
इन सभी स्थितियों में आप घर पर ही इससे निपट सकते है। बचपन में कई बार हाथ जलने पर मेरी मां कोलगेट लगाया करती थी, लेकिन क्या ये सही है?
*जलने को 04 स्टेज :*
मेडिकली तौर पर जलने की स्थिति को इन 4 स्थितियों में बांटा जाता है
जलने के 4 चरण होते है जिसके हिसाब से ये देखा जाता है कि ये घर पर ही ठीक हो सकता है या इसके लिए मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत है।
पहली डिग्री :
पहले चरण के जलने को सबसे कम गंभीर की श्रेणी में रखा जाता है। इसमें केवल आपकी स्किन की बाहरी परत ही जलती है। इस तरह के जलने में व्यक्ति को हल्का दर्द, लालिमा और सूजन होती है।
दूसरी डिग्री :
दूसरी डिग्री का जलना त्वचा की गहरी परतों को प्रभावित कर सकता है। यह विभिन्न प्रकार की त्वचा समस्याओं का भी कारण बन सकता है। इसमें जलने के स्थान पर त्वचा की ऊपरी परत (एपिडर्मिस) प्रभावित होती है। जिससे त्वचा में फफोले, सफेद दाग, और चमकदार स्किन हो सकती हैं।
तीसरी डिग्री :
थर्ड-डिग्री बर्न, जिसे फुल-थिकनेस बर्न के रूप में भी जाना जाता है, जलने का सबसे गंभीर प्रकार है। यह त्वचा की सभी परतों को प्रभावित करता है, जिसमें एपिडर्मिस (सबसे बाहरी परत), डर्मिस (मध्यम परत) शामिल होती है। तीसरी डिग्री के जलने में अक्सर स्किन के नीचे के ऊतक (सबसे गहरी परत) तक जल जाती है।
चौथी डिग्री :
चौथी डिग्री का जलना अत्यंत गंभीर और जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाला जलना माना जाता है। चौथी डिग्री के जलने में त्वचा, ऊतकों के साथ साथ अक्सर मांसपेशियों, टेंडन, लिगामेंट और हड्डी जैसी चीजें भी प्रभावित हो जाती है।
*कब होती है डॉक्टर की जरूरत?*
इनमें से प्रथम और दूसरी डिग्री के जलने को हम घर पर ही ठीक कर सकते हैं। जबकि उसके बाद की डिग्री में जलने पर तुरंत मेडिकल ट्रीटमेंट के अस्पताल ले जाने की जरूरत होती है।
अब जानिए जलने पर आपको तुरंत क्या करना चाहिए :
*1. ठंडा पानी डालें :*
जलने पर घरेलू उपचार के बारे में बताते हुए प्लास्टिक कॉस्मेटिक सर्जन रिधिमा सचदेवा बताती हैं कि जले हुए स्थान पर ठंडा पानी डालें। ध्यान रखें कि वो फ्रिज का पानी न हो।
जले हुए स्थान पर पानी डालना सबसे प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक है। यह जले हुए स्थान से गर्मी को दूर करने, दर्द को कम करने और त्वचा को होने वाले नुकसान को कम करने में मदद करता है।
ठंडा प्रभाव त्वचा को और ज्यादा जलने से रोकता है, और यह शरीर की प्राकृतिक उपचार प्रक्रियाओं में भी मदद करता है।
*2. एलोवेरा जेल उपयोगी :*
एलोवेरा जेल सूदिंग और उपचार करने वाले गुणों के लिए जाना जाता है। यह सूजन को कम कर सकते है, दर्द से राहत दिलाता है और त्वचा को हील कर सकता है।
एलोवेरा जलने वाले स्थान को सुरक्षा देता है, संक्रमण को रोकता है और क्षतिग्रस्त त्वचा कोशिकाओं को फिर से बनने में मदद करता है।
*3. शहद का इस्तेमाल :*
शहद में प्राकृतिक एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं।
यह जलने वाले स्थान पर एक सुरक्षा घेरा बना सकता है, इसे दूषित पदार्थों से बचा सकता है और संक्रमण के खतरे को कम कर सकता है। शहद सूजन को कम करके घाव भरने की प्रक्रिया में भी मदद करता है।
*4. कूल कंप्रेस कारगर :*
जले हुए स्थान पर कूल कंप्रेस कर सकते है या साफ गीला कपड़ा लगाने से दर्द और सूजन से राहत मिलती है। आप 5 से 15 मिनट के अंतराल में सेक लगा सकते हैं।
बहुत ज्यादा किसी ठंडी चीज से कंप्रेस न करें क्योंकि वे जलन को और अधिक बढ़ा सकते हैं।
*5. सिल्वरेक्स क्रीम :*
कोई भी एंटीबायोटिक क्रीम या मरहम संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं। अपने जले पर सिल्वरएक्स, बेसिट्रासिन या नियोस्पोरिन जैसे एंटीबैक्टीरियल मरहम लगाएं और किसी ड्रेसिंग या कपड़े से ढक दें।