एस पी मित्तल, अजमेर
पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस की वर्किंग कमेटी के सदस्य सचिन पायलट 12 सितंबर को अल्प प्रवास पर अजमेर आए। अजमेर जिले की सीमा में प्रवेश करने के साथ ही पायलट का जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया। सर्किट हाउस पहुंचने पर पायलट का बैंड बाजों के साथ स्वागत हुआ। केकड़ी के विधायक रघु शर्मा, विधायक राकेश पारीक, कांग्रेस के शहर जिला अध्यक्ष विजय जैन, महेंद्र सिंह रलावता, हेमंत भाटी, पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती, श्रीमती नसीम अख्तर, नाथुराम सिनोदिया, रामनारायण गुर्जर, प्रताप यादव आदि नेताओं और उनके समर्थकों ने पायलट का जोरदार स्वागत किया। सर्किट हाउस खचाखच भर ही गया साथ ही बाहर भी जबरदस्त भीड़ देखी गई। सर्किट हाउस के ऊपर जाम की स्थिति हो गई। खुद पायलट को भी बड़ी मशक्कत के बाद ऊपर तक पहुंचना पड़ा। लोगों ने मालाओं से पायलट को लाद दिया। कार्यकर्ताओं का उत्साह देखकर पायलट भी बेहद उत्साहित नजर आए। असल में पायलट की राजनीति में अजमेर महत्वपूर्ण स्थान है। पायलट ने अजमेर से दो बार लोकसभा का चुनाव लड़ा, एक बार जीते और दूसरे बार पायलट को हार का सामना करना पड़ा। लेकिन पायलट का प्रभाव कभी कम नहीं हुआ। यही वजह है कि पायलट ने प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए अजमेर में जिन भूपेंद्र सिंह राठौड़ को देहात और विजय जैन को शहर जिला कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया वे आज भी अपने पदों पर कायम है। कांग्रेस की राजनीति में अजमेर को पायलट का जिला माना जाता है। भले ही पायलट ने विधानसभा का पिछला चुनाव टोंक से लड़ा हो, लेकिन पायलट भी अजमेर को अपना सबसे मजबूत गढ़ मानते हैं। पायलट ने जनसंघर्ष यात्रा की शुरुआत भी अजमेर से ही की थी। पायलट का स्वागत करने के लिए शहर के कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि जिले भर के कार्यकर्ता सर्किट हाउस पहुंचे। यह बात अलग है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक कांग्रेसी पायलट के स्वागत सत्कार से दूर रहे। अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने के लिए लालायित आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ 12 सितंबर को कोटा रिवर फ्रंट पर ई रिक्शा में घूमते देखे गए। वहीं गत बार के उम्मीदवार महेंद्र सिंह रलावता ने पायलट का स्वागत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। रलावता को उम्मीद है कि इस बार भी पायलट ही उन्हें कांग्रेस का टिकट दिलवाएंगे। वहीं दूसरी ओर जानकारों का कहना है कि अजमेर जिले में कांग्रेस उम्मीदवारों के चयन में पायलट की राय महत्वपूर्ण होगी। स्वागत सत्कार के दौरान ही पूर्व विधायक डॉ. राजकुमार जयपाल द्वारा कांग्रेस नेता हेमंत भाटी के विरुद्ध दायर किए गए मानहानि के मुकदमे की भी चर्चा रही। जयपाल को गहलोत गुट का माना जाता है। जयपाल ने पायलट गुट के हेमंत भाटी पर उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया है। वहीं अपने दौरे में पायलट ने सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं को नसीहत दी है कि सब मिलकर विधानसभा का चुनाव लड़े और कांग्रेस को जीत दिलवाए। पायलट ने कुछ नेताओं से बंद कमरे में भी संवाद किया। पायलट ने जिले भर की ताजा राजनीति को समझा।