जबलपुर: आर्थिक अपराध विंग (ईओडब्ल्यू) भोपाल ने पूर्व बिशप पीसी सिंह के ऊपर चर्च की जमीन पर धोखाधड़ी करने का एक और मामला प्रकाश में आया है। बिशप पीसी सिंह के अलावा सतपुड़ा रिसॉर्ट के मालिक प्रमोद पुरी और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह एफआईआर नागपुर डायोसेशन ट्रस्ट एसोसिएशन (एनडीटीए) की पचमढ़ी में स्थित बिल्डिंग और जमीन को अधिक सस्ती दरों पर लीज पर देने की शिकायत की गई।जबलपुर के पूर्व बिशप पीसी सिंह के खिलाफ अमानत में खयानत का मामला चल रहा है। 99 से अधिक मामले चलने वाले बिशप पर भोपाल ईओडब्ल्यू ने एक और एफआईआर दर्ज की है। उन पर पचमढ़ी में कमर्शियल एरिया की एक लाख वर्गफुट से अधिक की जमीन को कौड़ियों के भाव लीज पर देने का आरोप लगा है। बिशप पीसी सिंह के साथ सतपुड़ा के रिसॉर्ट मालिक के ऊपर भी मामला दर्ज हुआ।

दरअसल, साजिश के तहत पचमढ़ी के मुख्य व्यावसायिक क्षेत्र स्थित एक लाख वर्गफुट से अधिक जमीन को बिशप ने कौड़ियों के भाव 14 साल के लीज पर दे दी थी। बिशप पीसी सिंह ने रिसॉर्ट के मालिक प्रमोद पुरी के साथ मिलकर चर्च की सम्पत्ति को कौड़ियों के भाव देकर एनडीटीए को आर्थिक नुकसान पहुंचाया।
इन लोगों ने दर्ज कराई शिकायत
ईओडब्ल्यू भोपाल में नितिन लॉरेंस और एनडीटीए के पूर्व प्रॉपर्टी सचिव प्रशांत सत्रालकर ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने बताया कि पूर्व विषप पीसी सिंह ने पचमढ़ी के मुख्य व्यावसायिक क्षेत्र स्थित 1,05,837 वर्ग फीट भूमि और उस पर निर्मित भवन को कौड़ियों के भाव लीज पर दिया है। पीसी सिंह ने हर महीने 12500 रुपए के रेंट पर जमीन सतपुड़ा रिसॉर्ट प्रा.लि. के मालिक प्रमोद पुरी को 14 वर्ष की लीज पर दे दी। एनडीटीए के स्वामित्व की पचमढ़ी स्थित भूमि और भवन को लीज पर देने के लिए एनडीटीए और चौरिटी कमिश्नर नागपुर से अधिकारिता अनुमति नही ली गयी थी।
ईओडब्ल्यू ने जांच के बाद तत्कालीन बिशप जबलपुर पीसी सिंह, प्रॉपर्टी सचिव एम.के सिंह (मृत) और सतपुड़ा रिसॉर्ट प्रा.लि. के मालिक प्रमोद पुरी के साथ अन्य के खिलाफ धारा 120बी, 406, 420 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है।
पूर्व बिशप ने किया अधिकारों का दुरुपयोग
एनडीटीए के बिशप पॉल बी प्रभुदास दुपारे ने 19 फरवरी 2007 को जबलपुर डायोसिस के तात्कालीन बिशप पीसी सिंह को उनके डायोसिस क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली संपत्तियों की देखभाल के लिए पॉवर ऑफ अटॉर्नी दी। सिंह ने इस अधिकार का दुरुपयोग करते हुए जबलपुर डायोसिस के सचिव एमके सिंह को अनअथॉराइज्ड अधिकार पत्र देकर पचमढ़ी के कमर्शियल एरिया में स्थित बिल्डिंग और जमीन को रेवेन्यू रेकॉर्ड में एमके सिंह नाम दर्ज करा दिया। इसके बाद इसे कम दामों में लीज पर दे दिया। आरोपों के अनुसार आरोपियों ने इस लीज से प्राप्त राशि का गबन भी किया है।
पूर्व बिशप पीसी सिंह के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी
चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के पूर्व डायरेक्टर बिशप पीसी सिंह (Former Bishop PC Singh) के ठिकानों पर ईडी की टीम ने छापेमारी की है। सुबह ईडी की टीम पीसी सिंह और चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के मैनेजर सुरेश जैकब के जबलपुर स्थित निवास पर तलाशी ली है। इसके साथ ही मुंबई और नागपुर स्थित ठिकानों पर भी तलाशी ली जा रही है। पूर्व बिशप पीसी सिंह और सुरेश जैकब से ईडी की टीम पूछताछ कर रही है। आपको बता दें कि पीसी सिंह, सुरेश जैकब और उनके साथियों ने चर्च आफ नॉर्थ इंडिया की अरबों रुपए कीमती की जमीन और अन्य संपत्तियों को भू माफियाओं को अवैध रूप से बेचकर घपला किया था।
यह घपला उजागर होने के बाद कई जांच एजेंसियों ने जांच कर आरोपियों को गिरफ्तार किया। इसके बाद अदालत के सामने पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेजा गया था। बाद में पीसी सिंह और सुरेश जैकब जमानत पर रिहा हो गए। ईडी ने पीसी सिंह और सुरेश जैकब के खिलाफ हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग फेमा एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। उसी के तहत यह छापेमारी चल रही है। माना जा रहा है कि इन दोनों आरोपियों को ईडी की टीम आगे की पूछताछ के लिए अपने साथ ले जा सकती है। इनके घर पर छापेमारी चली रही है।
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले ईओडब्ल्यू की टीम ने जब बिशप सिंह के घर पर दबिश दी थी। तब वह विदेश दौरे पर थे। कार्रवाई के दौरान ईओडब्ल्यू ने बिशप के घर से छापे में एक करोड़ 65 लाख रुपए कैश बरामद किए थे। इसके साथ ही 18 हजार अमेरिकी डॉलर, 118 पाउंड सहित दो किलो सोने-चांदी के जेवर बरामद किए थे। इसके बाद सीएम ने भी बिशप के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। बिशप संस्था के पैसों का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगा था। यही नहीं, उसने धर्मांतरण के लिए भी इन पैसों का उपयोग किया था।