*भूमि अधिग्रहण कानून और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करें शासन प्रशासन*
*भूमि अधिग्रहण के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का सोशलिस्ट पार्टी ने किया समर्थन*
इंदौर ।इंदौर बुधनी रेल लाइन, आउटर बाईपास और रिंग रोड के लिए जमीन अधिग्रहण के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का सोशलिस्ट पार्टी इंडिया ने समर्थन किया है । पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामबाबू अग्रवाल एवं प्रदेश अध्यक्ष रामस्वरूप मंत्री ने यहां जारी बयान में कहा है कि उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जाना चाहिए और यदि किसी सरकारी योजना के लिए भूमि अधिग्रहण जरूरी ही है तो फिर किसानों को बाजार भाव से चार गुना मुआवजा दिया जाना चाहिए । संशोधित भूमि अधिग्रहण कानून में भी यही प्रावधान है और सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में कहा है कि किसानों को भूमि अधिग्रहण के लिए चार गुना और शहरी क्षेत्र की भूमि अधिग्रहीत करने पर दो गुना मुआवजा दिया जाना चाहिए । लेकिन शासन प्रशासन ना तो भूमि अधिग्रहण कानून के प्रावधानों का पालन कर रहा है और ना ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले का । इसीलिए इंदौर और देवास जिले के डेढ़ सौ गांवों के किसान भूमि अधिग्रहण और कम मुआवजा दिए जाने से परेशान है और आंदोलन कर रहे हैं ।
श्री अग्रवाल ने आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि निश्चित रूप से बाजार भाव से चार गुना मुआवजा की मांग किसानों की सही मांग है और सोशलिस्ट पार्टी इसका पुरजोर समर्थन करती है । पार्टी ने एमएसपी की गारंटी कानून बनाने तथा स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की भी मांग की है ।
श्री अग्रवाल ने कहा कि एक तरफ तो नरेंद्र मोदी सरकार चौधरी चरण सिंह और कृषि विशेषज्ञ स्वामीनाथन को भारत रत्न से नवाजती है जबकि दूसरी ओर उनकी नीतियां लागू करने को तैयार नहीं है । यदि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार किसानों को उनकी उपज का समर्थन मूल्य दे दिया जाए तो ना तो किसान कर्जदार होगा और ना ही किस को आत्महत्या करना होगी ।