राम अवतार का उद्देश्य लोगों के जीवन को आदर्श बनाना
कैलाश रावत
विप्र धेनु सुर संत हित लिंह मनुज अवतार
निज इच्छा निर्मित तनु माया गुन गोपार
सुनहु भरत भावी प्रबल बिलखि कहेऊ मुनि नाथ
हानि लाभ जीवनु मरनु जसु अपजसु विधि हाथ
डॉ राम मनोहर लोहिया का मत है भारत के असल जननायक तो श्री राम है जिन्होंने भारत को उत्तर से लेकर दक्षिण तथा पूर्व से लेकर पश्चिम तक एक कर दिया चारों दिशाओं में पूजे जाते हैं
धर्म दीर्घकालीन राजनीति है
राजनीत दीर्घकालीन धर्म
एक चित् से राम मंदिर बनाएं राम जन्मभूमि पर राजनीति करण ना हो भावना और उत्साह अतिरिक् कोई विषय ना उठाएं बहुत हसरत थी कि शरीर छोड़ने से पहले अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण देखूं परमात्मा पूरी कर रहे हैं परतंत्रता के दिनों में हमारे आपके पूर्वजों के अथक प्रयास से 90 प्रतिशत सनातन संस्कृति सुरक्षित रही
तीन लोक के स्वामी जगत के पालनहार भगवान श्री राम आपने तो उच्च वर्ग के राक्षस शत्रु रावण का नाश किया और उसी तरह वंचित वर्ग को साथ लेकर लोकतंत्र की स्थापना की बिना किसी दमभ अहंकार सचमुच सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास किया था
श्री राम आपका रामराज आपका लोकतंत्र और आपका लोकतंत्र रहे युगों युगों तक यह बात याद रखा गया तभी तो आप मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम कहे जाते हैं
श्री राम वंश वादी जातिवादी और सामंतवादी नहीं थे राम लक्ष्मण को छोड़कर अयोध्या श्री लंका विजय तक अयोध्या की सेना भाई बंधु सगे संबंधी रिश्तेदार आसपास के राजा रामचंद्र जी के साथ नहीं थे 36 करोड़ देवी देवताओं के रहते राम भरोसे के आखरी सच है सच ही श्री राम का हथियार था
राम ने संविधान को जनपथ बनाया ना की राजपथ समाज कल्याण की कलम पर अपना अजर अमर नाम लिखा राम अवतार का उद्देश्य ही लोगों के जीवन को आदर्श बनाना था
भगवान श्री राम आपके मंदिर का निर्माण मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने को है
कलयुग के इस युग में राजनीति फलतार्थ सुबिधा बनती जा रही है कोल भील वानर किन्नर भालू हर उपेक्षित वर्ग और बनवासी जीने का स्वाभिमान सिखाया राम ने कहा था शासक संविधान से बंद हर शिकायत की जांच के लिए प्रतिबद्ध है श्री राम को हर सुख दुख चुनौती में आश्रित ऊहापोह मैं जनता ढूंढती है राम कथाएं केवल मंत्र नहीं अंतरात्मा युद्ध का यंत्र भी है लाखों घरों की सांसे रामचरितमानस की धड़कन है विचारों में राम का चरित्र लोकतांत्रिक है जंगल अहिल्या जटायु सुग्रीव विभीषण केवट वानर भालू किन्नर के चरणों को गले लगाया
उन लूटेरों धन्ना सेठों को नहीं जिनके पास धीरे-धीरे हिंदुस्तान की आधी से अधिक दौलत चली गई
हिंदू समाज में तुलसीकृत रामायण का बहुत सम्मान है घरों में रामायण होने का निमित्त पढ़े जाने के मायने हैं राम एक अवसर नही । समता और समाजवाद के
घट में ही सुझे नहीं
लानत ऐसे ज़िन्द
तुलसी इन संसार को
भयो मोतियाबिंद
लंकाधिपति रावण पर विजय के बाद राम जो भाषा बोलते हैं बह क्या भाषा है मित्रों तुम्हारे बल से रावण मारा गया जो कुछ भी हुआ वह तुम्हारे सहयोग और संकल्प का परिणाम है समाज में तुलसीकृत रामायण का जबरदस्त जलवा है अयोध्या रामलला परिसर में गोस्वामी तुलसीदास जी की प्रतिमा लगने से जन मानस में बेहद खुश होगा तुलसी की चौपाई की कुछ शब्द
होइहै सोई जो राम रचि राखा
चौपाई जीवन की जय पराजय के क्षणों में राम की एक जैसी उपस्थिति और अशक्ति का आव्हान करती है
भगवान श्री राम का जो चिंतन है उसकी कल्पना कीजिए वनवास के त्याग तपस्या लोगों के प्रति प्रीति और छोटे से लेकर बड़े तक सबको जोड़ कर ऐसा सेतु बनाते हैं जो समाज के सभी शत् को मिला देता है यही रामराज्य है और रामराज से बढ़कर कोई समाज नहीं
होते राजा राम भी
ना बनते भगवान
तुलसी गुन ने गाऊते
सब रहते अनजान
हम किसके समर्थक किसके विरोधी
पूज्य शंकराचार्य भगवान पर कोई टिप्पणी न करें धर्मगुरु है उनका अपना सम्मान और महत्व सनातन संस्कृति में है
जिन मनीषियों ने अयोध्या में तिथि मुहूर्त आचार्य और यजमान का चयन किया है उनका ज्ञान भी अलौकिक है
हम एक दिन कुछ दिन में रामराज ना बना सके पर इतना तो हम देख सकते हैं कि उस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं कि पीछे हट रहे हैं उस दिशा में बढ़ने का प्रयत्न
यदि कोई व्यक्ति समाज व शासन करता है तो सही दिशा में जा रहेहैं
डॉ राम मनोहर लोहिया भगवान राम को अपना आराध्य मानते हुए चित्रकूट में रामायण मेले की स्थापना देश विदेश में भी रामायण मिले संपन्न कराए थे
डॉ राम मनोहर लोहिया का कथन
मैं नहीं जानता हूं की राम थे कि नहीं थे यह भी नहीं जानना चाहता हूं कि भी परमेश्वर थे या दशरथ नंदन लेकिन भारत की करोड़ों करोड़ों जनता जिस राम के नाम के सहारे अपना सुख दुख जीवन में सब कुछ सहन कर लेते हैं
अपने सब को जिस राम में समर्पित और विसजिर्त कर देती है मेरी आस्था उन करोड़ों भारतवासियों में हैं
परम पूज्यनीय संत महात्माओं के चरणों में नमन करते हुए निवेदन करता हूं 492 साल बाद अयोध्या में भगवान श्री राम का भव्य मंदिर निर्माण मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का सौभाग्य मिला है भगवान श्री राम मेरे आराध्य है
भगवान श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम राम है उनके व्यवहार में लाई गई नैतिक सामाजिक राजनीतिक समस्याएं सनातन आदर्श है न्याय कल्याण के लिए अपने सुखो को त्याग करने वाले हैं राम अवतार का मुख्य उद्देश्य रामराज्य लाना और लोगों के जीवन को आदर्श बनाना था
अच्छाई बुराई संघर्ष आदिकाल से चल रहा है जो प्रभावशाली होता है जिसकी सत्ता होती है वैसी व्यवस्था बन जाती है यथासंभव अच्छाई का बणर्न करते रहना चाहिए श्री राम जी और उनके जीवन का चिंतन करते रहने से सब लोग कल्याणकारी मार्ग स्पष्ट दिखाई देने लगता है
कैलाश रावत
ग्राम मडिया जिला निवाड़ी मध्य प्रदेश472336
7999606143
9826665847