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राज्यसभा सीट, राज्यपाल बनवाने और सरकारी विभागों में भर्ती करानेवाली गैंग पकड़ाई,पकड़े गए चारों आरोपी मुंबई के

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100 करोड़ रुपए में राज्यसभा सीट दिलाने और राज्यपाल बनाने का वादा करने वाला रैकेट पकड़ा गया है। सीबीआई ने इस बड़ी कार्रवाई में 4 से ज्यादा लोगों को पकड़ा है। सीबीआई टीम पिछले कई दिनों से इन पर नजर रख रही थी।

पैसे के लेनदेने से ठीक पहले सीबीआई ने आरोपी को पकड़ लिया। उससे पूछताछ की जा रही है। उसके दूसरे साथियों के भी नाम पता चले हैं। 4 से ज्यादा लोग आरोपी बनाए गए हैं। फिलहाल 100 करोड़ रुपए में सौदा होने की बात सामने आई है।

फोन टेप करने से मिले सुराग
सीबीआई अधिकारी पिछले कुछ हफ्तों से फोन इंटरसेप्टर के जरिए कॉल सुन रहे थे। बीते कई दिनों से आरोपियों पर उनकी नजर थी। डील जब फाइनल होने वाली थी, तभी आरोपी को दबोच लिया गया।

चार आरोपियों की हुई पहचान
सीबीआई ने चार आरोपियों की पहचान कर ली है। महाराष्ट्र निवासी कमलाकर प्रेमकुमार बांदगर, कर्नाटक निवासी रवींद्र विट्ठल नाइक, दिल्ली निवासी महेंद्र पाल अरोड़ा और अभिषेक बूरा इस डील में शामिल थे।

पिछले हफ्ते महाराष्ट्र में आया था ऐसा मामला, विधायक को मंत्री बनाने का ऑफर दिया था
हाल ही में ऐसा मामला महाराष्ट्र में आया था। यहां भाजपा के एक विधायक से 100 करोड़ रुपए की मांग की गई थी। एवज में एकनाथ शिंदे कैबिनेट में मंत्री बनवाने का ऑफर था। विधायक की शिकायत पर पुलिस की क्राइम ब्रांच की एंटी-एक्सटॉर्शन सेल (AEC) ने धोखाधड़ी करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया। इन लोगों ने 3 से 4 विधायकों के सामने यही पेशकश रखी थी।

मुंबई में भाजपा के एक विधायक को कैबिनेट मंत्री पद दिलाने के बदले 100 करोड़ की मांग करने का मामला सामने आया है। पुलिस की क्राइम ब्रांच के एंटी-एक्सटॉर्शन सेल (AEC) ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के मंत्रिमंडल में 90 करोड़ रुपए लेकर मंत्री पद के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों ने 3 से 4 विधायकों के सामने यही पेशकश रखी थी।

पकड़े गए चारों आरोपी मुंबई के
गिरफ्तार लोगों की पहचान कोल्हापुर जिले के हाटकनागले निवासी रियाज अल्लाहबक्स शेख, ठाणे के रहने वाले निवासी योगेश मधुकर कुलकर्णी, मुंबई में नागपाड़ा के रहने वाले सागर विकास संगवई और जफर अहमद राशिद अहमद उस्मानी के रूप में हुई है। पुलिस ने कहा कि विधायक के निजी सचिव के मुताबिक उसके पास 17 जुलाई को लगभग 12:12 बजे रियाज नाम के व्यक्ति का फोन आया था।पुलिस इस बात की जांच भी कर रही है कि ये आरोपी कितने और विधायकों के सम्पर्क में थे और कितने लोगों से पैसे ले चुके थे।

होटल में मिलने बुलाया और अगले दिन पैसे देने की बात कही
मंत्री पद के लालच में आए इन विधायकों ने तीन बार फोन पर आरोपियों से बातचीत भी की।इसके बाद 17 जुलाई को ही आरोपियों ने विधायकों को नरीमन पॉइंट के ओबेरॉय होटेल मिलने के लिए बुलाया। इस दौरान आरोपियों ने विधायकों से कहा कि मंत्रिमंडल में जगह पाने के लिए उन्हें 90 करोड़ रुपए देने होंगे, जिसका 20% तुरंत और बाकी अमाउंट मंत्री पद की शपथ लेने के बाद देना होगा।

विधायक ने अपने सेक्रेटरी से कहा कि आरोपी रियाज इससे पहले 12 जुलाई को भी मंत्री पद के लिए 100 करोड़ की मांग करने फोन कर चुका है।

रियाज को पकड़ने के लिए विधायक ने चली ये चाल

  • विधायक ने अपने पीए से जफर और रियाज को मिलने के लिए होटल बुलाने कहा। उसी दिन शाम करीब 5:15 बजे रियाज विधायक से मिला।
  • इसके बाद डिमांड 100 करोड़ से घटाकर 90 करोड़ कर दी गई है। यानी अगले दिन 20% राशि (18 करोड़) की पहली किस्त रियाज को देनी होगी।
  • गड़बड़ी का अंदेशा होने पर विधायक ने मुंबई क्राइम ब्रांच के AEC को अलर्ट किया। इसके बाद रियाज को अगले दिन दोपहर 1:15 बजे LIC के पास बुलाया।
  • रियाज के मौके पर पहुंचने के बाद उसे ओबेरॉय होटल ले जाया गया जहां पुलिस ने उसे पकड़ लिया। इस दौरान विधायक भी होटल में मौजूद थे।
  • पूछताछ में रियाज ने दूसरे आरोपी योगेश कुलकर्णी के नाम का खुलासा किया। इसी ने उसे सागर सांगवई से मिलवाया था।
  • सागर ने कहा था कि वह दिल्ली में सीनियर राजनेता को जानता है, जो शिंदे कैबिनेट में 50 से 60 करोड़ लेकर सीट कन्फर्म कर देगा।
  • इसके बाद कुलकर्णी ने रियाज शेख से विधायक का बायोडाटा लेकर सागर सांगवई को भेज दिया।
  • सांगवई ने पूछताछ में जाफर को राजनेता का करीबी बताया गया था, जो विधायक के लिए अपने रसूख का इस्तेमाल करने वाला था।

मंत्रिमंडल विस्तार की आड़ में फायदा उठाने की कोशिश
दरअसल राज्य में नई सरकार के गठन और मंत्रिमंडल के विस्तार पर हर किसी की नजर है, इसी वजह से कई विधायक नंदनवन (एकनाथ शिंदे का बंगला) और सागर (देवेंद्र फड़नवीस का बंगला) के चक्कर लगा रहे हैं। इसी बात का फ़ायदा लेने के फिराक में चार आरोपियों ने 3 विधायकों को कैबिनेट में मंत्री पद दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने की कोशिश की।

पकड़े गए चारों पर IPC की धारा 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी) और 420 (बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्हें मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया और 26 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

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