मुंबई
देश में लगातार घट रहे कोरोना के मामलों से आर्थिक ग्रोथ धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है। रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) के मुताबिक फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में GDP ग्रोथ रेट 8.5% रह सकती है। जो 2020-21 में 7.3% गिर गई थी।
पाबंदियां कम होने से इकोनॉमी को मिलेगी राहत
इक्रा की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर के मुताबिक 2021 में अप्रैल-मई के दौरान राज्यों में पाबंदियां रहीं। साथ ही कोरोना की वापसी से पाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स पर बुरा असर पड़ा। हालांकि, अब राज्य सरकारों से मिल रही ढील और संक्रमण दर में लगातार गिरावट से इकोनॉमी पटरी पर लौट रही है। ऐसे में हमें उम्मीद है कि 2021-22 में GDP दर 8.5% रह सकती है।
पहली तिमाही में 14.9% ग्रोथ का अनुमान
इक्रा ने कहा कि अगर वैक्सीनेशन की रफ्तार में तेजी रही तो 2021-22 में GDP ग्रोथ दर 9.5% तक भी पहुंच सकती है। इसी तरह पिछले हफ्ते रिजर्व बैंक यानी RBI ने भी 2021-22 के लिए ग्रोथ रेट 9.5% रहने का अनुमान दिया है। अदिति नायर में आने वाली तिमाहियों के लिए भी GDP में पॉजिटिव ग्रोथ की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि 2021-22 की पहली तिमाही ग्रोथ रेट 14.9%, दूसरी तिमाही में 8%, तीसरी तिमाही में 5.6% और चौथी तिमाही में 7% रह सकती है।
ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण फैलने से डिमांड प्रभावित होगी
रेटिंग एजेंसी के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर से ग्राहकों के सेंटिमेंट और डिमांड पर बुरा असर पड़ा है। साथ ही हेल्थकेयर और फ्यूल खर्च भी बढ़ा है। जबकि आमदनी घटी है। ग्रामीण क्षेत्रों में महामारी के प्रसार से मेडिसिन पर खर्च बढ़ा है। इससे डिमांड कमजोर होने की आशंका है। महंगाई पर इक्रा ने कहा कि रिटेल महंगाई दर औसतन 5.2% और थोक महंगाई दर 9.2% रह सकती है। वहीं, 2021-22 में नॉमिनल GDP दर 15-16% रहने का अनुमान है।