जर्मनी में आर्थिक मंदी, प्रवासन (माइग्रेशन) को रोकने के दबाव और यूरोप-अमेरिका संबंधों को लेकर बढ़ती अनिश्चितता के बीच रविवार को मतदान हुआ। मतदान के बाद एग्जिट पोल में इस चुनाव में मध्य दक्षिणपंथी विपक्षी दल की जीत मिलती दिख रही है। वहीं इसमें जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज की पार्टी वामपंथी सोशल डेमोक्रेट्स (एसपीडी) की बड़ी हार होती हुई दिख रही है।
अपनी पार्टी की हार पर शोल्ज
जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने रविवार को हुए राष्ट्रीय चुनावों में अपने वामपंथी सोशल डेमोक्रेट्स (एसपीडी) की बड़ी हार के बाद इसे लेकर दुख जताया। उन्होंने कहा कि यह हार उनके लिए बहुत निराशाजनक है और चुनाव परिणाम अच्छे नहीं रहे। साथ ही चांसलर ने पार्टी के सदस्यों से कहा कि चुनाव परिणाम खराब हैं और इसके लिए मैं खुद ज़िम्मेदार हूं। इस दौरान, उन्होंने विपक्षी नेता फ्रेडरिक मर्ज को बधाई भी दी, जिनकी रूढ़िवादी पार्टी इस चुनाव में विजयी रही और चुनाव में सबसे ऊपर रही।
फ्रेडरिक मर्ज ने क्या कहा…
साथ ही इस मामले में फ्रेडरिक मर्ज ने कहा कि वह गठबंधन सरकार बनाने के लिए तेजी से कदम उठाएंगे, हालांकि यह साफ नहीं था कि यह प्रक्रिया कितनी आसान होगी। ये चुनाव पहले से निर्धारित समय से सात महीने पहले हुए थे, जब शोल्ज का गठबंधन असंतोष और अंदरूनी कलह के कारण टूट चुका था।
समझिए एग्जिट पोल कितना असरदार
एग्जिट पोल और आंशिक गणनाओं के मुताबिक, मर्ज की यूनियन ब्लॉक को लगभग 29 प्रतिशत वोट मिले, जबकि एएफडी को लगभग 20 प्रतिशत वोट मिले, जो 2021 के चुनाव से दोगुना था। वहीं, शोल्ज के सोशल डेमोक्रेट्स को केवल 16 प्रतिशत वोट मिले, जो उनके पिछले चुनावों के मुकाबले बहुत कम था।
गौरतलब है कि जर्मनी की कुल आबादी 84 मिलियन है, जिनमें से 59 मिलियन लोग ऐसे थे जो संसद के निचले सदन, बुंडेस्टैग के 630 सांसदों को चुनने के हकदार थे। ये सांसद बर्लिन की प्रसिद्ध रीचस्टैग इमारत में अपनी सीटों पर बैठेंगे।