अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

गुलाम नबी आजाद लड़ेंगे लोकसभा चुनाव,अनंतनाग-राजोरी सीट से लड़ेंगे

Share

जम्मू कश्मीर की पांच लोकसभा सीटों में से सबसे हॉट सीट माने जाने वाली अनंतनाग राजोरी सीट पर मुकाबला रोचक होने जा रहा है। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद अनंतनाग-राजोरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। यह घोषणा डीपीएपी के कोषाध्यक्ष ताज मोहिउद्दीन ने मंगलवार को श्रीनगर में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान की।

साल 2022 में कांग्रेस से अलग होकर गुलाम नबी आजाद ने जम्मू कश्मीर में खुद की पार्टी बनाई, जिसे नाम मिला डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी। गुलाम नबी ने उधमपूर-डोडा सीट से जीएम सरूरी को मैदान में उतारा है। ऐसे में उनकी पार्टी से अबतक दो प्रत्याशी जम्मू कश्मीर के लोकसभा चुनावी मैदान में सामने आ चुके हैं।

आजाद ने ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के सचिव के तौर पर किया था सियासी सफर का आगाज

सात मार्च, 1949 को जम्मू के डोडा में जन्मे गुलाम नबी आजाद काफी पढ़े-लिखे नेता हैं। साल 1973 में गुलाम नबी आजाद ने ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के सचिव के रूप में अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। 

साल 1980 में ही गुलाम नबी आजाद महाराष्ट्र के वाशिम से लोकसभा का चुनाव जीतकर पहली बार सांसद बने। इसके बाद तो उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार आगे बढ़ते रहे। साल 1982 में उन्हें केंद्रीय मंत्री का अहम पद दिया गया। वह सरकार में कई अहम पदों पर रह चुके हैं।

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस सीट से मियां अल्ताफ को उतारा है मैदान में

गुलाम नबी के अनंतनाग सीट से लड़ने की घोषणा नेशनल कॉन्फ्रेंस के इस सीट से उम्मीदवार के एलान के एक दिन की गई है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने इस सीट से मौजूदा सांसद हसनैन मसूदी का टिकट काट कर गुज्जर-पहाड़ी नेता मियां अल्ताफ को मैदान में उतारा है। 66 वर्षीय अल्ताफ पांच बार विधायक और फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला सरकार में पूर्व मंत्री रहे हैं।

भाजपा, पीडीपी ने अभी नहीं निकाले तरकश से तीर

अभी भाजपा ने इस सीट पर प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है। कयास लगाएं जा रहे हैं कि भाजपा इस सीट से मुस्लिम अफसर को मैदान में उतार सकती है। लेकिन अभी इसकी घोषणा नहीं हुई है। वहीं, पीडीपी ने भी इस सीट पर अभी अपना रुख साफ नहीं किया है। पार्टी नेकां के साथ ही इंडिया गठबंधन का हिस्सा है। लेकिन, जम्मू कश्मीर में पीडीपी को अपनी साख बचाना भी चुनौती है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती क्या फैसला लेती हैं।

परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई अनंतनाग-राजोरी संसदीय सीट

मालूम हो कि परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई अनंतनाग-राजोरी संसदीय सीट में परिसीमन के बाद राजोरी और पुंछ को शामिल किया गया। इस सीट पर तीसरे चरण में सात मई को मतदान होना है। इसकी अधिसूचना 12 अप्रैल को जारी होगी और नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 19 अप्रैल होगी।

इंडिया गठबंधन के हिस्से के रूप में नेकां ने कश्मीर घाटी में तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की पहले ही घोषणा कर रखी है। गठबंधन में इनके सहयोगी पीडीपी की भी कश्मीर की तीन लोकसभा सीटों में से दो पर अपने उम्मीदवार उतारने की संभावना है, लेकिन पार्टी ने अभी तक इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की है। भाजपा ने भी अभी तक यहां से उम्मीदवार नहीं उतारा है।

हाई प्रोफाइल सीट रही है अनंतनाग

अनंतनाग सीट की बात करें तो यह हाई प्रोफाइल सीट रही है। यहां से महबूबा मुफ्ती 2014 में सांसद बनीं लेकिन 4 जुलाई 2016 को उनके इस्तीफे से यह सीट खाली हो गई। इस्तीफे के करीब तीन साल तक यहां उपचुनाव नहीं हो पाया।

इस सीट पर चरमपंथ का प्रभाव होने का तर्क देकर चुनाव आयोग ने चुनाव नहीं करवाए। अपने पिता और पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद महबूबा ने अनंतनाग विधानसभा सीट से चुनाव जीता। बाद में 2019 में इस सीट पर चुनाव हुआ और नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मसूदी ने जीत हासिल की। उन्होंने 40180 वोट हासिल किए थे जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के गुलाम अहमद मीर ने 33504 वोट हासिल किए। पीडीपी मुखिया महबूबा मुफ्ती तीसरे नंबर पर रहीं। 2019 में इस सीट पर कुल 9 प्रतिशत ही मतदान हुआ था।

Recent posts

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें