भोपाल राजधानी भोपाल में 24 फरवरी से शुरू हो रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) में पांच प्रमुख क्षेत्रों पर खास ध्यान दिया जाएगा। इन क्षेत्रों में ऑटोमोबाइल, आईटी, खनन, वस्त्र उद्योग (टेक्सटाइल) और पर्यटन शामिल हैं। इन उद्योगों में मध्य प्रदेश में कच्चा माल, कुशल श्रमिक और निवेश के लिए अवसरों की भरमार है। समिट में उद्योग लगाने के प्रस्ताव से लेकर प्रोजेक्ट तक के समाधान तुरंत प्रदान किए जाएंगे। समिट में निवेशकों को मध्य प्रदेश में निवेश की संभावनाएं बताई जाएगी। इसमें कच्चे माल की उपलब्धता, मैनपावर की स्थिति से लेकर सरकार की तरफ से दी जा रही रियायतों को गिनाया जाएगा।
भोपाल पहुंचे प्रधानमंत्री ने कुशाभाऊ ठाकरे कंवेशन सेंटर में विधायक, सांसद और प्रतिनिधियों के साथ चर्चा और डिनर किया। रात्रि विश्राम राजभवन में करने के बाद प्रधानमंत्री सोमवार सुबह 10.15 बजे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में जीआईएस का शुभारंभ करेंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री सुबह 10 बजे मानव संग्रहालय पहुंचने वाले थे, लेकिन 12 वीं बोर्ड परीक्षा में विद्यार्थियों के सेंटर पर पहुंचने की सुविधा को देखते हुए उन्होंने अपना कार्यक्रम 15 मिनट आगे बढ़ा दिया। इस समिट में 60 देशों के 133 विदेशी प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसमें से कई उद्यमी और निवेशक एक दिन पहले पहुंच गए और कुछ सुबह पहुंचेंगे। यह समिट मध्य प्रदेश के औद्योगिक विकास को नई दिशा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। इस समिट का उद्देश्य निवेशकों को राज्य की औद्योगिक क्षमताओं से अवगत कराते हुए, मध्य प्रदेश को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख निवेश केंद्र के रूप में स्थापित करना है। सरकार को समिट में 25 लाख करोड़ के निवेश आने और उससे 20 लाख रोजगार के अवसर सृजित होने का दावा है।

टेक्सटाइल:
मध्य प्रदेश भारत में छठा सबसे बड़ा कपास उत्पादक राज्य है और सबसे बड़ा जैविक कपास उत्पादक (43%) है।
प्रदेश शहतूत रेशम का सबसे बड़ा उत्पादक है।
राज्य में दुनिया की सबसे बड़ी टेरी टॉवल और स्पून डाइड फैक्ट्री स्थित है।
मध्य प्रदेश के चंदेरी, महेश्वरी और हस्तनिर्मित कपड़े पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं।
यहां 60 से अधिक बड़ी कपड़ा मिलें, 4,000 से ज्यादा करघे और 25 लाख तकली हैं।
इस समिट में इन क्षेत्रों के निवेश को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रयास किए जाएंगे, और राज्य में रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
ऑटोमोबाइल:
पीथमपुर में राष्ट्रीय ऑटोमोटिव टेस्ट ट्रैक (एनएटीआरएक्स) है।
पीथमपुर ऑटो क्लस्टर भारत के सबसे बड़े (4,500 हेक्टेयर) ऑटो क्लस्टरों में से एक है।
एशिया का सबसे लंबा हाई-स्पीड टेस्टिंग ट्रैक मध्य प्रदेश में है।
200 से अधिक देशों को ऑटो घटकों का निर्यात किया जाता है।
200 से अधिक ऑटो घटक निर्माता और 1,000 से ज्यादा उपकरण निर्माता हैं।
आईटी और प्रौद्योगिकी:
राज्य में पांच आईटी एसईजेड और 15 से अधिक आईटी पार्क हैं।
राज्य में 50 से अधिक बड़ी आईटी कंपनियां हैं।
यहां 1200 से अधिक तकनीकी स्टार्टअप और दो यूनिकॉर्न कंपनियां हैं।
राज्य में 300 से अधिक कॉलेज तकनीकी शिक्षा प्रदान करते हैं, और हर साल 50,000 से ज्यादा तकनीकी स्नातक तैयार होते हैं।
माइनिंग:
मध्य प्रदेश भारत का एकमात्र हीरा उत्पादक राज्य है।
तांबा अयस्क और मैंगनीज अयस्क का देश में प्रमुख उत्पादक है।
राज्य खनिज उत्पादक राज्यों में अग्रणी है, विशेष रूप से रॉक फॉस्फेट, चूना पत्थर और कोयला उत्पादन में।
मध्य प्रदेश का कोल बेड मीथेन (सीबीएम) भंडार भारत के कुल भंडार का 36% है।
राज्य के सीमेंट उद्योग को चूना पत्थर का अहम योगदान है, और बालाघाट जिले में तांबे का उत्पादन भी बढ़ रहा है।
टूरिज्म:
राज्य में 3 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, 2 ज्योतिर्लिंग, 12 राष्ट्रीय उद्यान और 24 अभयारण्य हैं।
मध्य प्रदेश को बाघ, गिद्ध, तेंदुआ, घड़ियाल और चीता राज्य के रूप में जाना जाता है।
प्रदेश फिल्म शूटिंग के लिए एक पसंदीदा स्थल बन चुका है, जहां 400 से अधिक प्रमुख फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है।
राज्य में 167 देशों के नागरिकों के लिए ई-वीजा सुविधा है, और यह 30 हवाई अड्डों और पांच समुद्री बंदरगाहों के माध्यम से उपलब्ध है।
60 देशों के 133 विदेशी प्रतिनिधि शामिल होंगे
राजधानी देश और विदेश के निवेशकों और उद्योमियों के लिए तैयार है। जीआईएस में 60 देशों के 133 विदेशी प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस समिट में 10 देशों के राजदूत- मेक्सिको, ब्राजील, अर्जेंटीना, पेरू, अंगोला, बुर्किना फासो, मोरक्को, मोल्दोवा, नेपाल, जिम्बाब्वे। 8 उच्चायुक्त- ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, फिजी, जमैका, लेसोथो, रवांडा, सेशेल्स, युगांडा। 7 काउंसल जनरल- जापान, जर्मनी, मलेशिया, स्विट्जरलैंड, इटली, थाईलैंड, ताइवान। 6 मेंबर ऑफ मिनिस्टर/ एमपी/महापौर- जिम्बाब्वे के उप मंत्री, उल्पानोवस्क क्षेत्र, रूस की सरकार का प्रतिनिधिमंडल, मेयर और गेराईस क्रॉस टाउन काउंसिल के अध्यक्ष, हाउस ऑफ लार्ड्स, यूके के सदस्य, ओटावा मेयर, नॉर्वे के पूर्व मंत्री। 11 आनरेरी काउंसल- बुल्गारिया, जिबूती, अल्बानिया, तुवालु, हैती, म्यांमार, पलाऊ, पोलैंड, दक्षिण कोरिया, रोमानिया, उज्बेकिस्तान। 66 अंतरराष्ट्रीय संगठनों से भागीदारी- विश्व बैंक, डब्ल्यूएआईपीए, जेट्रो, टीएआई तारा, इंडो जर्मन चैंबर ऑफ कॉमर्स, भारत आयरलैंड परिषद, सिंगापुर इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स, कोरिया इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडो पोलिश चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री शामिल होंगे।
समापन कार्यक्रम में 25 फरवरी को केंद्रीय गृहमंत्री शाह होंगे शामिल
जीआईएस के दूसरे दिन 25 फरवरी को समापन में मुख्य सचिव अनुराग जैन राज्य के विकास के संदर्भ में भविष्य की रूपरेखा पर प्रकाश डालेंगे। इसके बाद ‘मध्यप्रदेश-अनंत संभावनाएं’ नामक वीडियो की प्रस्तुति होगी। इसमें राज्य की विशाल क्षमता और अवसरों को प्रदर्शित किया जाएगा। प्रमुख उद्योगपति सभा को संबोधित कर अपना विजन और अनुभव साझा करेंगे। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह का मुख्य संबोधन होगा।
सीएम करेंगे वन-टू-वन मीटिंग
मुख्यमंत्री डॉ. यादव भी संबोधित करेंगे। दो दिवसीय निवेश शिखर सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रमुख उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन मीटिंग और प्रदेश के औद्योगिक निवेश संभावनाओं पर परस्पर चर्चा करेंगे।
ऑटो, टेक्सटाइल, ओडीओपी की प्रदर्शनी
जीआईएस-2025 में इन निवेश शिखर सम्मेलनों के समानांतर ऑटो एक्सपो जोन, इलेक्ट्रिक वाहनों और स्वच्छ गतिशीलता में नवाचारों का प्रदर्शन, टेक्सटाइल एक्सपो जोन, टिकाऊ और सुरक्षात्मक वस्त्रों का प्रदर्शन और एमपी मंडप प्रदर्शनियां, मध्य प्रदेश की औद्योगिक ताकत और निवेश प्रोत्साहन को उजागर करना सहित कई प्रदर्शनियां होंगी। इसके अलावा समिट में कई समानांतर एक्सपो आयोजित किए जाएंगे, जिनमें मध्यभारत फैब्रिक और फैशन एक्सपो में मध्य प्रदेश के समृद्ध कपड़ा उद्योग, परिधान में नवाचार और उभरते वैश्विक फैशन रुझानों को प्रदर्शित किया जाएगा। ओडीओपी विलेज: राज्य की एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) पहल, स्थानीय कारीगरों और लघु उद्योगों का प्रदर्शन किया जाएगा। एमपी पैवेलियन प्रदर्शनी राज्य के औद्योगिक परिदृश्य और व्यावसायिक प्रोत्साहनों के बारे में जानकारी प्रदान करती है।
एमपी डिजिटल एक्सपीरियंस जोन – प्रधानमंत्री मोदी 5,000 वर्ग फीट में निर्मित इमर्सिव सेंटर का भ्रमण करेंगे। इसमें वे मध्य प्रदेश की समृद्ध विरासत, ऐतिहासिक धरोहर और पर्यटन स्थलों का वर्चुअल अनुभव लेंगे। यह जोन जीआईएस में आने वाले प्रतिभागियों को मध्यप्रदेश की परंपरा और नवाचार के संगम का अनुभव कराएगा। इसमें हुकुमचंद मिल, नदी जोड़ो परियोजना, मोहासा बाबई इंडस्ट्री पार्क, पीएम मित्र पार्क, नवीन नीतियां, एयर एंबुलेंस, महाकाल लोक, आदिवासी कला, कूनो चीता प्रोजेक्ट, एमपी का टेक्सटाइल और भीम बैठका व अन्य प्रोजेक्ट में कुछ का प्रदर्शन किया जाएगा।
सामान्य प्रदर्शनी – व्यवसायियों को अपने उत्पादों, सेवाओं और तकनीकी प्रगति को उजागर करने के लिए मंच प्रदान करना। जीआईएस-2025 कुशल यातायात और सुरक्षा प्रबंधन, ई-कार्ट स्टेशन और शटल सेवाओं के साथ सहज कार्यक्रम अनुभव प्रदान करेगा। स्थिरता और नवाचार पर केंद्रित, इसका उद्देश्य कार्बन-रहित आयोजन बनना है। जीआईएस-2025, निवेश शिखर सम्मेलन से कहीं अधिक भारत के सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में से एक मध्यप्रदेश में आर्थिक अवसरों का प्रवेश द्वार है। यह “उद्योग एवं रोजगार वर्ष 2025” की शुरुआत का प्रतीक है, जिसका उद्देश्य रोजगार सृजित करना, कौशल विकास को बढ़ाना और विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा तैयार करना है। यह शिखर सम्मेलन निवेशकों के विश्वास को सुदृढ़ करेगा, नई नीतियों को क्रियान्वित करेगा और रोजगार के अवसर खोलेगा, जिससे राज्य “विकसित भारत-विकसित मध्य प्रदेश” की ओर अग्रसर होगा।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 6 विभागीय सम्मेलन, 6 कंट्री सेशन और 10 विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। इनमें प्रमुख सत्रों में शामिल हैं:
विभागीय सम्मेलन-
आईटी और प्रौद्योगिकी
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा
पर्यटन
खनन
एमएसएमई और स्टार्टअप
नगरीय विकास
प्रवासी मध्यप्रदेश
कंट्री सेशन में इन देशों और क्षेत्रों के बारे में चर्चा की जाएगी:
इन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा-
फार्मा और मेडिकल डिवाइस
कौशल विकास
वस्त्र और परिधान
खाद्य प्रसंस्करण और बागवानी
लॉजिस्टिक्स
रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट
वन
एमएसएमई